04/10/2025
बच्चों को लेकर केंद्र सरकार की बड़ी चेतावनी : कफ सिरप न दें दो साल से कम उम्र के बच्चों को
िल्ली: केंद्र सरकार ने छोटे बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर एक महत्वपूर्ण हेल्थ एडवाइजरी जारी की है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी प्रकार का कफ सिरप नहीं दिया जाना चाहिए। यह परामर्श सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा गया है, ताकि बच्चों की जान को जोखिम में डालने वाली दवा का इस्तेमाल समय रहते रोका जा सके।
यह कदम उस समय उठाया गया है, जब हाल ही में मध्य प्रदेश में कथित रूप से दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत की खबरें सामने आईं। इस घटना ने स्वास्थ्य मंत्रालय को सतर्क कर दिया है और अब सरकार छोटे बच्चों के लिए दवाओं के इस्तेमाल पर ज्यादा सावधानी बरतने की बात कह रही है।
डीजीएचएस की वरिष्ठ अधिकारी डॉ. सुनीता शर्मा के अनुसार, आम तौर पर छोटे बच्चों में खांसी और जुकाम जैसी समस्याएं बिना किसी दवा के अपने आप ठीक हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि पाँच साल से कम उम्र के बच्चों को भी बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप देना खतरनाक हो सकता है। कई बार माता-पिता छोटे लक्षणों को देखते हुए बच्चों को तुरंत दवा देने लगते हैं, जबकि यह उनकी सेहत पर गंभीर दुष्प्रभाव डाल सकता है।
सलाह में कहा गया है कि यदि बच्चे को खांसी-जुकाम की समस्या हो तो घरेलू उपायों और डॉक्टर की सलाह को ही प्राथमिकता दी जानी चाहिए। बाजार में मिलने वाले कफ सिरप या खांसी-जुकाम की अन्य दवाएं छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं मानी जातीं।
विशेषज्ञों का कहना है कि छोटे बच्चों का शरीर बहुत संवेदनशील होता है और वयस्कों के लिए बनी दवाओं का असर उन पर अलग तरीके से हो सकता है। गलत खुराक या दूषित दवा बच्चों की जान के लिए खतरा बन सकती है। यही कारण है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारत सहित कई देशों के स्वास्थ्य विशेषज्ञ बार-बार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि बिना चिकित्सक की सलाह के बच्चों को कोई भी दवा न दी जाए।
केंद्र सरकार की यह नई एडवाइजरी एक तरह से चेतावनी भी है और जागरूकता अभियान का हिस्सा भी। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि माता-पिता, अभिभावक और यहां तक कि दवा दुकानदार भी छोटे बच्चों को कफ सिरप देने से पहले पूरी तरह से सतर्क रहें और डॉक्टर की सलाह के बिना ऐसी दवाएं बिल्कुल न दें।