24/09/2025
जब एक गेंद इस खिलाडी का करिअर खत्म कर गई 💔
ऐसी लगी कि अपनी याददाश्त भूल गए कुछ दिन को , एक आंख से दिखना कम हो गया , और वो मैच करिअर का आखरी मैच बन गया ।।
🧤 भारत के विकेटकीपर सबा करीम एक अधूरी कहानी 🧤
भारत के क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे नाम हैं,
जो चमके भी… लेकिन बदक़िस्मती ने उन्हें लंबा करियर नहीं दिया।
सबा करीम उन्हीं में से एक थे।
पटना, बिहार से आने वाले सबा करीम,
भारत के उन चंद खिलाड़ियों में से थे जिन्होंने छोटे शहर से निकलकर बड़ा नाम बनाया।
घरेलू क्रिकेट में वे लंबे समय तक रनों के अंबार लगाते रहे।
रांची और बिहार की टीम से उनका नाम लगातार चर्चा में रहा।
90’s का दौर भारतीय विकेटकीपरों के लिए काफ़ी टफ था।
उस समय नयन मोंगिया भारतीय टीम के स्थायी कीपर थे।
मोंगिया के रहते किसी और को मौक़ा मिलना लगभग नामुमकिन सा था।
लेकिन सबा करीम की मेहनत और घरेलू प्रदर्शन ने सेलेक्टर्स को मजबूर किया।
आख़िरकार उन्हें 1997 में मौका मिला।
वो भारत के लिए ODI और बाद में 1 टेस्ट भी खेले।
उनकी कीपिंग स्टाइल काफ़ी सॉलिड थी,
गेंद पर पैनी नज़र और तेज़ रिफ़्लेक्स उनकी पहचान थी।
बल्ले से भी वे निचले क्रम में काम चला लेते थे।
हालांकि देखा जाए तो उनकी बल्लेबाज़ी इंटरनेशनल लेवल पर औसत ही नज़र आती है , लेकिन वोह उस दौर मैं भी 6, और 7 नंबर पर ज़्यादा खेलते थे ।
मगर उनका करियर उस वक़्त का सबसे दुर्भाग्यपूर्ण हादसा झेल बैठा।
साल 2000 में बांग्लादेश के खिलाफ एशिया कप में खेलते हुए,
अनिल कुंबले की गेंद पर विकेटकीपिंग कर रहे थे।
एक गेंद सीधे उनकी दाहिनी आँख पर जा लगी।
⚡ उस एक गेंद ने उनकी ज़िंदगी बदल दी।
आँख पर लगी चोट इतनी गंभीर थी कि उनकी दृष्टि धुंधली हो गई।
धीरे-धीरे याद्दाश्त और विज़न दोनों प्रभावित हुए।
कई ऑपरेशन हुए, लंबा इलाज चला, लेकिन नज़र पूरी तरह लौट न सकी।
वो सिर्फ़ 1 टेस्ट और 34 ODI खेलकर ही रुक गए।
वरना शायद लंबे समय तक भारत के विकेटकीपर रह सकते थे।
सबा करीम की कहानी बताती है कि क्रिकेट सिर्फ़ टैलेंट और मेहनत का खेल नहीं है,
कभी-कभी किस्मत भी सबसे बड़ा रोल निभाती है।
करियर छोटा रहा, लेकिन उनकी हिम्मत और जज़्बा आज भी लोगों को याद है।
बाद में उन्होंने BCCI में एडमिनिस्ट्रेटिव रोल भी निभाए।
🙏 बिहार से निकलकर भारत तक पहुँचना आसान नहीं था।
सबा करीम ने वो कर दिखाया,
भले ही उनका सफ़र अधूरा रह गया,
लेकिन उनका नाम भारतीय क्रिकेट की किताबों में हमेशा दर्ज रहेगा।
नीचे शायद एक तस्वीर उसी मैच की है जब उनको बाल लगी थी ।।
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सौजन्य असीम कुमार