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 #फर्जी_IPS से  #हीरो बने लखीसराय निवासी मिथिलेश मांझी....भोजपुरी एलबम राजा हीरो लगा तारा वर्दी में...गाने से भोजवूड में...
03/10/2024

#फर्जी_IPS से #हीरो बने लखीसराय निवासी मिथिलेश मांझी....भोजपुरी एलबम राजा हीरो लगा तारा वर्दी में...गाने से भोजवूड में की धमाकेदार एंट्री

18/09/2024

बिहार के लाल ने सबका दिल जीत लिया ।

14/09/2024

क्या बिहार में स्मार्ट मीटर के नाम पर जनता के साथ शोषण हो रहा है। Nitish Kumar

समय बहुत तेज़ी से बदलता है। कुछ महीनों पहले तक विकास दिव्यकीर्ति माँ सीता पर बदजुबानी कर रहे थे, The Lallantop उन्हें सफ...
30/07/2024

समय बहुत तेज़ी से बदलता है। कुछ महीनों पहले तक विकास दिव्यकीर्ति माँ सीता पर बदजुबानी कर रहे थे, The Lallantop उन्हें सफाई के लिए मंच दे रहा था। अवध ओझा भगवान श्रीकृष्ण को लेलर गलतबयानी कर रहे थे, वीडियो डालने वाले को फोन कर-कर के धमका रहे थे।

आज देखिए, समय कैसे बदल गया है। दुनिया भर को ज्ञान बाँचने वाले विकास दिव्यकीर्ति का ही कोचिंग संस्थान छात्रों को खतरे में डाल कर बेसमेंट में संचालित होता हुआ पाया गया। 'राजा' बनने के प्रवचन देने वाले अवध ओझा कहाँ गायब हैं, किसी को नहीं पता। सबसे बड़ी बात कि इन्हें कई-कई घंटों का स्पेस उपलब्ध कराने वाला 'द लल्लनटॉप' ही आज इनके पीछे पड़ा हुआ है, इनके विरुद्ध खुल कर वीडियो डाल रहा है। इसीलिए कहते हैं - समय बड़ा बलवान। कल तक छात्र-छात्रों की नज़र में जो भगवान थे, आज उन्हें ही गाली पड़ रही है। हबीब जालिब की इन पंक्तियों को देखिए:

कोई ठहरा हो जो लोगों के मुक़ाबिल तो बताओ
वो कहाँ हैं कि जिन्हें नाज़ बहुत अपने तईं था

सही समय का इंतज़ार कीजिए, समय एक सा नहीं रहता है। एक सितारा चढ़ता है तो दूसरा गिरता है। जो नहीं गिरता है उसे गिरा दिया जाता है, या जो नहीं चढ़ पाता उसे मिल कर चढ़ाया जाता है। इनमें जो लड़ाका होते हैं, वो बार-बार वापस आते हैं, कुछ इतिहास में गुम हो जाते हैं तो कोई शीर्ष पर बिताए चंद समय की कमाई मरने के बाद भी अपनी कई पुश्तों को खिलाता है। विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा व्यापारी हैं, लेकिन इन्हें बनना 'ज्ञानी' था। ऊपर से इनकी राजनीतिक इच्छाएँ भी रह-रह कर हिलोड़ें मारती थीं। कुछ समय के लिए सब मिट्टी में मिल गया है। कम से कम अब ये 'प्रवचन' तो नहीं देंगे। आंदोलन यूँ ही चलता रहा तो कारोबार पर भी असर पड़ना तय है।


•UNICEF ने अपनी रिपोर्ट में बताया ⬇️UNICEF
20/06/2024

•UNICEF ने अपनी रिपोर्ट में बताया ⬇️
UNICEF

A viral video showing the newly sworn in union minister of state Savitri Thakur writing the central government's guiding...
20/06/2024

A viral video showing the newly sworn in union minister of state Savitri Thakur writing the central government's guiding slogan 'Beti Bachao Beti Padhao' incorrectly in Devnagari script.
The video which pertains to an event organised by a local NGO in tribal dominated Dhar district on Tuesday, as part of the statewide launch of the new academic session of schools under the 'School Chale Hum Abhiyan', shows Thakur - the newly sworn in union minister of state for women and child development write the government's slogan incorrectly.

27/05/2024

एक ऐसा गीत जिससे समाज में बेटियों को लेकर संदेश देने का प्रयत्न सलोनी नाम की लड़की द्वारा इतना प्यारा गीत और इतना प्यार भरा संदेश । ज़रूर सुनें

•चुनाव आते है नेता आते है फिर दुबारा वो हमारे गाँव में नहीं आते है। ऐसा इस 8 साल की बच्ची बोल रही थी॰ये जो लड़की आपको आग...
21/05/2024

•चुनाव आते है नेता आते है फिर दुबारा वो हमारे गाँव में नहीं आते है। ऐसा इस 8 साल की बच्ची बोल रही थी
॰ये जो लड़की आपको आगे देखते हुए दिख रही है मैं इसी का बात कर रहा हूँ । हमारे देश में लोग नेताओं को उम्मीद भरी नज़रों से देखते है वो सोचते है की ये हमारे उम्मीदों पर खरा उतरेंगे लेकिन दुर्भाग्य वस ऐसा नहीं हो तो उम्मीद टूट जाता है।
फिर दुबारा उम्मीद करते है आगे करते रहते है चाहे वो हमारे उम्मीदों पर खरा उतरे या नहीं, ग़रीब अमीर हो या ना हो वो ज़रूर अमीर हो जाते है और वो पूंजीपतियों के लिस्ट में और हम ग़रीबी लिस्ट में। ये जो लड़की आपको दिख रही है
ये पाँचवी कक्षा में पढ़ती है मैंने इस से पूछा कि कहाँ पढ़ती हो सरकारी या प्राइवेट स्कूल में तो बोली भइया प्राइवेट में पढ़ते है सरकारी में पढ़ाई थोड़ी होती है जो पढ़ने जाएँगे।
मैंने कहाँ बात तो सही बोली , फिर पूछने पर बोली की भइया मैं नेता बन सकती हूँ मैं बोला क्यूँ नहीं ज़रूर बन सकती हो फिर बोली इसके लिए कितना पढ़ना होता है ? मैंने हस्ते हुए कहाँ नेता बनने के लिए पढ़ना नहीं पड़ता है अनपढ़ भी नेता बन सकता है । फिर उसने कहाँ भैया नौकरी तो पढ़ने से मिलती है फिर इसमें बिना पढ़े कैसे होगा ? मैंने कहाँ ये हमारे देश की ख़ासियत है पढ़े लिखे नौकर और अनपढ़ नेता बन जाते है हाँ ये अलग बात है कि नेता भी पढ़े लिखे होते है सब अनपढ़ ही नहीं होते है । लेकिन फिर भी हमारे देश में पढ़े लिखो का नेता बनना लगभग नामुमकिन होता है । जब मैंने इस से पूछा बड़ी होकर क्या बनोगी तो हस्ते हुए बोली नेता बनेंगे”मैंने कहाँ क्यू? तो बोली पुलिस पीछे पीछे रहता है इसीलिए ।इस देश के लोग देश में बहुत सारी कमियों के साथ जी रहे है’ बहुत तो ग़रीबी रेखा के नीचे ही मर जाते है। इस देश में सासन है प्रशासन है लेकिन लोगो के पास अभी भी राशन नहीं है। राशन के नाम पर है तो पाँच किलो गेहूं तीन किलो चावल और अपना जात और अपना धर्म इन्ही के सहारे हम चल रहे है अभी ।जब तक हमारे देश के लोग और हम अनपढो को हमारा उतराधिकारी मानते रहेंगे जब तक पढ़े लिखे को मौक़ा नहीं देंगे तब तक इस देश का कल्याण नहीं हो सकता और ना ही हमारा कल्याण हो सकता है ।
मतलब ये कि देश को राशन की ज़रूरत है भाषण की नहीं!
और हाँ राशन मतलब ५ और ३ किलो वाली राशन की बात मैं नहीं कर रहा हूँ। इक सांसद इक विधायक से हम जो उम्मीद रखते है उनको देखते हुए हमे उन्हें वोट करना चाहिए अगर कोई मौक़ा ना हो तो नोटा दबा कर विरोध करे और देश के आनें वाले पीढ़ी के भविष्य और अपना भविष्य दोनों बचाये रखना चाहिए।

21/05/2024

Giridih Loksabha

20/05/2024

लोकतंत्र 🇮🇳

नाम संगीता देवी पहला शादी हुआ तो पति का देहांत हो गया उनसे एक बच्चा(बेटी) भी है फिर ससुराल वालो ने घर से निकाल दिया फिर ...
18/05/2024

नाम संगीता देवी पहला शादी हुआ तो पति का देहांत हो गया
उनसे एक बच्चा(बेटी) भी है फिर ससुराल वालो ने घर से निकाल दिया फिर माँ के पास पहुँची कुछ सालो के बाद परिवार ने दूसरी सादी करवा दी दूसरी सादी जिनसे हुआ उनसे भी एक बच्चा है फिर कुछ सालो बाद पति इनसे संपर्क तोड़ तीन साल हुए इनको छोड़ दिया फिर ये अपने पिता के घर आ गई क्योंकि वहाँ रहने नहीं दिया गया
फिर इन्होंने प्रशाशन से मदद माँगी कुछ भी नहीं हुआ फिर अपने गाँव के मुखिया से मदद माँगी मुखियाँ जी ने कहाँ मैं कुछ नहीं कर सकता फिर इन्होंने विधायक से सोची मदद माँगने का वो इनसे मिलना तक उचित नहीं समझा और ये चक्कर काट काट के थक गई कुछ भी नहीं हुआ साशन प्रशासन से कोई मदद नहीं मिल पाया
इनके पास एक बेटी और एक बेटा है पिता जी भी बूढ़े है और पिता बोड़ा उठाने का काम करते है मतलब मज़दूरी का काम जो महीने में ठीक से ३० दिन भी नहीं हो पाता है दो भाई है उनसे भी कोई मदद नहीं मिल पाता है जो भी है पिता द्वारा ही इनका पेट चलता है बाक़ी कही से कोई मदद नहीं है संगीता देवी पढ़ी लिखी भी कम है वो तीसरी कक्षा तक पढ़ी हुए है इसीलिय वो बोली की मैं ख़ुद कुछ कर भी सकती लेकिन अगर कोई मदद मिले तो मैं काम सीख कर ज़रूर सकती हूँ और अपने बारे में बोलते बोलते रो रही थी कह रही थी की सरकार द्वारा हम जैसों के लिय कोई व्यवस्था है कि नहीं
और इतना कुछ सुन मैं ख़ुद भाऊक हो गया था और ग़ौर से इनकी कहानी को सुन रहा था अंदर से ये महिला काफ़ी कुछ झेल चुकी थी और झेल भी रही थी इनके पास पैसा का कोई स्रोत नहीं है जिनसे इनका और इनके बच्चो का पालन पोषण हो सके , न जाने इस देश में कितनी संगीता जैसी महिला होगी जिनको सरकार द्वारा काई व्यवस्था नहीं है जिसने इनका पेट चल सके ना कोई पेंशन ना कोई योजना है
सरकार को इनकी और इन जैसो की मदद करनी चाहिए ताकि समाज में ये भी जी सके । और इनको मरने का नौबत ना आय। साशन हो या प्रसाशन इन जैसे लोगो को अनदेखा कर के चल रही है। ये भी मनुष्य है इनको भी जीने का अधिकार है कम से कम इनको पेंशन और काम काज के लिए उचित व्यवस्था होनी चाहिए जिससे ये भी समाज में जी सके !
नाम - संगीता देवी
पिता - द्वारका पंडित
गाँव - हड़लाडीह
पोस्ट - हड़लाडिह
ब्लॉक - पीड़टार
ज़िला - गिरीडीह
राज्य - झारखंड
मोबाइल नंबर इनके घर के किसी सदस्य का है - 9155866626

सरकार को ऐसे लोगो पर ध्यान देना चाहिए और इनके लिए ज़मीनी अस्तर पर काम करना चाहिए ताकि इन ज़ैसो को मरने की नौबत ना पहुँचे और समाज में जी सके ।
Narendra Modi Hemant Soren Chandra Prakash Choudhary

◆ 2 फरवरी 1990 को दक्षिण अफ्रीका के स्टेट प्रेसिडेंट डी डब्लू क्लर्क ने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस पार्टी से बैन हटाकर देश म...
03/02/2024

◆ 2 फरवरी 1990 को दक्षिण अफ्रीका के स्टेट प्रेसिडेंट डी डब्लू क्लर्क ने अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस पार्टी से बैन हटाकर देश में APARTHIED खत्म करने की शुरुआत कर दी.

और 27 साल से जेल में बंद नेल्सन मंडेला को जेल से रिहा किया.

◆ 1994 में अल्पसंख्यक विशेषाधिकार और अलगाववादी नीति APARTHIED को कानूनी रूप से खत्म कर दिया गया.

अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस को चुनाव लड़ने का अधिकार मिला और बहुसंख्यक ब्लैक समुदाय को मतदान करने का अधिकार मिला.

◆ लोकतांत्रिक प्रक्रिया से दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला चुने गए. और वाइट सुप्रीमेसी की ताकत खत्म हो गयी.

यह सब डी डब्लू क्लर्क के सहयोग और योगदान के बिना मुमकिन नही था.

डी डब्लू क्लर्क और नेल्सन मंडेला को शांति के लिए नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया.

◆ क्या मुमकिन है कभी भारत में डी डब्लू क्लर्क पैदा होगा जो जाति वर्ण व्यवस्था को कानूनी और धार्मिक तौर पर खत्म कर देश में समानता लाएगा और सवर्ण सुप्रीमेसी को खत्म करेगा ?
#नेल्सन_मंडेला

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