30/07/2024
समय बहुत तेज़ी से बदलता है। कुछ महीनों पहले तक विकास दिव्यकीर्ति माँ सीता पर बदजुबानी कर रहे थे, The Lallantop उन्हें सफाई के लिए मंच दे रहा था। अवध ओझा भगवान श्रीकृष्ण को लेलर गलतबयानी कर रहे थे, वीडियो डालने वाले को फोन कर-कर के धमका रहे थे।
आज देखिए, समय कैसे बदल गया है। दुनिया भर को ज्ञान बाँचने वाले विकास दिव्यकीर्ति का ही कोचिंग संस्थान छात्रों को खतरे में डाल कर बेसमेंट में संचालित होता हुआ पाया गया। 'राजा' बनने के प्रवचन देने वाले अवध ओझा कहाँ गायब हैं, किसी को नहीं पता। सबसे बड़ी बात कि इन्हें कई-कई घंटों का स्पेस उपलब्ध कराने वाला 'द लल्लनटॉप' ही आज इनके पीछे पड़ा हुआ है, इनके विरुद्ध खुल कर वीडियो डाल रहा है। इसीलिए कहते हैं - समय बड़ा बलवान। कल तक छात्र-छात्रों की नज़र में जो भगवान थे, आज उन्हें ही गाली पड़ रही है। हबीब जालिब की इन पंक्तियों को देखिए:
कोई ठहरा हो जो लोगों के मुक़ाबिल तो बताओ
वो कहाँ हैं कि जिन्हें नाज़ बहुत अपने तईं था
सही समय का इंतज़ार कीजिए, समय एक सा नहीं रहता है। एक सितारा चढ़ता है तो दूसरा गिरता है। जो नहीं गिरता है उसे गिरा दिया जाता है, या जो नहीं चढ़ पाता उसे मिल कर चढ़ाया जाता है। इनमें जो लड़ाका होते हैं, वो बार-बार वापस आते हैं, कुछ इतिहास में गुम हो जाते हैं तो कोई शीर्ष पर बिताए चंद समय की कमाई मरने के बाद भी अपनी कई पुश्तों को खिलाता है। विकास दिव्यकीर्ति और अवध ओझा व्यापारी हैं, लेकिन इन्हें बनना 'ज्ञानी' था। ऊपर से इनकी राजनीतिक इच्छाएँ भी रह-रह कर हिलोड़ें मारती थीं। कुछ समय के लिए सब मिट्टी में मिल गया है। कम से कम अब ये 'प्रवचन' तो नहीं देंगे। आंदोलन यूँ ही चलता रहा तो कारोबार पर भी असर पड़ना तय है।