
17/08/2025
जिले के इतिहास में पहली बार सादरी में गूंजा डीसी का संबोधन, जनता ने उत्साह से किया स्वागत
सिमडेगा:- नागपुरी भाषा में संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा सिमडेगा जिले के मेरे भाईयों, बहनों और प्यारे बच्चों, जय हिन्द।राऊरे सौब मनके जोहार।आज जब हम तिरंगे की छांव में भारत की स्वतंत्रता का उन्नासीबां उत्सव मना रहे हैं तो यहां उपस्थित जन-जन को ज्ञात है कि यह हमारे लिये केवल एक राष्ट्रीय पर्व ही नहीं है, बल्कि उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने का अवसर भी है जिनके त्याग बलिदान और अदम्य साहस ने हमें आजादी का यह अमूल्य उपहार दिया। राष्ट्र के निर्माण में अपना जीवन उत्सर्ग करने वाले उन सभी जननायकों को हमारा नमन।आपन प्यारा देस केर स्वतंत्रता केर उन्नासीवां उत्सव पूरेक केर सुन्दर बेरा में मोय राऊरे सऊब सिमडेगा वासी के बधाई देओथों।राष्ट्रीय परब कर ई पवितर बेरा में मोंय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ० बाबा साहेब भीम राव अम्बेदकर, डॉ० राजेन्द्र प्रसाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, शहीद भगत सिंह, सरदार पटेल सहित सऊब देश भक्त मनके श्रद्धांजलि देओथों।आज हम झारखण्ड के वीर बलिदानियों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हैं। ई बेरा मोंय झारखण्ड के सऊब वीर सपूत भगवान बिरसा मुण्डा, बीर सिद्धो-कान्हो, तिलका मांझी, चाँद भैरव, फूलो-झानो, बीर बुधु भगत, जतरा टाना भगत, अऊर झारखण्ड राज्य कर प्रणेता दिशोम गुरू बाबा शिबु सोरेन ई सऊब मनके नमन करोथों, जेकर संघर्ष केर गौरव गाथा आईज हो हमरे के हिम्मत देओथै। ई अवसर पर मोंय सिमडेगा जिला केर स्वतंत्रता सेनानी अऊर जे मन सेना में शहीद होंलय तथा अर्द्धसैनिक बल और पुलिस केर वीर जवान कर बलिदान के भी सलाम करोथों।हम इन वीरों के साथ-साथ उन अनगिनत ज्ञात-अज्ञात नायकों को भी नमन करते हैं, जिन्होंने समाज और राष्ट्र की रक्षा और विकास के लिए अपना जीवन खपा दिया। आइए, आज हम संकल्प लें कि हम अपने पूर्वजों के इन बलिदानों को व्यर्थ नहीं जाने देंगे। हम सब मिलकर सिमडेगा, झारखंड और भारत को समृद्ध, सशक्त और स्वावलंबी बनाने के लिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे।प्यारे जिला वासियों आप अवगत हैं कि मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के कुशल नेतृत्व में आपकी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को जनमानस का भरपूर सहयोग मिला है तथा जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, सिविल सोसाइटी और आम जनता की सक्रिय भागीदारी से सिमडेगा जिला निरंतर विकास की ओर अग्रसर है। जिले में संचालित प्रमुख योजनाओं की प्रगति अत्यंत उत्साहजनक है। आजादी की इस शुभ बेला में मैं जिले की कतिपय उपलब्धियों का उल्लेख करना चाहूँगी।
*उपायुक्त कंचन सिंह ने स्वतंत्रता दिवस पर प्रस्तुत किया जिले की प्रगति यात्रा का लेखा जोखा*
राऊरे मन जानाथी होई कि अबुआ सरकार जे भी योजना चलाथे राऊरे मनकेर सहयोग और कड़ा परिश्रम से जिला दिन-कु-दिना आगे बढ़थे और खुशी देवोथे। आईज ई सुन्दर बेरा में मोय तनिक ई योजना केर बारे में भी बताएक जाथों।आपको यह जानकर प्रसन्नता होगी कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम में सिमडेगा ने राष्ट्रीय स्तर पर बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है। इस उपलक्ष्य में हमारे जिले को तीन करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि की घोषणा हुई है जिसका उपयोग जिले की आधारभूत संरचनाओं के विकास हेतु किया जायेगा। साथ ही, नीति आयोग के संपूर्णता अभियान के तहत सिमडेगा जिला एवं बांसजोर प्रखण्ड को सिल्वर मेडल प्राप्त हुआ है। ये उपलब्धियाँ विभिन्न विभागों के आपसी समन्वय एवं योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन का परिणाम हैं।अबुआ सरकार गरीबी उन्मूलन के लिए भी बहुआयामी प्रयास कर रही है जिनका उद्देश्य केवल आय बढ़ाना ही नहीं बल्कि जीवन स्तर को समग्र रूप से सुधारना है। मनरेगा योजना अंतर्गत प्रत्येक गाँव में औसतन 13 (तेरह) योजनायें संचालित की जा रही हैं ताकि गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार मुहैया करवाया जा सके। जिले की 2328.5 एकड़ जमीन पर बिरसा हरित ग्राम योजना का क्रियान्वयन कराया जा रहा है जिसमें लगाये जाने वाले लाखों पौधे दीदी बगिया की नर्सरी से आ रहे हैं। बिरसा सिंचाई कूप संवर्धन योजना अंतर्गत जिले में 2362 कूपों का निर्माण कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अंतर्गत पशु शेड निर्माण एवं ग्रामीणों में कुपोषण की रोकथाम हेतु दीदी बाड़ी योजना के माध्यम से साग-सब्जियों की खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है।सरकार गृह विहीन लोगों को आवास उपलब्ध कराने के लिये प्रतिबद्ध है। विगत वर्ष 10 हजार अबुआ आवास सहित अन्य आवास योजनाओं के अंतर्गत कुल 17,999 आवासों का निर्माण स्वीकृत किया गया है। आवास प्लस सर्वे में 42.833 लाभुकों को आवास आच्छादन हेतु जोड़ा गया है।जिले की 1,52,850 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि पर कृषि के विकास के लिये बीज, उर्वरक वितरण के साथ-साथ सिंचाई की भी सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। 12.051 किसानों के खेतों की मिट्टी की गुणवत्ता की जांच की गयी। 24.647 किसानों के बीच सरकारी अनुदान पर 1155 क्विंटल बीज का वितरण किया गया। 158 हेक्टेयर असिंचित कृषि भूमि को ड्रिप एवं मिनी स्प्रिंक्लर सिंचाई प्रणाली से अच्छादित किया गया।जिले में मछली पालन की भी अपार संभावनाएं हैं। मत्स्य पालकों को स्पॉन वितरण के साथ-साथ केज बैटरी अधिष्ठापन, मछली पकड़ने की नाव एवं बाजार में विक्रय में सहायता हेतु बाहनों को लाभ भी दिया गया। अन्य स्थलों पर मछली पालन के विस्तार की संभावनाओं पर भी जिला प्रशासन गंभीरता से कार्य कर रहा है।जिले की 83 हजार से भी अधिक ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने की मुहिम में झारखण्ड राज्य आजीविका संवर्धन सोसाईटी पलाश के माध्यम से 7410 स्वयं सहायता समूहों को 20 करोड़ रुपये से अधिक की चक्रिय निधि तथा 67 करोड़ रुपये से अधिक की सामुदायिक निवेश निधि दी गयी है। चार हजार से अधिक उद्यमी दीदियों को 6 करोड़ 50 लाख रुपये का ऋण दिया गया है एवं 20 हजार से भी अधिक महिलाएं एक लाख रुपये से अधिक का मुनाफा कमा रही हैं। फूलो-झानो आशीर्वाद योजना के तहत जिले में 3675 महिलाओं को हड़िया दारू बेचने के स्थान पर सम्मानजनक वैकल्पिक रोजगार के लिये आर्थिक सहायता प्रदान की गयी है। ग्रामीण महिलाओं द्वारा संचालित दीदी कैफे से उन्हें व्यवसाय की बारीकियां समझने की क्षमता और लोगों को शुद्ध आहार मिल रहा है। जिले के परंपरागत कृषि और वन-उत्पादों को बृहत बाजार देने का कार्य जारी है। आर्थिक सशक्तिकरण के मार्ग पर चल रही ये महिलाएं समाजिक एवं कानूनी मामलों में भी सक्षम चेंज मेकर बन रही हैं तथा घरेलू हिंसा, लिंग आधारित हिंसा, मानव तस्करी, यौन हिंसा एवं साईबर क्राईम आदि से पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिये इनके द्वारा जिले में पांच जेंडर रिसोर्स सेंटर और चार न्याय सलाह केन्द्र चलाये जा रहे हैं।जिले में सरकारी एवं सरकार द्वारा सहायता प्राप्त कुल 982 प्राथमिक माध्यमिक एवं उच्च विद्यालयों के माध्यम से सरकार बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिये प्रतिबद्ध है। आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर बच्चो को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें स्कूल किट, साईकिल एवं पोशाक के साथ सर्वसुलभ शिक्षा, अनुशासन और नैतिक मूल्य देकर ये विद्यालय राष्ट्र निर्माण मे अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जिले में संचालित तीन सी०एम० स्कूल ऑफ एक्सीलेंस एवं 10 आदर्श विद्यालयों में बच्चों को शिक्षा के लिये आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाये जा रहे हैं, जिनका सकारात्मक प्रभाव हम आने वाले समय में देख सकेंगे।
जिले वासियों को ससमय उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता है। चिकित्सकों की उपलब्धता और शल्य चिकित्सा की सुविधा सुनिश्चित करवाने के लिये गम्भीर प्रयास किये जा रहे हैं। आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि सदर अस्पताल, सिमडेगा सहित जिले के तीन स्वास्थ्य संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित मापदण्डों के अनुसार बेहतर स्वस्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के फलस्वरूप इसी माह National Quality Assurance Standard (NQAS) का सर्टिफिकेट मिला है। 2025-26 में जिले के 87 स्वास्थ्य संस्थानों को यह सर्टिफिकेशन दिलाने के लिये आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। जरूरतमंदों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना एवं मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत वर्ष 2025 में अबतक कुल 60 लाख रुपये से अधिक की राशि प्रदान की गयी है। साथ ही, हर मरीज को एम्बुलेंस की सुविधा के लिये हम प्रयत्नशील हैं। सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों जहां बड़ी गाड़ियों का आवागमन नहीं हो सकता है वहां के लोगों को चिकित्सीय लाभ अविलम्ब उपलब्ध कराने हेतु 20 बाईक एम्बुलेंस की मरम्मती कर पुनः प्रयोग हेतु पुलिस थानों को दिया गया है।
जीवन के आरम्भिक वर्षों में बच्चों पर किया गया निवेश उनके व्यक्तित्व निर्माण में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिले में संचालित कुल 967 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से सरकार कुपोषण की रोकथाम और स्वस्थ मातृत्व एवं शिशु पोषण के लिये कृत संकल्पित हैं। इन केन्द्रों में पोषण, पूर्व प्राथमिक शिक्षा और देखभाल के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास पर अत्यंत महत्वपूर्ण कार्य किया जा रहा है। पोषण अभियान को जन आंदोलन का रूप देने का प्रयास किया जा रहा है। तकनीकी दक्षता से सेवाओं की डिलिवरी को और बेहतर करने पर कार्य किया जा रहा है।
बाल विवाह को हतोत्साहित करने के लिये 184 योग्य लाभूकों को विगत वर्ष में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत तीस हजार रुपये की राशि दी गयी है। इसी तरह 200 से अधिक बच्चों के देखभाल और पालन-पोषण के लिये हर माह 4000 रुपये दिये जा रहे हैं। चाईल्ड ट्रैफिकिंग एवं मानब तस्करी की रोकथाम के लिये प्रशासन द्वारा जागरूकता, रेस्क्यू एवं गिरफ्तारी तीनों स्तरों पर कार्रवाई की जा रही है। शिकायत दर्ज करने हेतु 1098 चाईल्ड हेल्पलाईन नम्बर एवं एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट कार्यरत है।
बेटियों के सपने साकार करने के लिये सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना संचालित की जा रही है, जिससे जिले की सत्रह हजार से अधिक बच्चियाँ लाभान्वित हो रही हैं एवं विगत वर्ष में 9 करोड़ 15 लाख 20 हजार की प्रोत्साहन राशि वितरित की गयी।
वृद्धों, विधवाओं, आदिम जनजातियों, HIV/AIDS से पीड़ित व्यक्तियों, जनजातियो, HIV/AIDS TRANSGENDER/THIRD GENDER के साथ-साथ दिव्यांगों की समस्याओं के लिये माननीय मुख्यमंत्री की महत्वाकाक्षी सर्वजन पेंशन योजना एवं अन्य पेंशन योजनाओं के तहत सिमडेगा जिले में विगत वर्ष कुल 63,247 व्यक्तियों को विभिन्न श्रेणियों में कुल 72 करोड़ 42 लाख 31 हजार रुपये की राशि प्रदान की गयी।
महिला और पुरूष विकास के मार्ग पर चलने वाले रथ के पहिए है। संतुलित और स्थायी गति के लिये दोनों को समान अवसर और संसाधन मिलने चाहिए। महिलाओं को अवसर की यह समानता प्रदान करने के लिये तथा उन्हें निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिये संचालित राज्य सरकार की मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना एक क्रातिकारी कदम है। विगत वर्ष कुल 94.331 महिलाओं को 116 करोड़ से अधिक रुपयों की सम्मान राशि दी गयी थी एवं इस वर्ष भी अब तक 90.381 लाभुकों को लग लगभग 90 करोड़ रुपये की सम्मान राशि दी जा चुकी है।
व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति सुनिश्चित करने हेतु झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना, मुख्यमंत्री चनादाल वितरण योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत सरकार जिले के 1,31,000 परिवारों को खाद्यान्न का वितरण कर रही है। साथ ही, सोना सोबरन, धोती साड़ी वितरण योजना का लाभ भी दिया जा रहा है।
जिला प्रशासन आपदाजनित दुर्घटनाओं के प्रति भी माननीय मुख्यमंत्री की चिन्ता के प्रति अत्यंत संवेदनशील है। सर्पदंश, वज्रपात, डूबने, सड़क दुर्घटना, अतिवृष्टि आदि से मृत्यु, पशु क्षति, मकान क्षति आदि विभिन्न आपदाओं से प्रभावित परिवारों को विगत वर्ष से अब तक 2.5 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि भुगतान की गयी है। इसके अतिरिक्त जंगली हाथियों से प्रभावित लोगों के बीच विगत वर्ष से अब तक दो करोड़ रुपये अनुग्रह अनुदान के रूप में दिये गये हैं।
आदिवासी, दलित, पिछड़े और वंचित वर्ग के 76,000 विद्यार्थियों को कल्याण विभाग के द्वारा विगत वर्ष 18 करोड़ से अधिक की राशि विभिन्न कक्षाओं में छात्रवृत्ति के रूप में दी गयी है एवं 3.968 साईकिलों का वितरण किया गया है। अनुसूचित जनजाति के बच्चों को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिये जिले में इस वर्ष तीन एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का शुभारम्भ किया गया। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत स्वरोजगार करने हेतु 64 लाभुकों के बीच 3 करोड़ 70 लाख से अधिक की राशि दी गयी है।
सिमडेगा जिले का बहुत बड़ा भू-भाग वनों से आच्छादित है। पीढ़ियों से इन वन क्षेत्रों में निवास करने वाले वनवासी और आदिवासी अपनी आजीविका के लिये इन्हीं वनों पर निर्भर हैं। जिले में कुल 50 हजार एकड़ से अधिक की वन भूमि पर 9681 व्यक्तिगत वनपट्टे एवं 134 सामुदायिक वनपट्टे वितरित किये गये हैं, जो सिर्फ भूमि का दस्तावेज मात्र नहीं है बल्कि सामाजिक सुरक्षा, आजीविका की स्थिरता और सम्मान जनक जीवन का आधार भी हैं।
लगातार बढ़ती जनसंख्या का दबाव और विकास के लिये आवश्यक अवसंरचनाओं के कारण वन क्षेत्र लगातार छीजित हो रहा है। जलवायु संतुलन, मिट्टी की उर्वरता, जल संरक्षण, भू-जल स्तर में वृद्धि और जैव विविधता के लिये वनों का संरक्षण और पुनः रोपण आवश्यक है। सिमडेगा जिले में इस क्षेत्र में भी प्रयास किये जा रहे हैं एवं जिले में विगत वर्ष से अब तक 3,25,000 पौधों का रोपण किया जा चुका है।
प्रकृति ने सिमडेगा को अपार सौन्दर्य का वरदान दिया है। जिले के सभी पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के लिये पर्यटक मित्रों की नियुक्ति की गयी है। राजाडेरा, घूमरीघाट, बसतपुर और दनगद्दी में ईको टूरिज्म विकसित किया गया है। इन जगहों में अन्य संभावनाओं की भी तलाश जारी है। रामरेखा धाम मेला को पर्यटन महोत्सव घोषित किया गया है एवं इसके पर्यटकीय विकास के लिये 18 करोड़ 86 लाख 65 हजार रुपये प्राप्त हुए हैं, जिनका उपयोग इस धाम के सौन्दर्याकरण एवं आवश्यक अवसंरचनाओं के विकास हेतु किया जायेगा।
परम्परागत रूप से हॉकी को भारत के राष्ट्रीय खेल के रूप में मान्यता प्राप्त है और सिमडेगा इसकी नर्सरी के रूप में विख्यात है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले माइकल किडो, सिलबानूस डुगडुग, सलीमा टेटे, सुमराय टेटे, सहित कई हॉकी खिलाडी सिमडेगा की धरती की विभूतियां हैं। सरकार ने इनके योगदान को सम्मानित करते हुए मेजर ध्यानचंद अवार्ड एवं अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा है। इस वर्ष असुता लकड़ा को पद्मश्री से सम्मानित किये जाने का प्रस्ताव जिला प्रशासन ने सरकार को दिया है। वर्तमान में भारतीय महिला टीम में कप्तान सलीमा टेटे सहित जिले की 6 बेटियां शामिल हैं, वहीं जूनियर भारतीय महिला टीम में भी यहां की बेटियों ने अपनी जगह बनायी है। पुरुषों में 04 दर्जन से अधिक खिलाड़ी भारत के लिए खेल चुके हैं। खेलों को और अधिक बढ़ावा देने के लिये जिले में 4 आवासीय क्रीड़ा प्रशिक्षण केन्द्र, 2 सी०एम० सेंटर ऑफ एक्सीलेंस और 11 डे-बोर्डिंग क्रीडा प्रशिक्षण केन्द्र कार्यरत हैं। अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम का निर्माण कार्य पूर्ण किया जा चुका है और पांच प्रखण्डों में प्रखण्ड स्तरीय स्टेडियम निर्माणाधीन हैं। सभी गांवों में सिद्धो कान्हू युवा खेल क्लब का गठन कर लिया गया है एवं प्रत्येक को 25,000.00 रुपये की अनुदान राशि दी जा रही है ताकि स्थानीय स्तर पर प्रचलित खेलों और खिलाडियों का विकास किया जा सके। ग्रामीण क्षेत्र में खेल के विकास के लिये वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना अंतर्गत 274 खेल मैदानों को विकसित किया जा रहा है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन सुविधा दुरूस्त करने के लिये मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 575 कि०मी० कुल लम्बाई की 50 ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें 8 सड़कें पूर्ण हो चुकी है। मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना अंतर्गत 7584 लाख रुपये की कुल लागत से 18 उच्च स्तरीय पुलों का निर्माण किया जा रहा है। बोलबा-बलियाजोर पथ में शंख नदी में पुल निर्माण और जलडेगा के सारूबहार-जामुनटोली पथ में देवनदी पर पुल निर्माण कार्य पूर्ण कराते हुए आवागमन चालू करा दिया गया है। जिले की दुरूह भौगोलिक संरचना को देखते हुए 250 से अधिक जनसंख्या वाले बसावटों को जोड़ने के लिये जिले में 341 कि0मी0 लम्बाई के 111 पथों का सर्वे कराया गया है, जिनके निर्माण हेतु अग्रतर प्रक्रिया की जा रही है।
मुख्यमंत्री उज्ज्वल झारखण्ड योजना अंतर्गत 678 अविद्युतीकृत स्थानों में 54 स्थानों पर विद्युतीकरण कर लिया गया है तथा शेष में कार्य जारी है। RDSS (Revamped Distribution Sector Scheme) के तहत 561 स्थानों पर बिजली के नंगे तारों को कवर तारों से बदलने का कार्य किया जा रहा है, जिसमें 274 स्थानों पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है।
शहरी क्षेत्र के भी 285 महिला समूहों का गठन कर रोजगार से जोड़ा जा रहा है। 903 फुटपाथ विक्रेताओं को PM स्वनिधि योजना अंतर्गत 1 करोड़ 27 लाख 60 हजार की राशि का बैंक ऋण उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री श्रमिक योजना अंतर्गत 2.035 जॉब कार्ड धारियों को 46,239 दिनों का कार्य उपलब्ध कराया गया। शहरी क्षेत्र की स्वच्छता एवं जल निकास के लिये पी०सी०सी० पथ, नाली, कल्वर्ट एवं गार्डवाल निर्माण की 18 योजनाएँ क्रियान्वित हैं।
पिछले वर्षों में हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे महिला सशक्तिकरण, कृषि, जल संरक्षण और स्वच्छता के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है किन्तु हमारे सामने अभी कई चुनौतियां बाकी हैं। भौगोलिक रूप से दुरूह क्षेत्रों में अभी भी कई कार्य किये जाने हैं। जिला प्रशासन ने इन कार्यों की पहचान कर ली है और चरणबद्ध तरीके से इनके क्रियान्वयन की रणनीति भी तैयार की है। इसी कड़ी में हाल ही में जिला योजना अनाबद्ध निधि से कुल 10,22,00,000.00 (दस करोड़ बाईस लाख) रुपये की लागत से माननीय जनप्रतिनिधियों, ग्रामीणों एवं पदाधिकारियों द्वारा अनुशंसित जनता के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण कुल 56 योजनाओं को स्वीकृति दी गयी है, जिसमें अति जर्जर स्कूल भवनों की मरम्मती, पी०सी०सी० पथ, कल्बर्ट, गार्डवाल आदि का निर्माण तथा पेयजल की समस्या का निदान भी शामिल है।
माननीय मुख्यमंत्री के मार्ग निर्देशन में हम जिले में स्वच्छ, पारदर्शी संवेदनशील एवं उत्तरदायी प्रशासन के लिये प्रतिबद्ध हैं। इसके तहत प्रत्येक प्रखण्ड में हर मंगलवार को जनता दरबार एवं बुधवार को थाना दिवस का आयोजन किया जा रहा है साथ ही प्रत्येक बृहस्पतिवार को उपायुक्त कार्यालय में जन समस्याओं के त्वरित समाधान के लिये शिविर लगाया जा रहा है। पुराने महिला थाना परिसर में जनशिकायत -सह- सूचना केन्द्र की स्थापना की गयी है। पारदर्शिता संवाद और सहभागिता के माध्यम से, सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के उपयोग से हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि आम जनता और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच की दूरी कम की जा सके। प्रशासनिक अमले को भी चुस्त और उत्तरदायी बनाने के लिये उनका Performance Based Assesement किया जा रहा है ताकि योग्य कर्मियों को प्रोत्साहित किया जा सके। यह अन्य कर्मियों को बेहतर प्रदर्शन के लिये प्रेरित करेगा।
महिलाओं की सुरक्षा राज्य की प्राथमिकताओं में से एक है एवं जिला प्रशासन इसके लिये सन्नद्ध है। कार्यस्थल पर हिंसा एव लैंगिक भेदभावों से महिलाओं की सुरक्षा के लिये प्रत्येक कार्यालय में शिकायत निवारण समितियाँ बनायी गयी हैं तथा ऑनलाईन SHE BOX का भी संधारण किया जा रहा है। महिलाओं के विरूद्ध अपराधों के प्रभावी नियंत्रण के लिये जिला पुलिस कठोर निवारक कदम उठा रही है। स्कूल, कॉलेजों तथा संवेदनशील स्थानों को चिन्हित् कर प्रभावी पेट्रोलिंग की जा रही है। स्कूल बसों में अंतिम पड़ाव तक महिला शिक्षिका रखने के निदेश दिये गये हैं। जिले में विधिक जागरूकता के लिये लगातार शिबिर लगाये जा रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों एवं पंचायतों में कार्यक्रमों द्वारा लोगों को उनके Legal Rights की जानकारी दी जा रही है। अपराध कारित होने पर उनका प्रभावी अनुसंधान किया जा रहा है तथा न्यायालय द्वारा अपराधियों को कठोर दण्ड भी दिया जा रहा है।
विधि-व्यवस्था संधारण, अपराध नियंत्रण, उग्रवाद नियंत्रण, बेहतर अनुसंधान एवं कम्युनिटी पुलिसिंग को लेकर हमारी पुलिस प्रयत्नशील है। नशीले पदार्थों के प्रयोग, बिक्री एवं परिवहन के प्रभावी निरोध के लिये लगातार छापेमारी अभियान चलाये जा रहे हैं, जिसमें इस वर्ष 25 अपराधियों की गिरफ्तारी की गयी एवं 300 कि०ग्रा० नशीले पदार्थ बरामद किये गये। शहरी क्षेत्र में यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से सुदृढ़ करने एवं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की उपस्थिति बढ़ाने के लिये 20 नई मोटरसाईकिलों की व्यवस्था की गयी है।
विकास की इस यात्रा में हमारे सुधी नागरिकों की भी बहुत बड़ी भूमिका है। इस आदिवासी बहुल जिले के उत्सवधर्मी लोगों के व्यवहार में सहजता है सरलता है "सेनगी सुसुन, काजिगी दुरंग यहा चलना ही नृत्य है, बोलना ही गीत है।
स्वच्छंदता, स्वाभिमान, सामूहिकता और श्रमशीलता, ये सब इस धरती के विशिष्ट सांस्कृतिक मूल्य हैं।
इस धरती में धार्मिक वैविध्य है, साथ ही, दूसरे की आस्था के प्रति आदर का भाब भी है जो सांप्रदायिक सौहार्द्र और सह अस्तित्व की आवश्यक शर्त है। इस बहुरंगी सामाजिक ताने बाने को बचा कर रखना हमारा सामूहिक दायित्व है।
अखरी में मोंय और एक बेर सऊब सिमडेगा वासी मनके स्वतंत्रता दिवस केर ढेर बगरा बधाई देवोथों। मोके ऐहे विश्वास आहे कि सरकार के सऊब विभाग और राऊरे मन संघे मिलके काम करेक से ई जिला आगे बढ़ी और मोके ऐहे भरोसा आहे कि सोभे मिल जुईल के सिमडेगा के धनी मनी खुशहाल और झारखण्ड राइज में सिमडेगा जिला के सोबसे आगे करेक पारब।
मैं पुनः सभी सिमडेगा वासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देती हूँ। स्मरण रहे कि स्वतंत्रता हमें मिली हुई धरोहर नहीं है बल्कि यह एक सतत जिम्मेदारी है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने हमें सिखाया है कि केबल अधिकारों का दावा करना ही काफी नहीं है बल्कि कर्त्तव्य निष्ठा, देशप्रेम और समाज के प्रति समर्पण भी आवश्यक है।
मैं आपसे आग्रह करती हूँ कि सत्य, अहिंसा, साहस, एकता और सेवा के महान आदर्शों के प्रति सजग रहते हुए भाईचारे, शांति और सामाजिक, धार्मिक सद्भाव को मजबूत करने एवं हमारे साझी संस्कृति के विकास में अपनी भूमिका निभायें। नशे और अधविश्वास से दूर रहें। प्रकृति के वरदानों का उपयोग जिम्मेदारी से करें अपनी आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए उसे बचा कर रखें, अनावश्यक बिजली ना जलायें, भूजल को सावधानीपूर्वक व्यय करें सामुदायिक संपत्ति का संरक्षण करें। स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को अपनी आदत बनायें और कानून व्यवस्था की रक्षा में सक्रिय योगदान दें। हम सबके छोटे-छोटे प्रयास ही हमारे जिले को नयी ऊँचाईयों तक ले जाएंगे।
हम ही भारत भाग्य विधाता हैं। आईए, हम संकल्प लें कि अपने प्यारे भारत वर्ष के सामाजिक, आर्थिक और नैतिक उन्नयन के लिये अपना सर्वस्व समर्पित करेंगे ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिये एक सुन्दर समरस और समावेशी भविष्य गढ़ सकें।