23/07/2025
न कानून न कायदा, शराब दुकान सिंडीकेट का फायदा ही फायदा
1 करोड़ की सेल पर 25 लाख की अवैध वसूली!
प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 का
खुला उल्लंघन
रतलाम। शहर में आप किसी भी शराब की दुकान पर चले जाइए, वहां आपको दुकान संचालक के नाम पर लायसेंसी लक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी, पार्टनर सुरेन्द्र सिंह राठौर लिखा हुआ दिख जाएगा। लक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी की मोनोपाली है, जहां औसतन 25 प्रतिशत अधिक मूल्य पर शराब बेची जा रही है। यहां दुकानों पर रेट लिस्ट नदारद है।
यहां शराब दुकानों पर देखा जाता है कि देशी मदिरा प्लेन 65 रुपए क्वार्टर को 90 रुपए में, देशी मदिरा मसाला क्वार्टर को 90 रुपए की जगह 120 रुपए में बेचा जा रहा है। इंग्लिश क्वार्टर मेक्डॉवल 201 रुपए मूल्य प्रिंट होने के बावजूद 250 रुपए में बेचा जा रहा है। मेक्डॉवल व्हिस्की हाफ पर 401 रुपए अधिकतम खुदरा मूल्य अंकित होने पर भी 500 रुपए में बेची जा रही है। यह तो मात्र कुछ उदाहरण है।
जब ग्राहक प्रिंट रेट से अधिक रुपए वसूलने का विरोध करते हैं तो दुकान पर खड़ा सेल्स मेन कहता है कि ‘भैया हमारे यहां तो यही भाव मिलेगी, लेना हो तो लो नहीं तो कोई बात नहीं।’ जब ग्राहक रेट लिस्ट दिखाने को कहता है तो कहा जाता है कि नहीं है। हम तो नौकर हैं, मालिक तो लोकेन्द्रसिंह बाजेड़ा हैं, उन्हीं से बात कर लो। ग्राहक के नम्बर मांगने पर, ‘नम्बर भी नहीं हैं’ ऐसा कहकर ग्राहक को चलता कर दिया जाता है। ग्राहक शहर की किसी भी दुकान पर चला जाए तो वही उसे ईस्ट इंडिया कम्पनी की तरह लक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी का लूटमार का शासन चलता हुआ दिखता है। इस मामले को लेकर एकनाथ शिंदे गुट शिवसेना के जिलाध्यक्ष शांतिलाल मालवीय ने कलेक्टर श्री राजेश बाथम को एक शिकायती पत्र दे चुके हैं। क्षेत्र में लक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी की मोनोपाली के चलते ग्राहकों को औसतन 25 प्रतिशत मूल्य अधिक चुकाना पड रहा है, यानि लक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी 1 करोड रुपए की सेल बताकर ग्राहकों से 1 करोड़ 25 लाख रुपए ले रही है।
प्रतिस्पर्धा आयोग इंदौर में कर चुका है कार्रवाई
लक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी की सभी दुकानों पर रेट लिस्ट नहीं लगाई गई है, न ही ऐसी कोई जानकारी चस्पा है जिससे ग्राहकों को दुकान में मौजूद स्टॉक की जानकारी उपलब्ध हो। लक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 का खुला उल्लंघन कर रही है। यहां पर बहुत सीमित ब्रॉड की शराब विक्रय की जा रही है। साथ ही बड़े ब्रॉड की शराब की अलग-अलग मात्राओं की पैकेजिंग का भी अभाव है। यहां पीथमपुर और उसके आसपास के क्षेत्र में उत्पादित ब्रॉंड्स को प्राथमिकता से विक्रय किया जा रहा है जिससे ग्राहकों को व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का लाभ नहीं मिल रहा है। होना तो यह चाहिए कि इन दुकानों पर सभी प्रचलित एवं लोकप्रिय ब्रॉड्स के उत्पाद पर्याप्त मात्रा और विभिन्न मापों में उपलब्ध हों। ज्ञात रहे कि इंदौर में शराब दुकान वाले सिंडीकेट बनाकर प्राथमिकता से पीथमपुर के शराब उत्पाद बेच रहे थे। जिस पर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने छापा मारकर कार्रवाई की और करोड़ों की पैनल्टी वसूली। अब देखना है कि लक्ष्मी ट्रेडिंग कम्पनी पर जिला आबकारी आयुक्त कोई कार्रवाई करते हैं या रतलाम में कम्पनी का शासन चलेगा?