16/11/2022
#आफ़ताब ने अभी तक #पुलिस को जो बताया है उसके अनुसार #श्रद्धा का नंबर #पांचवां था #श्रद्धा की कटी लाश जब #फ्रिज मे थी तब वह छठी लड़की के संपर्क मे था
आंकड़ा इससे भी अधिक हो सकता है यानि एक आफ़ताब और 6 #हिन्दू लड़कियां.... और गिनती अभी जारी है....
मजहब और उसके लक्ष्यों के प्रति उनका समर्पण लाजवाब है और इसके लिए वो "मन समर्पित तन समर्पित और यह जीवन समर्पित" वाले ध्येय मंत्र पर चलते है । फिर चाहे वो एक पँचrपुत्र हो या किसी कॉल सेंटर में अधिकारी । वो चाहे किसी दुकान में नौकर हो या बना हो राष्ट्रपति । आप सिर्फ गीत रचे है समर्पण का उन्होंने इसको अमली जामा पहनाया है ।
आपका तो हिंदु ह्रदय सम्राट विधायक,सांसद और पार्टी अधिकारी भी अपने लक्ष्य को भूल जाता है चुने जाने के तुरंत बाद ही और उनके सब खास चेले, ठेके पाने वाले औऱ कर्मचारी सभी अब्दुल हो जाते है । जिस लड़के ने घर छोड़कर, खतरा उठाकर आपके पटके पहन कर दिन रात एक किया था आपको जिताने में वो ठगा सा खड़ा नजर आता है ।
आज बाढ़ सी आयी है सोशल मीडिया पर आफताब औऱ श्रद्धा के साथ साथ बाकी चार लड़कियों को गाली देने की । पर क्या ये उनकी गलती मात्र है ?
क्या आप उन्हें बताए हो इस रक्ष प्रवृत्ति के बारे में ?
क्या आपने पढ़ाया है उन्हें तुर्को, पठानों और मुग़लो के अत्याचारों का कालखंड ? आपका तो ध्यान ही हटाकर सिर्फ अंग्रेजो के अत्याचारों तक सीमित कर दिया गया है ? तो आपके लिए ये राक्षस दोस्त ही हुए न जो आपके साथ मिलकर अंग्रेजो से लडे थे काल्पनिक कहानियों में ।
जब आपने दोस्त मान लिया, आप उनसे कारोबार कर रहे है, वो आपका कर्मचारी बना है और आपके घर मे आता जाता है तो श्रद्धा कि ही क्या गलती है ?
सो बच्चियों को दोष न देकर उन्हें बचाने की जुगत करे और इस विषय पर काम करे । आप आपने ऑफिस में अब्दुल को सबसे खास शिष्य बनाकर अपनी बच्चियों को फेसबुक पर ज्ञान नही दे सकते ।
आप सीखिए आफताब से मजहब के प्रति समर्पण और उस हिसाब से तैयारी कीजिये । क्योकि ये आफताब ये अब्दुल कल को मजहब के काम के लिए कॉल सेंटर छोड़ पिथौरागढ़ के जंगलों में नाई की दुकान भी खोल सकता है और वहाँ अपना कार्य चालू कर सकता है ।
और क्या आप ??