
03/06/2025
🌸 जगन्नाथ धाम, पुरी – विश्व की सबसे अद्भुत रसोई का चमत्कार 🌸
जब हम भक्ति की पराकाष्ठा, सेवा की सच्चाई और समरसता की गहराई को महसूस करना चाहें… तब पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर की यह रसोई हमारा मार्गदर्शन करती है।
🙏 कहते हैं, जहाँ भगवान स्वयं निवास करते हैं, वहाँ भोजन भी दिव्यता से ओत-प्रोत होता है।
जगन्नाथ मंदिर की रसोई, जो एक एकड़ में फैली है, मानव सेवा, श्रद्धा और विज्ञान का अद्भुत संगम है।
🔥 32 कमरों में बनी इस रसोई में 752 चूल्हों पर 500 रसोइये और 300 सहयोगी हर दिन भगवान के लिए महाप्रसाद बनाते हैं।
👉 यहाँ भोजन मिट्टी की 700 ‘हंडियों’ (अटका) में पकता है।
👉 इस पवित्र भोग में प्याज, लहसुन, टमाटर, आलू जैसी वस्तुओं का प्रयोग नहीं होता।
👉 भोग में गुड़, घी, माखन, नारियल, 56 प्रकार के व्यंजन और दिल से की गई सेवा होती है।
💧 दो पवित्र कुएँ – गंगा और यमुना – केवल इन्हीं के जल से यह भोग तैयार किया जाता है।
🙏 मान्यता है कि माता लक्ष्मी स्वयं इस रसोई की व्यवस्था देखती हैं।
🌿 यहाँ जात-पात, ऊँच-नीच, अमीरी-गरीबी का कोई भेद नहीं – सभी को एक समान महाप्रसाद मिलता है।
यहाँ हर दिन 72 क्विंटल चावल, 10 मिठाइयाँ, और हजारों दिलों की श्रद्धा पकती है।
📜 गिनीज बुक में दर्ज है एक बार में 8 लाख लड्डू बनाने का अद्वितीय रिकॉर्ड।
🚩 रथयात्रा के समय यहाँ 1.14 लाख लोग सेवा में जुटते हैं, और 6000 पुजारी पूजाविधि में।
🌍 दूर-दूर से लाखों श्रद्धालु इस रसोई के दर्शन और प्रसाद के लिए उमड़ पड़ते हैं।
💫 जब यह भोग पहले भगवान जगन्नाथ, फिर माता बिमला को अर्पित होता है – तभी वह "महाप्रसाद" कहलाता है।
भक्तों को यह प्रसाद भगवान की कृपा और ममता का साक्षात रूप लगता है।
🔱 जय जगन्नाथ! यह सिर्फ एक मंदिर नहीं, आस्था, संस्कृति और एकता की जीवंत मिसाल है।
🕉️ आइए इस दिव्यता को महसूस करें, गर्व करें और दूसरों को भी इसके बारे में बताएं।