19/08/2024                                                                            
                                    
                                                                            
                                            उसके पिता ने उसे नग्न अवस्था में फर्श पर पड़ा हुआ पाया, उसकी कूल्हे की हड्डी(Pelvic Bone) टूटी हुई थी, हाथ-पैर विकृत थे और उसकी आंखों में चश्मे के टुकड़े टूटे हुए थे और लगातार खून बह रहा था। 
लड़की के पिता बताते है की मेरी बच्ची के दोनों टांगो को चीर दिया गया था, मेरी बच्ची की आंखों से खून निकल रहा था, एक ने नहीं कई लोगों ने रेप किया था।
उसके बालों से हेयर क्लिप निकाल कर उसके गुप्तांग में ठूस दिये गये थे?ब्लेड से उसके गुप्तांग को काटा और छट विछत किया गया था। यह वीभत्स मंजर देख पोस्ट मार्टम करने वाले डॉक्टर के हाथ कांपने लगे थे। 
उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था, उसके दोनों पैर 90 डिग्री के कोण में पड़े हुए थे,एक पैर बेड के इस तरफ और दूसरा पैर बेड के उस तरफ।
उसके शरीर में 150 ग्राम से अधिक स्पर्म पाया गया यानि उसके साथ 25 से ज्यादा बार बलात्कार किया गया। 
आखिर उसकी गलती क्या थी ? उसका लडकी होना गलती थी या उसका एक डाॅक्टर होना गुनाह था ? मरीजों की जान बजाने के लिए पिछले 36 घंटे से बिना ठीक से सोये वह अपने कर्तव्य को अंजाम दे रही थी,क्या यह उसकी गलती थी ?
आखिर क्यों तीन दिनों तक पुलिस इस गुनाह को छुपाने का प्रयास कर रही थी ? दरिदों नें कई घंटो तक उस लडकी को तडपा तडपा कर मारा,उसके बावजूद उन शैतानो को बचाने का प्रयास हो रहा है!
घटना की कल्पना करके देखिए,रूप न कांप जाये तो कहना! भारत में लडकी पैदा होना ही गुनाह है, उस पर कर्तव्य निष्ठ महिला डाॅक्टर होना तो और भी बडा पाप है।
वो लोग नासमझ थे,जिन्हें यह भी उम्मीद थी कि निर्भया मामले के बाद अब सुधार होंगे। 12 साल हो गये,क्या कुछ बदला? कुछ नहीं बदला है,सब जस का तस है। दोष किसी पार्टी नही है,किही नेता का भी नहीं है..हमारा है। हम बदलाव की उम्मीद पाल लेते है।
इस देश में लड़की बनना ही गुनाह बन गया अब। 
शायद आज हर लडकी यही चाह रही है,कि
 "अगले जनम मोहे बिटिया ना किजों!"
🥲🥲🥲