Yuvraj Swami Shri BadriPrapannacharya Ji Maharaj

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Yuvraj Swami Shri BadriPrapannacharya Ji Maharaj निगमकल्पतरोर्वलितं फलं शुकमुखादमृतद्रवसंयुतम् । पिबत भागवतं रसमालयं मुहरहो रसिका भुवि भावुकाः ।। राजगुरु स्वामी श्री बदरी प्रपन्नाचार्य जी

प्रदेश के  यशस्वी उप-मुख्यमंत्री माननीय  श्री  राजेंद्र  शुक्ल जी  ने सपरिवार पूज्य गुरुदेव का  आशिर्वाद प्राप्त किया  औ...
06/10/2025

प्रदेश के यशस्वी उप-मुख्यमंत्री माननीय श्री राजेंद्र शुक्ल जी ने सपरिवार पूज्य गुरुदेव का आशिर्वाद प्राप्त किया और शरद पूर्णिमा की बधाई देकर सम्पूर्ण विश्व के मंगल की कामना की l

06/10/2025

गोपी-गीत

भगवानपि ता रात्रीः शरदोत्फुल्लमल्लिकाः। वीक्ष्य रन्तुं मनश्चक्रे योगमायामुपाश्रितः Ilआश्विन मास की शरद पूर्णिमा की बात ह...
06/10/2025

भगवानपि ता रात्रीः शरदोत्फुल्लमल्लिकाः।
वीक्ष्य रन्तुं मनश्चक्रे योगमायामुपाश्रितः Il

आश्विन मास की शरद पूर्णिमा की बात ही कुछ और है,शरद पूर्णिमा की रात को चाँद सोलह कलाओं से पूर्ण होता है, ये चाँदनी सबसे तेज़ प्रकाश वाली होती है, माना जाता है,इस चन्द्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है जो कि सेहत के लिये काफी लाभदायक सिद्ध होती है। शरद पूर्णिमा को ही श्रीकृष्ण गोपियों के साथ रासलीला भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि,इस दिन माँ लक्ष्मी रात्रि के समय भ्रमण पर निकलती है यह जानने के लिए कौन सो रहा है कौन जाग रहा है इसलिए जागना चाहिए कब लक्ष्मी की कृपा बरसे, जिसके घर माँ की कृपा बरस गयी तो लक्ष्मी कभी नहीं जाती।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से -क्यों खाते हैं खीर- धर्म के मान्यता के अनुसार -
इस दिन चन्द्रमा से अमृत बरसता है सभी लोग छत पर खीर रखते हैं।इस खीर से हमें ऐसी ऊर्जा मिलती है कि, पित्त, प्यास, दाह दूर हो जाते हैं,।
इस चाँदनी को एक टक देखने से रोशनी बढ़ती है आँख के विकार दूर हो जाते हैं।
भगवान् श्रीराधाकृष्ण के महारास महोत्सव की बहुत बहुत शुभकामनाएं ।🦚🌿🙏🏻

05/10/2025

लीला और कर्म मे अंतर?

*पापाकुंशा एकादशी महत्व*यह  पापाकुंशा एकादशी दशहरे के अगले दिन मनाई जाती है। इसे अश्विन मास की एकादशी कहते हैं। इस दिन  ...
03/10/2025

*पापाकुंशा एकादशी महत्व*
यह पापाकुंशा एकादशी दशहरे के अगले दिन मनाई जाती है। इसे अश्विन मास की एकादशी कहते हैं। इस दिन श्रवण नक्षत्र और धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग है

पापांकुशा एकादशी का व्रत भगवान श्री हरी विष्णु को समर्पित हैl
पंचांग के अनुसार, 2 अक्टूबर को शाम के 7 बजकर 10 मिनट से एकादशी तिथि प्रारम्भ होगी और 3 अक्टूबर को शाम में 06 बजकर 32 पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार 3 अक्टूबर को ही पापांकुशा एकादशी व्रत रखा जाएगा।

*पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण समय*

पापांकुशा एकादशी व्रत का पारण 4 अक्टूबर को सुबह 06:23 बजे से 08:44 बजे तक किया जाएगा।

*पापांकुशा एकादशी पूजा-विधि*
सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
भगवान के सामने बैठकर 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करें
दिनभर फलाहार या निराहार व्रत रखेंl
*पढ़ें ये मंत्र*
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय ।।
ॐ नारायणाय विद्महे।
वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णु प्रचोदयात् ।।

ॐ विष्णवे नमः

जयतु धर्मो विजयति सत्यं,  जयतु रामो राघवः शौर्यम्।  विजयादशम्याः मंगलमस्तु,  सर्वजनानां जीवनमस्तु॥  विजयादशमी केवल एक उत...
02/10/2025

जयतु धर्मो विजयति सत्यं,
जयतु रामो राघवः शौर्यम्।
विजयादशम्याः मंगलमस्तु,
सर्वजनानां जीवनमस्तु॥

विजयादशमी केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि यह जीवन का गूढ़ संदेश है —
कि असत्य चाहे कितना भी प्रबल क्यों न हो, अंततः सत्य ही विजयी होता है।
रावण दहन केवल एक पुतले का दहन नहीं, यह हमारे भीतर के अहंकार, क्रोध और लोभ के नाश का प्रतीक है।

मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म के पथ पर चलने वाला व्यक्ति कभी हारता नहीं, उसकी विजय शाश्वत होती है।
आज के दिन हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम अपने जीवन में सत्य, साहस और करुणा को अपनाएँ और बुराई को सदैव पराजित करें।

आप सभी के जीवन में धर्म की ज्योति, सत्य का प्रकाश और सद्गुणों का आलोक बना रहे।
इस पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार को विजया दशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ एवं मंगलाशीष।

#दशहरा

पितृपक्ष के अवसर पर परम पूज्य बड़े गुरुजी के गया श्राद्ध उपरान्त, दिनांक 22 सितम्बर से 28 सितम्बर तक श्रीमद् भागवत कथा क...
28/09/2025

पितृपक्ष के अवसर पर परम पूज्य बड़े गुरुजी के गया श्राद्ध उपरान्त, दिनांक 22 सितम्बर से 28 सितम्बर तक श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हुआ विशेष तिथि
📌 28 सितम्बर
➡️ गया हवन, श्रीमद्भागवत कथा का हवन पूर्णाहुति एवं पावन प्रसाद भंडारा स्थान : आचार्य मन्दिर, चित्रकूट

26/09/2025
25/09/2025

गुरुदेव के द्वारा होता हैं नामकरण संस्कार

21/09/2025

Navdha Bhakti SLok /नवधा भक्ती / #भक्ति #भागवत



#भक्तमाल

शक्ति जागरण का पर्व हैं नवरात्रि।स्वयं सात्विक भाव से देवी का गुड़गान करें।घर में मादक पदार्थों का सेवन वर्जित है।आपका व...
21/09/2025

शक्ति जागरण का पर्व हैं नवरात्रि।
स्वयं सात्विक भाव से देवी का गुड़गान करें।
घर में मादक पदार्थों का सेवन वर्जित है।
आपका विकास देवी की आराधना पद्धति से सम्भव है।
कुण्डलिनी जागरण का मूल स्वरूप है दुर्गा।
नवरात्रि में ध्यान योग को अवश्य अपनाए।
अपनी शक्ति को एकाग्र कर उसके प्रगटीकरण का समय है नवरात्रि। देवी पूजन का अर्थ है संघ में ही शक्ति निहित है।आध्यात्मिक विकास द्वारा भौतिक विकास सम्भव है।

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