09/06/2025
💔 मेघालय की वादियों में लिपटी साजिश!
"13 दिन की दुल्हन बनी कातिल – राजा रघुवंशी का हनीमून बना मौत का सफर!"
इंदौर/मेघालय। VindhyaSatta Digital
10 मई 2025, इंदौर के एक साधारण से घर में ढोल-नगाड़ों की गूंज थी, परिवार में उत्सव का माहौल था। राजा रघुवंशी, एक जिंदादिल और मेहनती नौजवान, ने सोनम से सात फेरे लिए। दोस्तों ने बधाइयाँ दीं, माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू थे और हर कोई यही कह रहा था – “अब राजा की जिंदगी पूरी हो गई।” लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि यह नई दुल्हन सिर्फ 13 दिन बाद ही कातिल का रूप ले लेगी और उसका हनीमून, एक खूनी पटकथा में बदल जाएगा।
राजा रघुवंशी, इंदौर के एक ट्रांसपोर्ट कारोबारी सुरेश रघुवंशी का इकलौता बेटा था। सुरेश और कमला रघुवंशी ने अपने बेटे की परवरिश में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। उन्होंने राजा को अपनी जान से भी ज्यादा चाहा। शादी के दिन उन्होंने सोनम को अपनी बेटी माना और उसकी हर ख्वाहिश पूरी करने का वादा किया। लेकिन किसे पता था कि जिसे उन्होंने बेटी समझा, वही उनकी दुनिया उजाड़ देगी?
शादी के महज 13 दिन बाद यानी 23 मई को राजा अचानक गायब हो गया। घरवालों ने हर जगह तलाश की, पुलिस से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। एक मां रोज दरवाजे की ओर देखती रही, एक बाप बेटे की तस्वीर से बात करता रहा। लेकिन 2 जून को वो खबर आई, जिसने सब कुछ तबाह कर दिया। मेघालय की एक खाई में राजा की लाश मिली – सड़ी हुई, पहचानने लायक नहीं। उनकी चीखें आसमान तक पहुंच गईं। कमला बेसुध हो गईं, सुरेश जी को दिल का दौरा पड़ा। उनका इकलौता सपना, उनकी जिंदगी का मकसद, अब सिर्फ एक फोटो फ्रेम में कैद हो चुका था।
और फिर आया 9 जून — जब पुलिस ने उस नाम का खुलासा किया, जिसे सुनकर हर कोई सन्न रह गया। सोनम रघुवंशी – वही लड़की जिसे राजा ने अपनी दुल्हन बनाया था, वही निकली उसकी मौत की वजह! सोनम को गाजीपुर के एक ढाबे से गिरफ्तार किया गया और जांच में सामने आया कि उसी ने अपने पति राजा की सुपारी देकर हत्या करवाई थी।
अब सवाल यह उठता है — आखिर क्यों? क्या सोनम किसी और से प्रेम करती थी? क्या वह राजा से छुटकारा चाहती थी? या फिर यह पूरी शादी एक पहले से रची गई साजिश का हिस्सा थी? पुलिस इन सभी पहलुओं की जांच कर रही है, लेकिन जो सामने आया है वह इतना दिल दहला देने वाला है कि पूरा समाज स्तब्ध है।
राजा की हत्या सिर्फ एक पति की हत्या नहीं है, यह एक भरोसे की हत्या है, एक रिश्ते की हत्या है। यह उस मानसिक और नैतिक पतन का उदाहरण है, जिसमें आज का समाज धंसता जा रहा है। अब रिश्ते सिर्फ दिखावे रह गए हैं। शादी महज एक सौदा बन चुकी है। हनीमून अब प्यार का नहीं, शायद मौत का दूसरा नाम होता जा रहा है।
राजा के माता-पिता की हालत देखकर पत्थर दिल भी पिघल जाए। कमला हर रोज बेटे की तस्वीर को सीने से लगाकर कहती हैं, “हमारा राजा तो बस उसे खुश रखना चाहता था… उसने ऐसा क्या किया कि उसे मौत दे दी गई?” और सुरेश रघुवंशी, जो पहले ही दिल के मरीज थे, अब बिस्तर से उठ भी नहीं पाते। उनका बेटा अब बस एक कहानी बन चुका है — एक खूनी हनीमून की दर्दनाक दास्तान।
यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं है; यह उस समाज के लिए एक आईना है जो अब रिश्तों को कीमत से तोलने लगा है। जहां दिखावे की दुनिया में प्यार, भरोसा, सम्मान – सबकुछ खोता जा रहा है। सोशल मीडिया पर शादी की तस्वीरें हज़ारों लाइक बटोरती हैं, लेकिन उसके पीछे छिपे झूठ, धोखे और खून के धब्बे अब उभर कर सामने आ रहे हैं।
हमें यह सोचना होगा कि क्या अब रिश्ते भी ‘साजिश’ बन चुके हैं? क्या प्यार अब सिर्फ छलावा है? और सबसे बड़ा सवाल — क्या इंसानियत इतनी गिर चुकी है कि जीवनसाथी को मार देना भी एक सामान्य बात बन गई है?
राजा रघुवंशी की हत्या समाज के हर उस शख्स को झकझोरने वाली है जो आज भी रिश्तों की पवित्रता में विश्वास रखता है। हमें यह प्रण लेना होगा कि रिश्तों को, प्यार को, विश्वास को फिर से पुनर्जीवित करेंगे। यह समय है आत्ममंथन का। यह समय है रिश्तों को बचाने का। यह समय है, समाज में फिर से मानवता को जिंदा करने का।
राजा की आत्मा तभी शांति पाएगी, जब हम यह स्वीकार करेंगे कि रिश्तों की हत्या उतना ही बड़ा अपराध है, जितना किसी शरीर की हत्या। जब तक हम संवेदनाओं को नहीं जगाएंगे, तब तक ये खूनी कहानियाँ यूं ही हमारे बीच होती रहेंगी।
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