01/07/2025
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत हर जिला में एक गांव को मॉडल सोलर विलेज पुरस्कार के लिए चुना जाएगा। सोलर एनर्जी के सदुपयोग में जो गांव प्रथम आएगा, उसे एक करोड़ की राशि पुरस्कार के रूप में दी जाएगी। रेवाड़ी जिला में 14 गांवों को केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई इस प्रतियोगिता के लिए चुना गया है।
एडीसी राहुल मोदी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि वैकल्पिक ऊर्जा के तौर पर सूर्य के ताप को सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा माना गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत वर्ष फरवरी माह में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की थी। जिसके तहत योग्य पात्रों को अनुदान की राशि के साथ सोलर पावर सिस्टम दिया जाता है। उन्होंने बताया कि बिजली वितरण निगम की ओर से गांव-गांव में लोगों के घरों पर सोलर एनर्जी के संयंत्र लगाए जा रहे हैं। इस स्कीम का प्रयोग करते हुए एक परिवार अपने बिजली बिल को नाममात्र राशि या शून्य तक ला सकता है।
एडीसी ने बताया कि इस साल 26 मई से 26 नवंबर तक की अवधि के बीच जिस गांव में सबसे अधिक सोलर पैनल लगे होंगे, उसका चयन इस पुरस्कार के लिए किया जाएगा।
एडीसी ने बताया कि सोलर एनर्जी के प्रयोग को ध्यान में रखते हुए इस प्रतियोगिता की श्रेणी में जिला के 14 गांवों को चुना गया है, जिनमें गांव महेश्वरी, डहीना, डहीना, अकेड़ा, गोकलगढ़, नंदरामपुर बास, गुरावड़ा, घटाल महानियावास , रामपुरा, जैनाबाद, मनेठी, सीहा, भाकली, कोसली व नाहड़ शामिल है। इनमें से एक गांव को मॉडल सोलर विलेज के रूप में चुना जाएगा। इस योजना का उद्देश्य है कि देश के हर एक जिला में कम से कम एक गांव को सोलर एनर्जी की दृष्टि से एक आदर्श गांव के रूप में चुना जाए। जिससे कि दूसरे गांवों को भी प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को अपनाने के लिए प्रेरणा मिल सके। उन्होंने बताया कि सोलर एनर्जी सिस्टम को घर में बिजली के प्रयोग तथा खेतों में ट्यूबवेल आदि चलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। सरकार की ओर से एससी व बीसी चौपाल में सोलर पावर सिस्टम लगवाने के लिए पंचायत को 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।