28/10/2025
रोहड़ू उप-मंडल में अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के तहत सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक सम्पन्न
आज उप-मंडल दंडाधिकारी, रोहडू श्री धर्मेश रामोत्रा, हि.प्र.से. की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के अंतर्गत गठित उप-मंडल स्तरीय सतर्कता एवं प्रबोधन समिति की बैठक उप मंडलाधिकारी (ना.) कार्यालय रोहड़ू में आयोजित की गई। बैठक में जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, पुलिस विभाग के प्रतिनिधि, तहसील कल्याण अधिकारी, खंड विकास अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि तथा गैर-सरकारी सदस्य उपस्थित रहे। बैठक का मुख्य उद्देश्य अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना, पंजीकृत मामलों की समीक्षा करना, पीड़ितों को राहत एवं पुनर्वास की सुविधाएं उपलब्ध कराना, और जनता में जागरूकता बढ़ाना था।
बैठक में किए गए प्रमुख निर्णय और चर्चा:
1. पंजीकृत मामलों की समीक्षा: अगस्त 2023 से अक्टूबर 2025 तक इस अधिनियम के तहत उप-मंडल रोहड़ू, चिरगांव और जुब्बल थाना क्षेत्रों में कुल 12 मामले पंजीकृत हुए। इन मामलों में हिंसा, धमकी, यौन उत्पीड़न और अन्य अत्याचार शामिल हैं। समिति ने रोहड़ू उप-मंडल के मामलों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की और सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए। इसके अतिरिक्त, अन्य उप-मंडलों (जुब्बल और डोडरा क्वार) के मामलों के निर्णय संबंधित स्थानीय समितियों द्वारा लेने के निर्देश दिए गए।
2. राहत राशि का वितरण: तहसील कल्याण अधिकारी रोहड़ू ने जानकारी दी कि अधिनियम के तहत पंजीकृत मामलों में पीड़ित व्यक्तियों को राहत राशि समय पर वितरित की गई है। समिति ने इस वितरण की प्रक्रिया और उसकी पारदर्शिता को संतोषजनक पाया।
3. जागरूकता शिविरों का आयोजन: उप-मंडल स्तर पर बढ़ते मामलों के परिप्रेक्ष्य में रोहड़ू और चिरगांव ब्लॉकों तथा पंचायत स्तर पर एक सप्ताह के भीतर जागरूकता शिविर आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इन शिविरों में पंचायत प्रतिनिधि, समिति सदस्य और स्थानीय अधिकारियों की भागीदारी अनिवार्य होगी। शिविरों के माध्यम से जनता को अधिनियम के तहत उपलब्ध अधिकार, राहत राशि और शिकायत निवारण प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी जाएगी।
4. संचार व्यवस्था में सुधार – WhatsApp ग्रुप: समिति की बैठकों की सूचना समय पर न मिलने के कारण कई सरकारी और गैर-सरकारी सदस्य बैठक में उपस्थित नहीं हो पाते थे। इस समस्या के समाधान के लिए समिति का एक WhatsApp ग्रुप बनाने का निर्णय लिया गया। इसके माध्यम से बैठक की सूचना समय पर सभी सदस्यों तक पहुँचाई जाएगी और सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी।
5. अन्य निर्देश:
• पुलिस विभाग को पंजीकृत मामलों की जांच समय पर पूरी करने और मासिक रिपोर्ट तहसील कल्याण अधिकारी को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
• रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख होगा कि मामले न्यायालय में किस अवस्था में लंबित हैं — जैसे बहस, गवाही आदि और केवल “न्यायालय में विचाराधीन” लिखकर न छोड़ें।
• सरकारी सदस्य के रूप में मनोनीत अधिकारी आगामी बैठकों में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने को सुनिश्चित करेंगे।
उप-मंडल दंडाधिकारी, श्री धर्मेश रामोत्रा ने बैठक का समापन धन्यवाद प्रस्ताव के साथ किया। उन्होंने कहा कि समिति का यह प्रयास अत्यंत संवेदनशील मामलों में न्याय सुनिश्चित करने, पीड़ितों की सुरक्षा और समाज में समानता को बढ़ावा देने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उप-मंडल दंडाधिकारी
रोहड़ू, जिला शिमला