06/09/2025
"मैं सीखना पसन्द करता हूँ पढ़ाए जाने से सख्त नफ़रत है - विंस्टन चर्चिल"
वर्तमान दौर में बच्चों की पिटाई व सजा देने में तो बदलाव हुआ है परन्तु शिक्षण पद्धति ज्यों की त्यों हैं जिसमें लायक का उत्साहवर्धन करना जबकि जिसे डफ़्फ़र मान लिया जाता है उसे इग्नोर करना। सफ़ल के अनेकों माई बाप (अनेकों प्रतियोगी परीक्षाओं के सफ़ल छात्रों के लिए लगे होर्डिंग सब बयां करते हैं) जबकि असफल का जिम्मेदार कोई नहीं।
जबकि इस पद्धति में बदलाव कर कक्षा का माहौल ऐसा बनाने की जरूरत है जिसमें अध्यापक अपने पर्सनल व प्रोफेशनल वर्क में अंतर करके पूरी एनर्जी के साथ कक्षा में दाखिल हो व रट्टा मरवाने (पढ़ाने) की बजाय सिखाने (खेल, प्रेक्टिकम, हास्यरस, एक्टिविटी आदि) का प्रयास करे। ये होगातब जब अध्यापक भैसों का व्यापार, प्रोपर्टी डीलिंग या अन्य साइड बिजनेस छोड़ सिर्फ अध्यापन कार्य (शिक्षण) में ही ध्यान लगाएंगे।
Sudesh Chahal Poonia Reeman Nain
-Dr. Singh