13/11/2025
हरियाणा सरकार ने प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है। राज्य के शिक्षा निदेशालय ने आदेश जारी कर सभी जिलों के उपायुक्तों (DC) को स्कूलों से जुड़ा निर्णय लेने की पावर दे दी है। फिलहाल राजधानी दिल्ली से सटे जिलों—फरीदाबाद, गुरुग्राम, झज्जर, बहादुरगढ़, सोनीपत, रोहतक, पानीपत और करनाल में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक श्रेणी में पहुंच चुका है।
दिल्ली-NCR में हवा जहरीली हो चुकी है। कई जगहों पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 450 से ऊपर चला गया है, जो “Severe” कैटेगरी में आता है। इससे बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है। स्कूलों में सुबह की ठंडी हवा, खेलकूद और अस्थमा या सांस की बीमारी वाले बच्चों के लिए हालात और भी खराब हो सकते हैं।
शिक्षा निदेशालय के आदेश के मुताबिक, अब प्रत्येक जिले का DC अपने इलाके में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए फैसला करेगा कि स्कूल कब तक बंद रखने हैं। फिलहाल कई जिलों में 5वीं तक के स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। ऑनलाइन क्लासेस का विकल्प जारी रहेगा ताकि बच्चों की पढ़ाई बाधित न हो।
सरकार ने सभी निजी स्कूलों को भी यही निर्देश दिए हैं कि वे स्थानीय प्रशासन के आदेशों का पालन करें। साथ ही स्कूल प्रबंधन से कहा गया है कि वे ऑनलाइन माध्यम से ही बच्चों को असाइनमेंट और क्लासवर्क भेजें।
स्वास्थ्य विभाग ने भी एडवाइजरी जारी की है कि माता-पिता अपने बच्चों को सुबह या शाम के समय बाहर खेलने न भेजें। डॉक्टरों ने कहा है कि प्रदूषण का असर अब केवल आंखों या गले तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह बच्चों के फेफड़ों की ग्रोथ और इम्यून सिस्टम पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि हालात अगले कुछ दिनों तक गंभीर बने रह सकते हैं क्योंकि हवा की गति बहुत कम है और ठंड बढ़ने के साथ धूल व धुआं वातावरण में फंस रहा है। प्रशासन ने सड़कों की धूल कम करने के लिए वॉटर स्प्रे, निर्माण कार्यों पर रोक और डीजल जेनरेटर पर पाबंदी जैसी सख्तियां लागू की हैं।
अभी यह तय नहीं हुआ है कि स्कूल कब दोबारा खुलेंगे। अगर अगले 2-3 दिनों में AQI में सुधार नहीं होता, तो यह बंदी आगे भी बढ़ सकती है।
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