Rosera City

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रोसरा बंद: अपनी पहचान और भविष्य की लड़ाईआज, रोसरा का पूरा शहर एक ऐतिहासिक बंद का गवाह बना। यह बंद सिर्फ एक विरोध प्रदर्श...
14/09/2025

रोसरा बंद: अपनी पहचान और भविष्य की लड़ाई
आज, रोसरा का पूरा शहर एक ऐतिहासिक बंद का गवाह बना। यह बंद सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं था, बल्कि यह रोसरा के लोगों की अपनी पहचान और भविष्य को बचाने की लड़ाई थी। "रेल बचाओ, रोसरा बचाओ" और "रोसरा को जिला बनाओ" के नारों के साथ, शहर के हर वर्ग और समुदाय के लोगों ने स्वेच्छा से इस आंदोलन का समर्थन किया और इसे पूरी तरह सफल बनाया।
यह बंद किसी राजनीतिक दल या संगठन द्वारा नहीं बुलाया गया था। यह आम जनता का खुद का फैसला था, जो रोसरा के भविष्य को लेकर बढ़ती चिंता और आक्रोश का नतीजा है। आंदोलन का सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा रोसरा से गुजरने वाली और यहाँ से चलने वाली ट्रेनों की संख्या में लगातार हो रही कमी था। लोगों का मानना है कि यह रेलवे लाइन रोसरा की जीवन रेखा है और इसके बिना शहर का विकास रुक जाएगा। वे छोटी-बड़ी सभी ट्रेनों के ठहराव शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
इसके अलावा, रोसरा को जिला बनाने की पुरानी और लंबे समय से लंबित मांग भी इस आंदोलन का एक हिस्सा थी। लोगों का मानना है कि रोसरा को जिला का दर्जा मिलने से यहाँ का प्रशासनिक और आर्थिक विकास तेजी से होगा। यह मांग सिर्फ प्रशासनिक सुविधा के लिए नहीं, बल्कि रोसरा की ऐतिहासिक और भौगोलिक महत्ता को देखते हुए भी जरूरी है।
सुबह से ही, शहर की सड़कें पूरी तरह से खाली थीं। दुकानें, बाज़ार और सभी निजी संस्थान बंद थे। लोगों ने अपने रोजमर्रा के कामों को छोड़कर इस आंदोलन में हिस्सा लिया, जो उनकी एकजुटता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण था। प्रदर्शनकारी समूहों में सड़कों पर निकले और अपनी मांगों को लेकर नारे लगाए, लेकिन कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
इस आंदोलन ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि जब लोग एक साथ खड़े होते हैं, तो उनकी आवाज़ कितनी ताकतवर हो सकती है। रोसरा के लोगों ने दिखा दिया कि वे अपने हक के लिए चुप नहीं बैठेंगे। अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस जन-आंदोलन पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। यह बंद सिर्फ एक दिन का विरोध नहीं, बल्कि यह रोसरा के लिए एक नई शुरुआत है, जहाँ लोग अपने भविष्य को खुद तय करने के लिए तैयार हैं।

रोसेरा में 'रेल बचाओ आंदोलन' का दूसरा चरण: शांतिपूर्ण विरोध की मिसालरोसेरा, बिहार - कल, 14 सितंबर को, रोसेरा में 'रेल बच...
13/09/2025

रोसेरा में 'रेल बचाओ आंदोलन' का दूसरा चरण: शांतिपूर्ण विरोध की मिसाल
रोसेरा, बिहार - कल, 14 सितंबर को, रोसेरा में 'रेल बचाओ आंदोलन' का दूसरा चरण शुरू होने वाला है, जिसमें स्थानीय युवा और नागरिक समाज के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने वाले हैं। यह आंदोलन सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह क्षेत्र के लोगों की उम्मीदों और उनकी आवाज़ का प्रतीक है। इस बार, आयोजकों ने विशेष रूप से यह सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया है कि आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अनुशासित हो।
पहले चरण में मिली सफलता और जनसमर्थन के बाद, इस दूसरे चरण का उद्देश्य अपनी मांगों को सरकार तक और भी प्रभावी ढंग से पहुंचाना है। आयोजकों ने युवाओं से विशेष अपील की है कि वे किसी भी तरह की हिंसा, तोड़फोड़ या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने से बचें। उनका मानना है कि एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन ही सबसे शक्तिशाली तरीका है अपनी बात रखने का।
इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य रेल सेवा से जुड़ी स्थानीय समस्याओं को उठाना है, जैसे कि ट्रेनों का ठहराव, नई लाइनों का निर्माण, और बेहतर यात्री सुविधाओं की मांग। रोसेरा के लोग लंबे समय से इन मुद्दों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, और यह आंदोलन उनकी एकजुटता को दर्शाता है।
समाज के सभी वर्गों से अपील की गई है कि वे इस महत्वपूर्ण आंदोलन में सहयोग करें और यह सुनिश्चित करें कि यह एक सफल और शांतिपूर्ण प्रदर्शन बन सके। 'रेल बचाओ आंदोलन' यह साबित करेगा कि विरोध का अधिकार सिर्फ शोर मचाने का नहीं, बल्कि संगठित और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को मनवाने का भी है।
क्या आप इस लेख में कोई और जानकारी जोड़ना चाहेंगे, या इसमें कोई बदलाव करना चाहते हैं?

'रेल बचाओ, रोसड़ा बचाओ' आंदोलन को रोसड़ा कोर्ट के अधिवक्ताओं का समर्थनरोसड़ा- रोसड़ा रेलवे स्टेशन पर मेल एक्सप्रेस ट्रेन...
12/09/2025

'रेल बचाओ, रोसड़ा बचाओ' आंदोलन को रोसड़ा कोर्ट के अधिवक्ताओं का समर्थन

रोसड़ा- रोसड़ा रेलवे स्टेशन पर मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर 14 सितंबर को होने वाले 'रेल बचाओ, रोसड़ा बचाओ' आंदोलन को रोसड़ा कोर्ट के अधिवक्ताओं का भी समर्थन मिल गया है। इस बात की पुष्टि करते हुए अधिवक्ता संघ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की।
अधिवक्ता संघ ने इस आंदोलन को रोसड़ा के जनहित में एक महत्वपूर्ण पहल बताया है और कहा है कि वे इस मांग का पूरी तरह से समर्थन करते हैं। उनका मानना है कि बेहतर रेल कनेक्टिविटी रोसड़ा के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए बेहद जरूरी है।
यह आंदोलन 14 सितंबर, रविवार को सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलेगा, जिसमें स्वतः बंदी और एक बड़ा पैदल मार्च शामिल है। यह मार्च गांधी चौक से शुरू होकर महावीर चौक, गुदरी बाजार, पुरानी चौक, और अंबेडकर चौक होते हुए टावर चौक पर समाप्त होगा। इस दौरान, रोसड़ा के नागरिक 'रेल बचाओ, रोसड़ा बचाओ' का नारा बुलंद करेंगे।
रोसड़ा कोर्ट के अधिवक्ताओं ने न केवल नैतिक समर्थन दिया है, बल्कि अपने सदस्यों से भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेने का आग्रह किया है। इस समर्थन के बाद, आंदोलन को और भी अधिक मजबूती मिली है। इससे यह उम्मीद जताई जा रही है कि रोसड़ा के निवासियों और अधिवक्ताओं के एकजुट होने से प्रशासन पर दबाव बढ़ेगा, जिससे रोसड़ा में रेलवे सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम हो सकेगा।

रेल बचाओ, रोसड़ा बचाओ: रोसड़ा में रेलवे आंदोलनरोसड़ा रेलवे स्टेशन पर सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर ...
12/09/2025

रेल बचाओ, रोसड़ा बचाओ: रोसड़ा में रेलवे आंदोलन

रोसड़ा रेलवे स्टेशन पर सभी मेल एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर रोसड़ा के नागरिक 14 सितंबर 2025, रविवार को एक बड़ा आंदोलन कर रहे हैं। इस आंदोलन के तहत सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक स्वतः बंदी और पैदल मार्च का आयोजन किया जाएगा।
आंदोलन का विवरण:
* समय: सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक।
* स्थान: रोसड़ा के गांधी चौक से मार्च शुरू होगा।
* मार्च का मार्ग: यह मार्च गांधी चौक से महात्मा गांधी को माल्यार्पण करने के बाद शुरू होगा और महावीर चौक, गुदरी बाजार, पुरानी चौक, बड़ी दुर्गा स्थान, और अंबेडकर चौक होते हुए टावर चौक (सिनेमा चौक) पर समाप्त होगा।
* उद्देश्य: इस मार्च का मुख्य उद्देश्य 'रेल बचाओ, रोसड़ा बचाओ' के नारे के साथ रोसड़ा रेलवे स्टेशन पर सभी प्रमुख मेल एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित कराना है।
इस दौरान, आयोजकों ने सभी नागरिकों से सहयोग की अपील की है और बताया है कि सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक यातायात सुविधा बाधित रहेगी। यह जन आंदोलन रोसड़ा के निवासियों और रेल यात्रियों द्वारा अपनी मांगों को पूरा करने के लिए किया जा रहा है, ताकि रोसड़ा में रेल कनेक्टिविटी बेहतर हो सके।
यह लेख रोसड़ा के निवासियों द्वारा आयोजित होने वाले आंदोलन के बारे में जानकारी देता है।

रोसड़ा के विकास का भविष्य: क्या आरक्षण हटाना ही एकमात्र रास्ता है?रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र में पिछले कुछ समय से यह बहस चल...
11/09/2025

रोसड़ा के विकास का भविष्य: क्या आरक्षण हटाना ही एकमात्र रास्ता है?

रोसड़ा विधानसभा क्षेत्र में पिछले कुछ समय से यह बहस चल रही है कि क्या इस सीट को आरक्षित से अनारक्षित करने से ही क्षेत्र का संपूर्ण विकास संभव होगा। यह एक जटिल सवाल है, जिस पर गहराई से सोचने की जरूरत है। यह सच है कि कई लोग मानते हैं कि आरक्षण विकास में बाधा है, लेकिन क्या यह पूरी तरह से सच है?
सबसे पहले, हमें यह समझना होगा कि आरक्षण क्यों दिया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य समाज के उन वर्गों को राजनीतिक प्रतिनिधित्व देना था जो सदियों से हाशिए पर थे। यह एक सामाजिक न्याय का सिद्धांत था, ताकि हर वर्ग की आवाज विधानसभा में पहुंच सके। रोसड़ा की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, जिसका मतलब है कि इस क्षेत्र के एक बड़े हिस्से को प्रतिनिधित्व मिलता है।
आरक्षण के पक्ष और विपक्ष में तर्क
जो लोग आरक्षण हटाने की बात करते हैं, उनका मुख्य तर्क यह है कि जब सीट अनारक्षित होगी तो किसी भी जाति का सबसे योग्य और सक्षम उम्मीदवार चुनाव लड़ सकता है। उनका मानना है कि इससे स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और बेहतर नेता का चुनाव होगा, जो बिना किसी जातिगत दबाव के सिर्फ विकास के एजेंडे पर काम करेगा। वे मानते हैं कि विकास का पैमाना जाति नहीं, बल्कि योग्यता होनी चाहिए।
दूसरी तरफ, जो लोग आरक्षण के पक्ष में हैं, उनका कहना है कि विकास किसी सीट के आरक्षित या अनारक्षित होने पर निर्भर नहीं करता। बल्कि, यह चुने हुए प्रतिनिधि की नीयत और कार्यक्षमता पर निर्भर करता है। एक कर्मठ और दूरदर्शी नेता, चाहे वह आरक्षित सीट से हो या अनारक्षित से, अपने क्षेत्र का विकास कर सकता है। उदाहरण के लिए, देश में ऐसे कई आरक्षित क्षेत्र हैं जहाँ शानदार विकास हुआ है, और कई अनारक्षित क्षेत्र हैं जहाँ विकास नहीं हुआ।
विकास के लिए असली मुद्दे
रोसड़ा के विकास के लिए असली मुद्दे आरक्षण की बहस से कहीं ज्यादा गहरे हैं। हमें उन समस्याओं पर ध्यान देना होगा जो वास्तव में विकास को रोक रही हैं:
* बुनियादी ढांचा: सड़कें, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं अभी भी कई क्षेत्रों में पर्याप्त नहीं हैं।
* रोजगार: स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सीमित हैं, जिससे पलायन एक बड़ी समस्या बन गया है।
* औद्योगिक विकास: रोसड़ा में उद्योगों को बढ़ावा देने की जरूरत है ताकि स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो सके।
* प्रशासनिक जवाबदेही: सरकारी योजनाओं का लाभ सही लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है, जिसका कारण प्रशासनिक सुस्ती और भ्रष्टाचार है।
भविष्य की राह
यह सोचना कि आरक्षण हटाते ही रोसड़ा में विकास की गंगा बहने लगेगी, एक भ्रम है। विकास का सीधा संबंध जनप्रतिनिधि की जवाबदेही, प्रशासनिक व्यवस्था की पारदर्शिता और जनता की भागीदारी से है।
रोसड़ा के हित में सबसे अच्छा यही होगा कि हम इस बहस को छोड़कर उन मुद्दों पर ध्यान दें जो हमारे जीवन को सीधे प्रभावित करते हैं। चाहे सीट आरक्षित हो या अनारक्षित, हमें एक ऐसे उम्मीदवार को चुनना चाहिए जो ईमानदार हो, शिक्षित हो, और जिसे रोसड़ा की समस्याओं की गहरी समझ हो। हमें उनसे सिर्फ वादे नहीं, बल्कि ठोस कार्ययोजना और समयबद्ध परिणाम की मांग करनी चाहिए। जब जनता खुद विकास के लिए दबाव डालेगी और सही नेता चुनेगी, तभी रोसड़ा का भविष्य उज्ज्वल होगा, आरक्षण के साथ भी और उसके बिना भी।

11/09/2025

रोसड़ा (बिहार):
रोसड़ा में हाल ही में "रेल रोको आंदोलन" हुआ है, जो स्थानीय लोगों और विभिन्न संगठनों द्वारा आयोजित किया गया है। यह आंदोलन मुख्य रूप से रूसेड़ाघाट रेलवे स्टेशन पर लंबी दूरी की ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर हो रहा है।
इस आंदोलन में स्थानीय निवासियों, छात्रों और व्यापारियों सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं, जो इस स्टेशन को एक महत्वपूर्ण रेलवे स्टॉप बनाने की मांग कर रहे हैं। उनका तर्क है कि रोसड़ा अनुमंडल होने के बावजूद, यहां से गुजरने वाली कई महत्वपूर्ण एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव नहीं है, जिससे लोगों को यात्रा करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
आंदोलन के दौरान, विभिन्न प्रकार के विरोध प्रदर्शन किए गए हैं, जिनमें धरना, प्रदर्शन, हस्ताक्षर अभियान और यहां तक कि आमरण अनशन भी शामिल है। प्रदर्शनकारियों ने रेलवे प्रशासन और केंद्र सरकार से अपनी मांगों पर ध्यान देने और रूसेड़ाघाट रेलवे स्टेशन पर लंबी दूरी की ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित करने की अपील की है।
स्थानीय नेताओं और संगठनों ने इस मुद्दे को लगातार उठाया है और चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा। यह आंदोलन इस बात का संकेत है कि रोसड़ा के लोग अपने क्षेत्र के विकास और बेहतर परिवहन सुविधाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं।

11/09/2025

जनता के सवालों से क्यों भाग रहे हैं नेता?
"जनता के दर्द और संघर्ष पर सवाल पूछने पर सांसद संभावित चौधरी का गाड़ी में बैठकर भाग जाना, यह दिखाता है कि उन्हें जनता के मुद्दों से कोई सरोकार नहीं है। अगर जनता के सवालों का जवाब देने की हिम्मत नहीं है, तो फिर ऐसे जनप्रतिनिधि किस काम के? यह घटना बताती है कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधि अब जवाबदेही से भागने लगे हैं। यह न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ है।"

11/09/2025

Celebrating my 7th year on Facebook. Thank you for your continuing support. I could never have made it without you. 🙏🤗🎉

15/08/2025

Happy Independence Day, India

डॉक्टर बनने का सुनहरा मौका अभी नामांकन करे जीवन इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस , जो मंगलयान यूनिवर्सिटी NAAC A+ और भारत...
24/06/2024

डॉक्टर बनने का सुनहरा मौका अभी नामांकन करे जीवन इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंस , जो मंगलयान यूनिवर्सिटी NAAC A+ और भारत सरकार द्वारा मानता प्राप्त कालेज से करे अपने बच्चों की भविष्य को सक्षम।

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