23/04/2025
"गांव की खुशबू, संस्कृति की सुगंध .... Rural Tales और साथियों के संग एक यादगार मुलाकात"
जब डिजिटल दुनिया में अधिकतर कंटेंट शहरी चकाचौंध से भरा हो, तब कुछ संवेदनशील रचनाकार जैसे संदीप गुसाईं जी अपने यूट्यूब चैनल Rural Tales के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराओं और गांवों की आत्मा को जीवित रखने का कार्य करें, यह आज के समय में किसी सांस्कृतिक आंदोलन से कम नहीं...
Rural Tales केवल एक चैनल नहीं, यह उत्तराखंडी जीवनशैली, लोकभाषा, खानपान और भावनाओं का एक चलायमान दस्तावेज है। इस चैनल में हर कहानी, हर दृश्य अपने आप में एक जीवित अनुभव जैसा लगता है।
मुझे सौभाग्य प्राप्त हुआ कि संदीप गुसाईं जी एक रात मेरे घर पर भी रहे। उनके साथ थे देव प्रकाश अग्रवाल जी, जो स्वयं भी एक समर्पित यूट्यूबर हैं और अपने चैनल Tasviron Mein Pahad के माध्यम से उत्तराखंड की सुंदरता, संस्कृति और लोकजीवन को बेहद कलात्मक ढंग से प्रस्तुत करते हैं।
उस रात हमारे बीच बहुत ही प्रेरणादायक चर्चा हुई — मेरे द्वारा किए गए उच्च हिमालयी ट्रैकों पर, उत्तराखंड की बदलती पहचान पर, और डिजिटल माध्यमों के ज़रिए अपनी संस्कृति को सहेजने के उपायों पर...
संदीप जी ने यूट्यूब की बारीकियों पर रोशनी डाली, वहीं देव प्रकाश जी ने भी अपने अनुभव साझा किए, जिससे मुझे नई ऊर्जा और दिशा मिली...
विशेष रूप से बसुकेदार क्षेत्र और मेरे गॉंव क्यार्क-बरसूड़ी को Rural Tales के माध्यम से दिखाने में जिन मित्रों का सहयोग रहा, उनका हृदय से आभार प्रकट करता हूँ...
पूर्व प्रधान डालसिंगी श्री मोहन भंडारी जी एवं संस्कृत महाविद्यालय बसुकेदार के आचार्य श्री मनोज नौटियाल जी व बड़े भाई श्री गजेंद्र रौतेला जी ने जिस आत्मीयता, मार्गदर्शन और मेहमाननवाजी से टीम का स्वागत किया, वह वास्तव में सराहनीय है...
आज जब गांव अपनी परंपराओं से दूर होते जा रहे हैं, ऐसे में Rural Tales और Tasviron Mein Pahad जैसे यूट्यूब चैनल तथा इनके पीछे काम करने वाले संवेदनशील रचनाकार हमारे लिए एक प्रेरणा हैं – जो हमें फिर से अपनी जड़ों की ओर लौटने का रास्ता दिखाते हैं...
अगर आपने अब तक इनका कार्य नहीं देखा है, तो जरूर जुड़िए इनकी कहानियों से –https://youtube.com/?si=hHehHpd3tfILHjKs
https://youtube.com/?si=Ng85sX8tdnqvAj8e
https://youtube.com/?si=C7kpTmSFXfStcIC0
क्योंकि संस्कृति को जीना और आगे बढ़ाना, हम सबकी साझा ज़िम्मेदारी है।
जय उत्तराखंड!
जय संस्कृति!