09/06/2025
गोखरू के आयुर्वेद फायदे....
नपुंसकता और किडनी रोगों का काल है गोखरू :- शीघ्र उत्पादन करेंगे गोखरू निर्मित योग का
गोखरू वर्षा ऋतु में जमीन पर फैलकर बढ़ने वाला, शाखा-प्रशाखायुक्त पौधा होता है। इसके तने 1.5 मी लम्बे, और जमीन पर फैले हुए होते हैं। शाखाओं के नये भाग मुलायम होते हैं; पत्ते चने के पत्तों के समान, परन्तु आकार में कुछ बड़े होते हैं। इसके फूल पीले, छोटे, चक्राकार, कांटों से युक्त, चमकीले लगभग 0.7-2 सेमी व्यास या डाइमीटर के होते हैं।
इसके फल छोटे, गोल, चपटे, पांच कोण वाले, 2-6 कंटक युक्त व अनेक बीजी होते हैं। इसकी जड़ मुलायम रेशेदार, 10-15 सेमी लम्बी, हल्के भूरे रंग के एवं थोड़े सुगन्धित होते हैं। गोखुरू अगस्त से दिसम्बर महीने में फलते-फूलते हैं।
गोखरू में पोटेशियम, नाइट्रेट, विटामिन सी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फ्लेवोनोइड्स, सैपोनिन्स, एल्कलॉइड्स, और खनिज तत्व जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं. ये सभी पोषक तत्व शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते है विशेषकर नाइट्रेट जो कि
रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है जिससे सभी जीवन अंगों को बल मिलता है हृदय तथा यौन अंगों को बल मिलता है
सैपोनिन्स यौन स्वास्थ्य और हार्मोन संतुलन में जबर मदद करते हैं जिससे पुरूषों तथा महिलाओं दोनों को ही यौनेच्छा की कमी महसूस नहीं होती
एल्कलॉइड्स को मूत्रवर्धक प्रभाव के लिए जाना जाता है और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है तथा मूत्रमार्ग की परेशानियां दूर करते हैं
गोखरू में मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम जैसे खनिज तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने और मांसपेशियों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं.
टेस्टोस्टेरान हार्मोन ही वो हार्मोन है जो एक पुरुष को मर्द बनाता है उसके यौनांग मांसपेशियों के विकास और रखरखाव का जरिया है
गोखरू को टेस्टोस्टेरोन बूस्टर के रूप में जाना जाता है, जो पुरुषों के लिए बहुत जरूरी होता है। टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है, जो पुरुषों के यौन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं पुरुषों की मांसपेशियों को बढ़ाने, हड्डियों को मजबूत करने और पुरुषों के प्रजनन क्षमता को बेहतर रखने में मदद करता है।
2 ग्राम गोखुर के फल चूर्ण को 2-3 नग सूखे अंजीर के साथ दिन में तीन बार कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से दमा में लाभ होता है। गोक्षुर तथा अश्वगंधा को समान मात्रा में लेकर उसके सूक्ष्म चूर्ण में 2 चम्मच मधु मिलाकर दिन में दो बार 250 मिली दूध के साथ सेवन करने से सांस संबंधी समस्या एवं कमजोरी में लाभ मिलता है।
गोखरू का काढ़ा पिलाने से जिसकी पाचन शक्ति कमजोर है उसको भोजन पचाने में आसानी होती है। गोखरू के 30-40 मिली काढ़ा में 5 ग्राम पीपल के चूर्ण का मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से पाचन-शक्ति बढ़ती है। यह गोखरू का उपयोग बड़ा लाभकारी है।
गोखरू के सेवन से पथरी को प्राकृतिक तरीके से निकालने में मदद मिलती है। 5 ग्राम पतंजलि गोखरू चूर्ण को 1 चम्मच मधु के साथ दिन में तीन बार खाने के बाद ऊपर से बकरी का दूध पिलाने से अश्मरी टूट-टूट कर निकल जाती है। या फिर सीधे ही गोखरू पंचांग स्वरस को 30 मिली सुबह निराहार एक गिलास पानी के साथ लिया जाए तो पित्ताशय तथा आंतों के साथ साथ गुर्दों की भी सफाई होती है तथा बनी कश्मीरी यानी पत्थरियां निकल जाती हैं
अगर किसी कारण गर्भाशय में दर्द हो रहा है तो गोखरू का सेवन बहुत गुणकारी होता है। 5 ग्राम गोखरू फल, 5 ग्राम काली किशमिश और दो ग्राम मुलेठी इनको पीसकर सुबह शाम सेवन करने से गर्भाशय के दर्द से राहत मिलती है।
अगर स्पर्म काउन्ट कम होने के कारण आपके पिता बनने में समस्या उत्पन्न हो रही है तो गोखरू का सेवन इस तरह से करें। गोखरू के 20 ग्राम फलों को 250 मिली दूध में उबालकर सुबह शाम पिलाने से स्पर्म या वीर्य संबंधी समस्याएं कम होती है। इसके अलावा 10 ग्राम गोखरू एवं 10 ग्राम शतावर को 250 मिली दूध के साथ उबालकर पिलाने से स्पर्म का काउन्ट और क्वालिटी बढ़ती है तथा शरीर को शक्ति मिलती है। या फिर कैप्सूल में भरकर 500 mg प्रति दूध के साथ जल के साथ लिया जा सकता है
250 ग्राम गोखरू फल को दो लीटर पानी में उबालना है जब तक वो आधा न रह जाए फिर इसे छानकर बोतल में भरकर रख लें
30-30-30 मिली सुबह दोपहर शाम आधा कप पानी मिलाकर पिएं किडनी संबंधित बीमारियों में तथा बढ़े हुए क्रिएटिनिन और यूरिया में आशातीत लाभ होता है युरिनरी ट्रैक इंफेक्शन और पेशाब की रूकावट दूर होती है शुरूआती किडनी रोग का अचूक उपाय है
गोखरू एक नर्वाइन टॉनिक के रूप में काम करती है, जो नसों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के साथ अनिद्रा, तनाव और चिंता से राहत दिलाने में भी फायदेमंद है।
डॉ० जयवीर सिंह
अवधूत आयुर्विज्ञान संस्थान पिंडारा फ्लाईओवर
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