SonuKumar

SonuKumar भाग्यशाली वे नहीं होते जिन्हें अपनी जिंदगी में सब कुछ अच्छा मिलता है,भाग्यशाली वो होते हैं जो अपनी भाग्य को अपनी ज़िंदगी बदल दें।

11/08/2025

मैं सोनू कुमार

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  हृदय रोग आज के समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बन चुका है। हर वर्ष लाखों लोग हार्ट अटैक, ब्लॉकेज, हाई ब...
11/06/2025

हृदय रोग आज के समय की सबसे बड़ी स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक बन चुका है। हर वर्ष लाखों लोग हार्ट अटैक, ब्लॉकेज, हाई बीपी और अन्य हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रसित हो रहे हैं। ऐसे में एक ऐसा आयुर्वेदिक उपाय है जो सैकड़ों वर्षों से भारतीय चिकित्सा पद्धति में ‘हृदय रक्षक’ के रूप में स्थापित है — अर्जुन वृक्ष ।

इस लेख में जानिए कि अर्जुन वृक्ष क्या है, यह दिल के लिए कैसे फायदेमंद है, इसके इस्तेमाल के तरीके, सावधानियां, और इसे वैज्ञानिक रूप से कैसे प्रमाणित किया गया है।

🌿 अर्जुन वृक्ष क्या है?
अर्जुन वृक्ष (Terminalia Arjuna) भारत में उगने वाला एक बड़ा और शक्तिशाली पेड़ है, जो खासतौर पर नदियों के किनारे पाया जाता है। इसकी छाल ( ) का औषधीय उपयोग हृदय रोग, रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण और रक्त परिसंचरण में किया जाता है।

संस्कृत नाम: ककुभ, धवल, इन्द्रद्रु
प्राकृतिक गुणधर्म: कसैला, ठंडा, तिक्त और बलवर्धक
धातुओं पर कार्य: रक्त, मांस और हृदय

❤️ दिल के लिए क्यों वरदान है #अर्जुन?
1. हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करता है
अर्जुन की छाल में मौजूद कोएंजाइम Q-10 जैसे प्राकृतिक तत्व हृदय की मांसपेशियों को मज़बूती देते हैं।

2. कोलेस्ट्रॉल घटाता है
यह LDL (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम कर HDL (अच्छे कोलेस्ट्रॉल) को बढ़ाता है।
✔️ ब्लॉकेज, एथेरोस्क्लेरोसिस जैसी स्थितियों में मददगार।

3. ब्लड प्रेशर को संतुलित करता है
इसके नियमित सेवन से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायता मिलती है।
✔️ बीटा-ब्लॉकर जैसी दवाओं के विकल्प के रूप में उभर रहा है।

4. हार्ट अटैक के बाद रिकवरी में सहायक
अर्जुन ट्री की छाल हार्ट अटैक के बाद दिल को फिर से मज़बूत करने में सहायक होती है।
✔️ कार्डियक टॉनिक के रूप में प्रयोग।

5. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
यह फ्री रेडिकल्स से हृदय की रक्षा करता है और उम्रजनित हृदय क्षति को धीमा करता है।

🔬 वैज्ञानिक प्रमाण और शोध
AIIMS दिल्ली और Banaras Hindu University (BHU) जैसे संस्थानों में अर्जुन की हृदय संबंधी प्रभावशीलता पर शोध किए गए हैं।

एक रिसर्च में पाया गया कि अर्जुन छाल का सेवन ईकोकार्डियोग्राफी में हृदय की क्षमता बढ़ाने में प्रभावशाली रहा।

अर्जुन छाल cardioprotective, hypolipidemic, antioxidant, and anti-inflammatory गुणों से भरपूर होती है।

🧪 अर्जुन छाल में मौजूद शक्तिशाली तत्व
टैनिन्स- कसैला और हृदय संरक्षक
सैपोनिन्स- कोलेस्ट्रॉल कम करने में सहायक
फ्लावोनॉयड्स- एंटीऑक्सीडेंट
Co-Q10 समकक्ष यौगिक- दिल की मांसपेशियों की कार्यक्षमता बढ़ाए
एल्कलॉयड्स- दर्द व सूजन में राहत

🍵 अर्जुन छाल के सेवन के तरीके
1. अर्जुन की छाल का काढ़ा (Decoction)
विधि:

1 चम्मच सूखी अर्जुन की छाल

2 कप पानी में उबालें जब तक 1 कप न रह जाए

छानकर खाली पेट सुबह पिएं
✔️ दिल मज़बूत, BP नियंत्रित

2. अर्जुन छाल का चूर्ण (Powder Form)
रोजाना 1 से 3 ग्राम चूर्ण गुनगुने पानी या शहद के साथ
✔️ सुबह और शाम भोजन के बाद

3. अर्जुन चाय (Herbal Tea)
बाजार में उपलब्ध हर्बल अर्जुन टी बैग्स
✔️ दिल के लिए टॉनिक और तनाव घटाने में सहायक

4. अर्जुन अर्क या कैप्सूल्स
आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर उपलब्ध
✔️ डोज़ नियंत्रित और सुविधाजनक विकल्प

🧘‍♂️ अर्जुन + योग = संपूर्ण हृदय सुरक्षा
यदि अर्जुन का सेवन नियमित प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, और ब्रिस्क वॉक के साथ किया जाए, तो हृदय की समग्र सेहत में अद्भुत सुधार देखा गया है।

❌ सावधानियां
अधिक मात्रा में अर्जुन छाल न लें- रक्तचाप अत्यधिक गिर सकता है
गर्भवती महिलाओं को बिना परामर्श न दें- हॉर्मोनल प्रभाव हो सकते हैं
अन्य दवाओं के साथ बिना सलाह अर्जुन न लें- दवा का असर कम हो सकता है
हर बार नया काढ़ा बनाएं- ताजगी और असर के लिए जरूरी

🩺 किन लोगों को चाहिए अर्जुन?
✅ 35 की उम्र के बाद सभी को
✅ जिनके परिवार में हृदय रोग का इतिहास है
✅ हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा या तनाव वाले व्यक्तियों को
✅ हार्ट अटैक रिकवरी वाले मरीजों को
✅ वे लोग जो दवाओं से हटकर प्राकृतिक उपाय चाहते हैं

📖 अर्जुन वृक्ष – आयुर्वेद में क्या स्थान है?
आयुर्वेद के महान ग्रंथ चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में अर्जुन को हृदय रोगों में प्रथम औषध माना गया है।
उसे "हृदयबलवर्धक" और "धमनियों के शुद्धिकरण" में उपयोगी बताया गया है।

🌱 अर्जुन वृक्ष – एक पर्यावरण योद्धा भी
यह वृक्ष अधिक ऑक्सीजन देता है

भूमि को ठंडा करता है

शहरों में प्रदूषण रोकने में सहायक

नदियों के किनारे कटाव रोकता है

📣 निष्कर्ष:
“अर्जुन वृक्ष न केवल आयुर्वेद का चमत्कार है, बल्कि दिल की सेहत का सबसे सस्ता और सुरक्षित समाधान भी है।”

प्राकृतिक हृदय सुरक्षा की खोज में यदि कोई पेड़ सहायक बन सकता है, तो वह अर्जुन ही है। ये एक ऐसा रक्षक है जो न केवल दिल के धड़कनों को सहेजता है, बल्कि आपकी पूरी जीवनशैली को संतुलन देता है।
यदि आप अपने दिल का ख्याल प्राकृतिक रूप से रखना चाहते हैं, तो अर्जुन को अपनी दिनचर्या में शामिल करना आज ही शुरू करें।

#अर्जुनवृक्ष #दिल_की_दवा #हृदय_सुरक्षा #अर्जुन_के_फायदे #प्राकृतिक_हृदय_उपचार

आज सोमवार है दर्शन करे पवित्र गुफा के 🤍
09/06/2025

आज सोमवार है दर्शन करे पवित्र गुफा के 🤍

गोखरू के आयुर्वेद फायदे....नपुंसकता और किडनी रोगों का काल है गोखरू :- शीघ्र उत्पादन करेंगे गोखरू निर्मित योग कागोखरू वर्...
09/06/2025

गोखरू के आयुर्वेद फायदे....

नपुंसकता और किडनी रोगों का काल है गोखरू :- शीघ्र उत्पादन करेंगे गोखरू निर्मित योग का
गोखरू वर्षा ऋतु में जमीन पर फैलकर बढ़ने वाला, शाखा-प्रशाखायुक्त पौधा होता है। इसके तने 1.5 मी लम्बे, और जमीन पर फैले हुए होते हैं। शाखाओं के नये भाग मुलायम होते हैं; पत्ते चने के पत्तों के समान, परन्तु आकार में कुछ बड़े होते हैं। इसके फूल पीले, छोटे, चक्राकार, कांटों से युक्त, चमकीले लगभग 0.7-2 सेमी व्यास या डाइमीटर के होते हैं।
इसके फल छोटे, गोल, चपटे, पांच कोण वाले, 2-6 कंटक युक्त व अनेक बीजी होते हैं। इसकी जड़ मुलायम रेशेदार, 10-15 सेमी लम्बी, हल्के भूरे रंग के एवं थोड़े सुगन्धित होते हैं। गोखुरू अगस्त से दिसम्बर महीने में फलते-फूलते हैं।

गोखरू में पोटेशियम, नाइट्रेट, विटामिन सी, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फ्लेवोनोइड्स, सैपोनिन्स, एल्कलॉइड्स, और खनिज तत्व जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं. ये सभी पोषक तत्व शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं और कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करते है विशेषकर नाइट्रेट जो कि
रक्त वाहिकाओं को चौड़ा करने और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है जिससे सभी जीवन अंगों को बल मिलता है हृदय तथा यौन अंगों को बल मिलता है
सैपोनिन्स यौन स्वास्थ्य और हार्मोन संतुलन में जबर मदद करते हैं जिससे पुरूषों तथा महिलाओं दोनों को ही यौनेच्छा की कमी महसूस नहीं होती
एल्कलॉइड्स को मूत्रवर्धक प्रभाव के लिए जाना जाता है और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है तथा मूत्रमार्ग की परेशानियां दूर करते हैं
गोखरू में मौजूद कैल्शियम, फॉस्फोरस, मैग्नीशियम जैसे खनिज तत्व हड्डियों को मजबूत बनाने और मांसपेशियों की कार्यक्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं.
टेस्टोस्टेरान हार्मोन ही वो हार्मोन है जो एक पुरुष को मर्द बनाता है उसके यौनांग मांसपेशियों के विकास और रखरखाव का जरिया है
गोखरू को टेस्टोस्टेरोन बूस्टर के रूप में जाना जाता है, जो पुरुषों के लिए बहुत जरूरी होता है। टेस्टोस्टेरोन एक हार्मोन है, जो पुरुषों के यौन विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इतना ही नहीं पुरुषों की मांसपेशियों को बढ़ाने, हड्डियों को मजबूत करने और पुरुषों के प्रजनन क्षमता को बेहतर रखने में मदद करता है।

2 ग्राम गोखुर के फल चूर्ण को 2-3 नग सूखे अंजीर के साथ दिन में तीन बार कुछ दिनों तक लगातार सेवन करने से दमा में लाभ होता है। गोक्षुर तथा अश्वगंधा को समान मात्रा में लेकर उसके सूक्ष्म चूर्ण में 2 चम्मच मधु मिलाकर दिन में दो बार 250 मिली दूध के साथ सेवन करने से सांस संबंधी समस्या एवं कमजोरी में लाभ मिलता है।

गोखरू का काढ़ा पिलाने से जिसकी पाचन शक्ति कमजोर है उसको भोजन पचाने में आसानी होती है। गोखरू के 30-40 मिली काढ़ा में 5 ग्राम पीपल के चूर्ण का मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से पाचन-शक्ति बढ़ती है। यह गोखरू का उपयोग बड़ा लाभकारी है।

गोखरू के सेवन से पथरी को प्राकृतिक तरीके से निकालने में मदद मिलती है। 5 ग्राम पतंजलि गोखरू चूर्ण को 1 चम्मच मधु के साथ दिन में तीन बार खाने के बाद ऊपर से बकरी का दूध पिलाने से अश्मरी टूट-टूट कर निकल जाती है। या फिर सीधे ही गोखरू पंचांग स्वरस को 30 मिली सुबह निराहार एक गिलास पानी के साथ लिया जाए तो पित्ताशय तथा आंतों के साथ साथ गुर्दों की भी सफाई होती है तथा बनी कश्मीरी यानी पत्थरियां निकल जाती हैं

अगर किसी कारण गर्भाशय में दर्द हो रहा है तो गोखरू का सेवन बहुत गुणकारी होता है। 5 ग्राम गोखरू फल, 5 ग्राम काली किशमिश और दो ग्राम मुलेठी इनको पीसकर सुबह शाम सेवन करने से गर्भाशय के दर्द से राहत मिलती है।

अगर स्पर्म काउन्ट कम होने के कारण आपके पिता बनने में समस्या उत्पन्न हो रही है तो गोखरू का सेवन इस तरह से करें। गोखरू के 20 ग्राम फलों को 250 मिली दूध में उबालकर सुबह शाम पिलाने से स्पर्म या वीर्य संबंधी समस्याएं कम होती है। इसके अलावा 10 ग्राम गोखरू एवं 10 ग्राम शतावर को 250 मिली दूध के साथ उबालकर पिलाने से स्पर्म का काउन्ट और क्वालिटी बढ़ती है तथा शरीर को शक्ति मिलती है। या फिर कैप्सूल में भरकर 500 mg प्रति दूध के साथ जल के साथ लिया जा सकता है

250 ग्राम गोखरू फल को दो लीटर पानी में उबालना है जब तक वो आधा न रह जाए फिर इसे छानकर बोतल में भरकर रख लें
30-30-30 मिली सुबह दोपहर शाम आधा कप पानी मिलाकर पिएं किडनी संबंधित बीमारियों में तथा बढ़े हुए क्रिएटिनिन और यूरिया में आशातीत लाभ होता है युरिनरी ट्रैक इंफेक्शन और पेशाब की रूकावट दूर होती है शुरूआती किडनी रोग का अचूक उपाय है

गोखरू एक नर्वाइन टॉनिक के रूप में काम करती है, जो नसों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के साथ अनिद्रा, तनाव और चिंता से राहत दिलाने में भी फायदेमंद है।

डॉ० जयवीर सिंह
अवधूत आयुर्विज्ञान संस्थान पिंडारा फ्लाईओवर
गोहाना रोड़ नजदीक राजमहल पैलेस जींद हरियाणा
7393050000

17/12/2024
09/07/2024

टीचर बिना रिश्वत के पिटता हैं।

08/06/2024

देवभूमि उत्तराखंड
#जागेश्वर धाम #अल्मोड़ा

Beauty of Nainital ❤️Uttarakhand ❤️ Love you Zindagi
04/05/2024

Beauty of Nainital ❤️
Uttarakhand ❤️ Love you Zindagi

23/04/2024

राधे राधे जी 🙏

काफल खाओ आप लोग😋😋❤️❤️जय देवभूमि उत्तराखंड❤️😘
19/04/2024

काफल खाओ आप लोग😋😋❤️❤️
जय देवभूमि उत्तराखंड❤️😘

Celebrating my 1st year on Facebook. Thank you for your continuing support. I could never have made it without you. 🙏🤗🎉
04/04/2024

Celebrating my 1st year on Facebook. Thank you for your continuing support. I could never have made it without you. 🙏🤗🎉

10/03/2024

जानकी पुल, ऋषिकेश, उत्तराखंड
जय गंगा मैया की 🙏
हर हर महादेव शंभू 🙏
जय हो माता जानकी 🙏

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