‘‘न्यूज प्रिंट’’ की निष्ठाओं का निर्विवाद सफर आपके बीच..
हर कदम सच्चाई की ओर।
भरोसे और आत्मविश्वास से लबरेज होकर स्वतंत्रता का परवाना देने का बीड़ा उठाने का जो अनूठा प्रयास किया, उसमें वो ठिठके और फिर चल पड़े, पटकनी भी खाई तो आपने गोद में ले लिया बस आपके इसी प्यार ने मुझे समाज के साथ चलने की राह दे दी। धीरे-धीरे समाज के कदमताल को अपनी डगर मानकर जमाने को अपने रंग में रंगने का जो विश्वास और भरोसा आपसे मिला, उसे मैं ताउम्र नहीं भुला पाउंगा। बड़ी शिद्धत से आपने मेरे राग में अपना संगीत देकर मुझे बुलंदियों तक का सफर तय कराया, निःसंदेह वो अतुलनीय और अक्षुण रहेगा। यह बात कहते हुए मुझे बड़ा ही गर्व महसूस हो रहा है कि आज जो भी हूं आपके प्यार और असीम अनुकम्पा के सहारे हूं। जिन्होंने मेरे सपने को अपने पंख देकर मुझे उड़ना सिखाया। यह सब मैं प्रधान संपादक ‘‘राजकुमार फुटेला’’ शैशव अवस्था से आपके बीच पले-बढे़ एक हिंदी सांध्य दैनिक अखबार ‘‘न्यूज प्रिंट’’ की बात कर रहा हूं। जिसकी आपने एक बच्चे की भांति देख रेख कर उसे अपना संरक्षण दिया। वर्ष 2004 का प्रवेशांक में तो हमें भी लगा कि कैसे वो इस अखबार के सहारे समाज की विकृतियों, बुराईयों, भ्रष्टाचार, अन्याय, आतंक और जुल्म को रोकने में मंजिल हासिल कर सकेंगे! लेकिन लगातार आपके सुझाव और आपकी प्रतिक्रियाओं से जो मुझमें उर्जा का संचार हुआ है, उसी शक्ति ने मुझे अखबार की कामयाब दुनिया का एक सिपाही बना दिया। अब उत्तराखंड में ‘न्यूज प्रिंट’ की एक अलग दास्तां बयां होती है। शहर में ‘‘हर हलचल का गवाह’’ बनकर आपके बीच आपका सच्चा एवं सजग प्रहरी के रूप में काम किया और करता रहूंगा ऐसा मेरा सोचना है।
यही स्नेह और प्यार है कि न्यूज प्रिंट अखबार आज किसी परिचय का मोहताज नहीं, बल्कि लोगों की पहचान बनाने में सार्थक साबित हो रहा है। अखबार की शुरूवाती डगर खासी हिचकोले लेती उबड़ खाबड़ पथरीली पगडंडी पर चलने जैसी रही। समाज के बीच तमाम बुराईयों का दंश झेलते हुए संयम नहीं खोया। समाज में जो दिखा उसे बेबाक लिखा और सही राह भी दिखाने में भी जितना योगदान बन पड़ा जमकर किया। वर्ष 2004 के शुरूवात में शहर के चांदनी चैक कहे जाने वाले भगत सिंह चैक के समीप सुभाष कालोनी में एक छोटी सी मशीन लगाकर दो पन्नों में अखबार का प्रकाशन शुरू किया। 16/30 के एक कमरे में मशीन और दो कुर्सी डालकर आफिस चलाया। निकाली गई प्रारंभिक प्रतियां कौतुहल का विषय बनीं तो वहीं लोगों में न्यूज प्रिंट में खबरें छपवाने का क्रेज बढ़ते दिखने लगा। खबरों को उन्हीं की भाषा और अंदाज में बयां करने में पूरी सजगता बरती। नतीजतन धीरे-धीरे अखबार नित्य नई बुलंदियों को छूता चला गया। इसके बाद सामाजिक क्षेत्रों में मूलभूत समस्याओं को प्रमुखता से उठाया। उसके लिए प्रशासन से भी कई बार टकराव हुआ, लेकिन निरंतर अविरल चलते हुए समाज के साथ आगे बढ़े। अखबार से व्यापारिक, राजनैतिक एवं स्वयंसेवी गतिविधियांे पर भी सदैव नजरे रखीं ताकि वहां कहीं कोई गलत न हो। व्यापार मंडल, नगर पालिका, जिला पंचायत, विधानसभा या फिर लोकसभा के चुनाव हों। अखबार ने अपनी भूमिका को बेहतर अंदाज में आपके सम्मुख प्रस्तुत किया। मतदान से पूर्व सर्वेक्षण छापे गए,जो अभी तक के इतिहास में शत प्रतिशत सफल रहे। जिसके फलस्वरूप पाठकों में ‘न्यूज प्रिंट’ के प्रति विश्वास स्थापित होता चला गया। इस दौरान एक नहीं अनेक अवसर आते गए, जब हमें हमारी राह से भटकाने की जीतोड़ कोशिशें हुई, इसमें चाहे राजनैतिक क्षेत्र के लोग रहे हों या फिर ब्यूरोक्रेसी, सबने अपना शिकंजा अखबार पर कसने की कोशिश की, लेकिन आपके अनूठे प्रेम ने अखबार की टीम को किसी भी दबाव के सामने झुकने नहीं दिया। आपमें विश्वास जगाने की यह एक अच्छी पहल रही। लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास बनाए रखने के लिए शत प्रतिशत मतदान की भी हमने जमकर वकालत की। जिसका परिणाम भी चुनावों में देखने को मिला।
इस क्षेत्र में साहित्यिक प्रतिभाओं की अभिव्यक्ति के सशक्त माध्यम का अभाव था। न्यूज प्रिंट ने होनहार लेखकों, कवियों को अवसर दिया। कविता , कहानी, इतिहास, राजनीति, अर्थशास्त्र,पुरातत्व, विज्ञान, साहित्य विविध विषयों पर प्रमाणिक विद्वानों को लिखने में सदैव चेष्टा रखी। उत्तराखंड के प्रमुख शहर नैनीताल और ऊधमसिंह नगर के इतिहास के विस्मृत पृष्ठों को प्रकाश में लाने का न्यूज प्रिंट ने अनुकरणीय योगदान दिया। प्राथमिक से लेकर स्नातकोत्तर तक के विद्यालयों में होने वाली गतिविधियों एवं बच्चों के हौंसला अफजाई के लिए उनमें छिपी प्रतिभाओं को समाज के सम्मुख लाने में भरसक प्रयत्न रहा। खिलाड़ियों और प्रतिभाओं को समय-समय पर तकनीकी पहलुओं से भी अखबार ने अवगत कराया। उत्तराखंड की राजनैतिक गतिविधियों एवं बदलते घटनाक्रम पर बेबाकी से अपने व्यूज और न्यूज से संवारकर सच्चाई भरी खबरों को आप तक परोसने का काम किया है। ब्यूरोक्रेसी में हावी होते भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए जो इस अवधि में बन पड़ा किया। समाचार पत्र ने निष्पक्ष पत्रकारिता को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया और अपने साथ विशाल पाठक वर्ग को जोड़ा। हमें इस बात का भी फख्र है कि न्यूज प्रिंट से योग्य व्यक्ति जुड़े तो कई सहयोगियों के लिए यह एक प्रशिक्षण संस्थान के रूप में भी उपयोगी रहा है। आज वे प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत हैं। हमंे यह भी संतोष है कि राज्य के स्वर्णिम इतिहास को हमने बखूबी लिखा और उसे अपनाते हुए लोगों के लिए प्रेरणाश्रोत बनाने में मददगार साबित हुआ। न्यूज प्रिंट की समृद्ध विषय सामग्री, विश्वसनीय तथा संतुलित समाचार कवरेज,विचारोत्तेजक संपादकीय, विशिष्ट लेख, अर्थिक, सेहत, शिक्षा, मनोरंजन और अन्य नियमित फीचर्स इसके अतिरिक्त पहलू दिलचस्प रहे हैं। इस समाचार पत्र की हर दोपहर अपने आप में नवीनता लेकर प्रस्तुत होती है हालांकि अखबार चलाना एक जोखिम भरा कार्य है, यह मैने बाल्यकाल मेें सुना था। जब जवानी की दहलीज पर कदम रखा तो इसी जोखिम भरी राह पर अपने कैरियर को दांव पर लगा दिया। परिजनों एवं मित्रों ने भी इस सफर पर न चलने की सलाह दी। कई बार ऐसे अवसर आए जब परिजन ही साथ छोड़कर किनारे खड़े हो गए। तब यदि कोई साथ दिखाई दिया तो वो मात्र जीवन संगिनी रहीं। जिसने हर पल, हर दम मुझमें साहस भरने का काम किया। अखबार के शुरूवाती दौर में एक नहीं अनेक बार ऐसे अवसर आए जब पेपर छपने के समय में कागज और स्याही का अभाव प्रकाशन में आड़े आते दिखा, लेकिन विश्वास के बलबूते पर चले प्रबंधन को अदृश्य शक्ति अपना सहारा देती रहीं और पूरे 15 सालों में एक दिन भी ऐसा नहीं आया, जब आखबार संसाधनों के अभाव में रूका हो। हम निरंतर चलते रहे। कब 15 साल गुजर गए, पता ही नहीं चला। अखबार से आपका साथ देने का जो जज्बा और जुनून चढ़ा, उससे न्यूज पिं्रट परिवार के साथ आपकी कसौटी पर काफी हद तक खरा उतरने का प्रयास रहा। अब तो रोज ही कुछ नया पाठकों को देने का सपना तन मन मंे हिलोरे लेता रहता है और उस पर काम भी निर्बाध रूप से चल रहा है। और इसलिए इसकी पाठक संख्या उत्तरोत्तर अभिवृद्धि की ओर अग्रसरित है।