06/07/2023
SDM Jyoti Maurya शादी कार्ड मामले में बुरी फसी। आलोक मोर्या के गांव वालों ने खोल दी सारी पोल
उत्तर प्रदेश की पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य और उनके पति आलोक मौर्य के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी ह
इस बीच ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य की शादी का साल 2010 का कार्ड वायरल हो गया. जिसमें आलोक के नाम के साथ ग्राम पंचायत अधिकारी लिखा हुआ है. शादी के कार्ड में आलोक मौर्य को ग्राम पंचायत अधिकारी बताया गया है, जबकि वह प्रयागराज में पंचायती राज विभाग में चतुर्थ श्रेणी के पद पर कार्यरत हैं. ऐसे में आलोक मौर्य के निवास स्थान आजमगढ़ के मेघनगर तहसील अंतर्गत बछवल गांव वालों से banchit में नया खुलासा हुआ। उसके बाद से
बता दें कि आलोक मौर्य की पत्नी ज्योति मौर्य वर्तमान में बरेली के शुगर मिल में जीएम के पद पर तैनात हैं. वाराणसी की रहने वालीं PCS अधिकारी ज्योति ने पति और उनके परिवार पर दहेज मांगने का आरोप लगाया है. वहीं, आलोक का आरोप है कि ज्योति ने उनकी हत्या की साजिश रची है. साल 2010 में दोनों की शादी हुई थी.
लेकिन जब बछवल गांव में आलोक मौर्य के पिता से बातचीत करने की कोशिश की,
तो उन्होंने इस मामले पर बात करने से ही मना कर दिया. वहीं, बछवल गांव के ग्रामीणो से banchit में पता चला है जो
बछवल गांव के ग्रामीण विजय शंकर पांडेय ने बताया कि जो भी हुआ है, वो बहुत गलत हुआ है. मास्टर साहब यानी (आलोक के पिता) ने अपने खून-पसीने की कमाई से बहू को पढ़ाने में लगा दिया था. नहीं तो (ज्योति मौर्य) की औकात नहीं है कि वो वहां तक पहुंच पाए. मास्टर साहब ने पैसे से पूरी ताकत लगा दी थी. उन्होंने बताया कि ज्योति जी ने यह बहुत ही घिनौना काम किया है.
वही एक दूसरे सक्स
नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इलाहाबाद में रहकर अच्छी कोचिंग, अच्छी पढ़ाई और सारी व्यवस्था ज्योति मौर्य को मिली. पूरा परिवार उनके लिए लगा रहा, क्योंकि वो पढ़ने में तेज थी.
हालांकि जब शादी के कार्ड में आलोक मौर्य को ग्राम पंचायत अधिकारी के तौर पर लिखे जाने से जुड़े सवाल उसने पूछे गए। तो उन्होंने उन्होंने बताया की ज्योति मौर्य के पक्ष) ने जो कार्ड छपवाया था उसमें आलोक मौर्य को ग्राम पंचायत अधिकारी लिखा गया था. हमारे गांव में शादी के कार्ड में केवल आलोक मौर्य का नाम था, उसमें कोई पदलिखा ही नही गया था.
गांव वालों से बातचीत में जब इस बात की भी पुष्टि की गई कि आखिर विवाह के दरमियान छपे कार्ड में झूठ बोलकर सफाई कर्मी को ग्राम विकास अधिकारी पद पर बताया गया और विवाह कराया गया तो इसकी भी सफाई गांव वालों ने अपने तरीके से दी. उनका कहना है कि गांव में बटे किसी भी कार्ड पर किसी परकार के पद का जिक्र नहीं था और जिस कार्ड की चर्चा हो रही है वह कार्ड खुद लड़की वालों ने बाटा था जिसका जानकारी उन्हें भी नहीं है.
वहीं, इसी गांव के ही डॉ. दुर्गा प्रताप नामक व्यक्ति ने बताया कि हमारा गांव पढ़े-लिखे लोगों का गांव है. यहां के लोग बहुत बड़े-बड़े उच्च पदों पर रहे हैं. हमारे गांव की यह परपंरा रही है कि लोग बहूओं को बेटियों की तरह देखते है और उन्हें पढ़ाते भी ह. मास्टर साहब ने बहू को पढ़ाया और उसमें पति आलोक ने भी पूरा सहयोग किया.
उन्होंने कहा कि जिस परिवार ने, जिस ससुर ने त्याग करके उनको (ज्योति) को इतना ऊंचाया उठाया. जब वह उठ गई तो अपने ही पति को हिकारत भरी नजरों से देखने लगी. ये उन्होंने बिलकुल अच्छा नहीं किया। तो दोस्तो ये थे आलोक के गांव वालों से हुई banchit। जिसके बाद आपकी अपनी क्या राय है कॉमेंट बॉक्स में जरूर बताएगा
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