Saharanpur - The Capital Of UP West

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भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के सहारनपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह उस ज़िले का मुख्यालय भी है।


जीवन में तनाव स्वाभाविक है, लेकिन हंसी और खुशी ही इसका समाधान हैं। अगर कोई पोस्ट विचलित करे, तो तनाव न लें, समझदारी दिखाएं और आगे बढ़ें।

हाथरस में 'दृश्यम' जैसा कांड, 30 साल बाद शव की तलाश में खोद दिया मकान; सामने आई रोंगटे खड़े करने वाली घटनायूपी के हाथरस ...
01/11/2025

हाथरस में 'दृश्यम' जैसा कांड, 30 साल बाद शव की तलाश में खोद दिया मकान; सामने आई रोंगटे खड़े करने वाली घटनायूपी के हाथरस से चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां पुलिस को बॉलीवुड एक्टर अजय देवगन की ब्लॉक बस्टर फिल्म दृश्यम जैसे सीन का सामना करना पड़ रहा है। यहां हत्या के 30 साल बाद नरकंकाल की तलाश में एक मकान के अंदर खुदाई शुरू कराई गई है।
उत्तर प्रदेश के जनपद हाथरस से अजय देवगन की फिल्म दृश्यम जैसा एक मामला सामने आया है। यहां हत्या के 30 साल बाद नरकंकाल की तलाश में पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में एक मकान के अंदर खुदाई शुरू कराई गई है। मृतक व्यक्ति के बेटे का आरोप है कि उसके दो भाइयों और मां ने कुछ लोगों के साथ मिलकर 30 साल पहले उसके पिता की हत्या कर दी थी और लाश को इसी जगह दफना दिया था। जिस समय यह हत्या की गई थी उस समय बेटे की उम्र लगभग 9 साल थी।

बेटे का यह भी आरोप है कि उस समय इन लोगों ने उसे डराकर उसका मुंह बंद करा दिया था। धीरे-धीरे वह वारदात को भूल गया लेकिन एक दिन नशे की हालत में उसके भाई ने जब यह बात उसको बताई तो उसे सब याद आ गया। इसके बाद वह थाना स्तर से लेकर उच्चाधिकारियों के पास पहुंचा और मामले की शिकायत करते हुए नरकंकाल की तलाश में खुदाई कराने की मांग की।

यह है पूरा मामला

आपको बता दें यह पूरा मामला हाथरस जिले थाना मुरसान क्षेत्र के गांव गिंलोदपुर का है। गांव गिंलोदपुर निवासी पंजाबी सिंह पुत्र बुद्ध सिंह ने पिछले दिनों जिलाधिकारी हाथरस डीएम को दिए एक प्रार्थना पत्र दिया। बताया कि 1 जुलाई को उसका रुपये के लेनदेन को लेकर अपने भाइयों प्रदीप कुमार और मुकेश कुमार उर्फ खन्ना से विवाद हो गया। इस पर इन दोनों भाइयों ने उससे कहा कि तुझे भी हम पिता बुद्ध सिंह के पास पहुंचा देंगे, जैसा कि हमने आज से 30 साल पहले किया था। पंजाबी सिंह का कहना है कि अब से 30 साल पहले वह 9 साल का था। सर्दियों के दिन थे। उसकी मां उर्मिला देवी के पास गांव के ही राजवीर का आना-जाना था। राजवीर गांव का धनी व्यक्ति था, इस पर उसके पिता बुद्ध सिंह ऐतराज करते थे और दोनों के बीच में विवाद भी होता रखता था। उसके दोनों भाई प्रदीप और मुकेश मां उर्मिला का पक्ष लेते थे। पंजाबी सिंह की मानें तो वह उस समय अपने पिता के साथ सोता था।मुंह में कपड़ा ठूंस गला दबाकर की थी हत्या

घटना के दिन मां उर्मिला और राजवीर ने मिलकर पंजाबी सिंह को उसके दोनों भाइयों के साथ सामने वाले मकान में भेज दिया था। रात में जब पंजाबी सिंह को नींद नहीं आई तो वह पिता के पास दूसरे मकान पर आया तो उसने देखा कि पिता बुद्ध सिंह को उसकी मां उर्मिला, राजवीर और भाई प्रदीप और मुकेश ने मुंह में कपड़ा ठूंस कर गला दबाकर जान से मार दिया। इसके बाद शव को छुपाने के लिए गड्डा खोदकर उसमें दफना दिया। जैसे इन सब लोगों ने मुझे देखा तो उस समय मुझे बुरी तरह से डरा दिया कि इस बारे में कुछ मत कहना वरना तुझे भी तेरे बाप के पास पहुंचा देंगे।

DM के आदेश पर शुरू हुई खुदाई

पंजाबी सिंह ने अपने प्रार्थना पत्र में यह भी बताया है कि वह उस समय बच्चा था और धीरे-धीरे यह बात भूल गया। वह अभी इस बात को बता सकता है कि उसके पिता को मारकर इन लोगों ने किस स्थान पर दफनाया था। उसे मकान में बताए गए स्थान की खुदाई कराई जाए तो उसके पिता का नरकंकाल आज भी अवश्य निकलेगा। पंजाबी सिंह ने इस मामले को लेकर जिलाधिकारी हाथरस के अलावा अन्य अधिकारियों को प्रार्थना पत्र दिया। डीएम के आदेश पर सदर एसडीएम नीरज शर्मा गांव में फोर्स के साथ पंजाबी सिंह के मकान पर पहुंचे और खुदाई शुरू कराई। पंजाबी सिंह का दावा है कि उनके पिता का नरकंकाल इसी स्थान पर मिलेगा। इधर, खुदाई कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि करीब 15 फीट तक खुदाई करने में अभी 12 घंटे से ज्यादा का समय लगेगा। उसके बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।

28/10/2025
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09/10/2025
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02/09/2025

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20/08/2025

🔴 : दिल्ली की मुख्यमंत्री की सुरक्षा में बड़ी चूक, सीएम रेखा गुप्ता को थप्पड़ मारा गया

 #हाजी गल्ला,,मान लो आपकी गाड़ी उठ गई,,,,,आपने शिकायत की,, पुलिस ने देख भी लिया कि गाड़ी फलाने टोल नाके से निकली है,, .....
19/08/2025

#हाजी गल्ला,,
मान लो आपकी गाड़ी उठ गई,,,,,आपने शिकायत की,, पुलिस ने देख भी लिया कि गाड़ी फलाने टोल नाके से निकली है,, ....उसके बाद जैसे ही चोर को पकड़ने के लिए आगे बढ़े,,....चोर ने शीशा नीचे करके कह दिया कि मेरठ जा रही है ....सोतीगंज में,, पुलिस वाले मुस्कुराते हुए बैरियर हटा देते थे,,.. ....इतना नाम था उस जगह का........

#उस जगह के नाम में सैकडों कबाड़ियों में भी एक नाम अलग से था--हाजी गल्ला,, लग रहा है न फिल्मों वाले रंगा या बिल्ला की तरह,, 32 बड़े कबाड़ियों में सभी मुस्लिम हैं ,, आपकी गाड़ी गई तो गई,....पूरे देश में उसके पुर्जे बिकते फिरते हैं,,..अखिलेश मियां के राज में ये लोग चरम पर थे,, गाड़ियां बाइक स्कूटी काट पीटकर इसने 48 #अरब की सम्पत्ति बना ली...हाजी नईम उर्फ हाजी गल्ला के चार करोड़ के बंगले की #नीलामी हुई और आठ बड़ी दुकान जप्त और सभी बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए .............वहीं पुलिस जो इसका नाम सुनकर गाड़ी को रोकने की हिम्मत नहीं कर पाती थी .. ........आज इसे पेशी पर भी थैले की तरह लटकाकर लाती है 😃😃.. ये है योगीजी का जलवा,,,..बाबाजी ने इसको खुदको ही भंगार में बदल दिया है .. . #योगीजी के साथ रहिए 💪💪

सहारनपुर में एक ससुर ने अपनी बहू के साथ हद कर दी। ससुर का बेटा पिछले साल ही चल बसा था और उसके बाद से वह बहू की साथ अकेले...
16/08/2025

सहारनपुर में एक ससुर ने अपनी बहू के साथ हद कर दी। ससुर का बेटा पिछले साल ही चल बसा था और उसके बाद से वह बहू की साथ अकेले रह रहा था। ऐसे में समाज की परवाह न करते हुए उसने खुद ही बहू का बेटी की तरह कन्यादान कर दिया और एक अच्छे से लड़के से उसकी शादी करवा दी। वाकई में ऐसे लोगों की समाज में बहुत जरूरत है।

16/08/2025

हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की ❤️🙌🏻 Saharanpur Police

गंगोह का बेताज बादशाह प्रिय पाठको उत्तर प्रदेश के ज़िला सहारनपुर में कस्बा गंगोह एक ऐतिहासिक नगरी है और इसका महत्व इस बात...
16/08/2025

गंगोह का बेताज बादशाह

प्रिय पाठको उत्तर प्रदेश के ज़िला सहारनपुर में कस्बा गंगोह एक ऐतिहासिक नगरी है और इसका महत्व इस बात से और ज्यादा बढ़ जाता है कि गंगोह सदियों से ही हिंदू मुस्लिम एकता यानी के गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल रहा है। कभी भी गंगोह में कोई सांप्रदायिक घटना या धार्मिक उन्माद पनप नहीं पाया क्योंकि गंगोह की जागरूक जनता आपस में प्यार और मोहब्बत के साथ रहती है लेकिन जब जब कुछ असामाजिक तत्वों ने गंगोह नगर की फिज़ा में जहर घोलने की कोशिश की है तब तब गंगोह का क़ाज़ी परिवार आगे बढ़कर आया और उसने कस्बे को धार्मिक उन्माद से बचाने का काम किया है। हम अक्सर अपने बड़ों से सुनते आए हैं की एक बार झगड़ा मंदिर में किसी असामाजिक तत्व द्वारा माहौल खराब करने के लिए अवांछित पदार्थ रख दिए गए थे क़ाज़ी राशिद मसूद ने इस मामले को न सिर्फ़ सुलझाने का काम किया था बल्कि दोषियों को कड़ी सजा दिलाने का काम भी किया था। उनके अचानक चले जाने के बाद जब गंगोह वासियों को लगा कि अब इस कस्बे की रहनुमाई कौन करेगा तब बहुत ही कम उम्र में यह जिम्मेदारी काजी नोमान मसूद को सौंप दी गई और हमें यह बात कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि क़ाज़ी नोमान मसूद ने अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी जीने का काम किया है। चाहे 2012 के दंगों के दौरान गंगोह में हुए एक हत्याकांड को धार्मिक रंग देने से बचाने का काम हो या फिर सरकार द्वारा गृह कर को बढ़ाये जाने के आदेश को 15 साल तक रोकने का काम हो जिससे गरीब और मजदूर वर्ग को बहुत फायदा हुआ अभी हाल ही में हम सभी ने देखा कि जब वक्फ़ कमेटी द्वारा ठिया लगाकर फल बेचने वालों को वहां से हटवाने का काम किया गया और उसकी जांच के लिए टीम आई तब भी अकेला नोमान मसूद ही था जो गंगोह कि गरीब, मजदूर, रेहडी वालों की आवाज़ बन कर सामने आया। अभी कल ही गंगोह में मेटाडोर स्टैंड पर मांस विक्रेताओं की दुकानों पर शासन-प्रशासन द्वारा कार्यवाही की गई तब भी स्वघोषित कोई नेता या कोई राजनीतिज्ञ उनकी पीड़ा सुनने के लिए नहीं आ पाया उस वक्त भी अकेला नोमान मसूद ही था जिसे शासन प्रशासन से आग्रह कर अपनी कुशाग्रता का परिचय देते हुए सभी दुकानों को सील होने से बचा लिया।
अब सोचने वाली बात है की जो लोग क़ाज़ी परिवार के विरोध में आपसे वोट लेने का काम करते हैं वह दुख और संकट की घड़ी में कहां गायब हो जाते हैं जबकि नोमान मसूद को आपने वोट दिया है तब भी और नहीं दिया है तब भी आपकी पीड़ा में खड़े होने का काम करता है। यदि आपको यह पोस्ट अच्छी लगी है और आप मेरी पोस्ट से सहमत हैं तो इस पोस्ट को लाइक और शेयर जरूर करें और कमेंट कर हमें जरूर बताएं और अगर आप हमारी बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं तो कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरुर दें।



Loknayak Samachar

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01/06/2025

देवबंद जंक्शन (DBD) उत्तर प्रदेश के देवबंद में एक प्रमुख रेलवे स्टेशन है। दिल्ली-सहारनपुर लाइन पर स्थित, इसमें 5 प्लेटफ़ॉर्म हैं, जिनमें वेटिंग रूम, टॉयलेट और फ़ूड स्टॉल जैसी बुनियादी सुविधाएँ हैं। देवबंद अपने प्रमुख इस्लामिक मदरसे, दारुल उलूम देवबंद के लिए जाना जाता है, जो दुनिया भर से आगंतुकों को आकर्षित करता है।

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