Sidra Tul Muntaha

Sidra Tul Muntaha social activist, writer, And Islamic Videos creator

2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामलें में 19 साल जेल में बिताने के बाद बरी किये गये मोहमद अली शेख़ गोवंडी में अपने घर पहुंचे और...
24/07/2025

2006 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामलें में 19 साल जेल में बिताने के बाद बरी किये गये मोहमद अली शेख़ गोवंडी में अपने घर पहुंचे और उन्होंने घर पहुंचने के बाद प्रताड़ना के बारे में जो बताया उसे सुनकर आंखों से आंसू आ गये!

मोहम्मद अली शेख ने बताया है कि " उन्हें ATS ने सरकारी गवाह बनाने का प्रयास किया, मुझे 10 लाख रुपये दुबई में नौकरी और 10 हज़ार रुपये प्रतिमाह देने का ऑफर दिया, इसके बदले में मुझसे सरकारी गवाह बनाने के प्रयास किये गये मुझे अन्य आरोपियों के विरुद्ध गवाही देनी थी लेकिन मैंने ATS का ऑफर ठुकराया क्योंकि हम सब निर्दोष थे, मुझे गवाह बनाने के लिए टॉर्चर भी किया गया मेरे 12 वर्ष के बेटे के साथ भी ATS ने मारपीट की लेकिन देश के संविधान पर भरोसा था इसलिए आज हम अपने घर पहुंच गये, अब मैं आगे की पढ़ाई जारी रखना चाहता हूँ!"
Zakir Ali Tyagi

 #गाज़ा के शहीदों का मज़ाक उड़ाने वाला  #कृष्णा, निमोनिया से  #मर गया…
23/07/2025

#गाज़ा के शहीदों का मज़ाक उड़ाने वाला #कृष्णा, निमोनिया से #मर गया…

💖ये शहीद एडवोकेट शाहिद आज़मी हैं!जिन्होंने मुंबई ट्रेन ब्लास्ट में फंसाये गये मुसलमानों की बेगुनाही का मुक़दमा बड़ी बेख़...
23/07/2025

💖ये शहीद एडवोकेट शाहिद आज़मी हैं!
जिन्होंने मुंबई ट्रेन ब्लास्ट में फंसाये गये मुसलमानों की बेगुनाही का मुक़दमा बड़ी बेख़ौफ़ी और बहादुरी से लड़ना शुरू किया था , लगभग अक्सर की बेगुनाही को साबित भी किया था, और लड़ाई लड़ रहे थे ,
लेकिन इसी बीच उन्हें क़तल कर दिया गया !!

हमारे इस बहादुर को भी दहशतगर्दी के मुक़दमे में सिस्टम ने फंसाया था, और उनका कहना था कि मुसलमानों के साथ जांच एजेंसियां क्रुर खेल खेल रहीं हैं !
शाहिद आज़मी ने सिस्टम के ख़िलाफ़ लड़ने का फ़ैसला किया , वकालत की, और सच्चाई व ईमानी अज़ीमत की ताक़त से लैस होकर मैदान में आए, ज़ालिमों की नींद उड़ा दी और शहादत को गले लगाया, जम्हूरियत के पर्दे में छुपे ज़ालिमों को बेनक़ाब किया!

अब जबकि लोकल ट्रेन ब्लास्ट के तमाम मुल्ज़िमीन को हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है , हमें चाहिए कि हम अपने इस जांबाज़ को याद करें, उनकी शहादत को सलाम करें, उनके लिए ख़िराज ए तह़सीन की मह़फ़िलें सजायें,
और ये सवाल पूरी क़ुव्वत से उठायें कि मुंबई लोकल ट्रेन के असली बंबार कौन थे?
क्या सिस्टम उनके क़त्ल में शामिल था?

शहीद आज़मी को सलाम 🫡💖
उनका तज़किरा हिन्दुस्तान में सिस्टम की ज़ुल्म ओ बरबरिय्यत के ख़िलाफ़ हमेशा ज़िन्दा रहेगा और मिल्लत की ख़ातिर उनकी अज़ीम क़ुर्बानी हमें अपने हुक़ूक़ के लिए लड़ने का हौसला देती रहेगी ⚔️

अल्लाह तआ़ला शहीद शाहिद आज़मी के क़ब्र को नूर से भर दे 🤲🏾
आमीन
Cp

जमीयत उलेमा-ए-हिंद को एक और बड़ी कामयाबी मिली। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाँच आरोपियों की मौत की सज़ा से बरी कर दिया और सात अन्...
22/07/2025

जमीयत उलेमा-ए-हिंद को एक और बड़ी कामयाबी मिली। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पाँच आरोपियों की मौत की सज़ा से बरी कर दिया और सात अन्य की आजीवन कारावास की सज़ा भी रद्द की। यह फैसला 2006 के 7/11 मुंबई ट्रेन विस्फोट मामले में सुनाया गया। यह फैसला 19 साल बाद आया है, जो बॉम्बे हाईकोर्ट का एक ऐतिहासिक फैसला है। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को गलत ठहराया। जमीयत उलेमा महाराष्ट्र की लीगल सेल का सफल प्रयास सराहनीय है। यह सत्य और न्याय की जीत है।
निर्दोष लोगों का जीवन बर्बाद करने वालों को जवाबदेह ठहराए बिना न्याय अधूरा है।
सांप्रदायिक प्रशासन और पक्षपाती अधिकारियों के उत्पीड़न और ज्यादतियों के खिलाफ उम्मीद की एकमात्र किरण अदालतें हैं । यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जो ज़िम्मेदारियाँ सरकारों को निभानी चाहिए थीं, वे अब न्यायपालिका निभा रही है। मैं उन वकीलों को बधाई देता हूँ जिन्होंने आरोपियों के बचाव में दिन-रात मेहनत की।
✍️मौलाना अरशद मदनी

ये सिर्फ़ बरी होना नहीं, बल्कि 19 साल की ज़िंदगी के बर्बाद होने का मामला है।
हक़ीक़ी इंसाफ़ तब मुकम्मल होगा जब इन बेगुनाहों को 19 साल जेल में गुज़ारने का मुआवज़ा (मुआवजा) दिया जाए और जिन अफ़सरों ने झूठे केस बनाए, झूठे सबूत पेश किए या जान-बूझकर नाइंसाफ़ी की उन पर क़ानूनी कार्रवाई की जाए।

वरना हर बेक़सूर को 20 साल बाद बरी करके "इंसाफ़" कह देना, खुद इंसाफ़ का मज़ाक़ है।
जमीयत और दीगर इंसाफ पसंद आवाज़ों को अब इस दूसरी जंग मुआवज़े और जवाबदेही के लिए भी पुरज़ोर कोशिश करनी चाहिए।

ये अर्शी तिवारी हैं जो पहले अर्शी खान थीं। लखनऊ के अलीगंज में रहती थी।बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेता संतोष तिवारी ...
22/07/2025

ये अर्शी तिवारी हैं जो पहले अर्शी खान थीं। लखनऊ के अलीगंज में रहती थी।

बिहार में भारतीय जनता पार्टी के नेता संतोष तिवारी के बेटे गगन तिवारी का इनसे अफेयर हुआ।

गगन के कहने पर इन्होंने धर्म परिवर्तन कर लिया। आर्य समाज मंदिर में दोनों की शादी हुई। अब गगन इनसे अलग होना चाहता है यह कहकर कि मैं तो बदला लेना चाहता था, तुम नहीं होती तो कोई और मुस्लिम लड़की होती।

गगन के घर वाले अपने बेटे का साथ दे रहे हैं और इनको दूध की मक्खी की तरह निकाल फेंका है। स्लो प्वाइजन का इल्ज़ाम लगाकर अर्शी को जेल भी भेजा गया।p

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20/07/2025

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20/07/2025

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पहली बात तो ये कि हमारे बच्चों के तन पर कपड़े मौजूद हैं खाने के लिए रोटी भी हासिल है। अल्हम्दुलिल्लाह। दूसरे ये कि उम्मत...
17/07/2025

पहली बात तो ये कि हमारे बच्चों के तन पर कपड़े मौजूद हैं खाने के लिए रोटी भी हासिल है। अल्हम्दुलिल्लाह।
दूसरे ये कि उम्मते मुस्लीमा ग्लोबल कम्युनिटी है हम लोग भारतीय होने के बावजूद दूसरे मुसलमानों से दीनी एतबार से जुड़े हुए हैं उनके सुख दुख में शरीक हैं और ये जुड़े होने का हक़ हमें संविधान ने भी दे रखा है। जनाब प्रशांत किशोर को ये मुद्दा समझ नहीं आएगा क्योंकि जनाब जिस कम्युनिटी से बिलॉंग करते हैं वो सिर्फ़ भारत तक महदूद है ग्लोबल नहीं है। लेकिन प्रशांत किशोर को मसीहा समझने वाले बिहार के मुसलमानों को ये बात प्रशांत किशोर को अच्छी तरह समझा देनी चाहिए। प्रशांत किशोर को मुसलमानों की वोट भी चाहिए और मुसलमानों को ही तन पर कपड़े ना होने का ज्ञान देंगे, ये सब नहीं चलेगा।
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