25/11/2025
**पैसा बोलता है या सिस्टम?
मुख्य अभियंता की संपत्ति पर हड़कंप—बाज़ार कीमत करोड़ों में, कागज़ों में सिर्फ 13 लाख**
सहारनपुर : बिजली विभाग के सहारनपुर परिक्षेत्र में तैनात मुख्य अभियंता राजेश कुमार पर आय से अधिक संपत्ति और गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों ने विभाग में हलचल मचा दी है।
ताज़ा खुलासे में यह सामने आया है कि बेहट क्षेत्र में खरीदी गई संपत्ति की वास्तविक बाज़ार कीमत 1करोड़ 20 लाख रुपये है, जबकि बैनामा में मात्र ₹13,16,000 दर्ज किया गया।
शिकायतकर्ता के अनुसार यह सिर्फ एक उदाहरण है—ऐसी कई संपत्तियों की जांच होने पर बड़े स्तर का भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है।
शिकायत कई उच्च अधिकारियों तक पहुँची
शिकायतकर्ता ने यह मामला मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ऊर्जा मंत्री, लोकायुक्त, जिलाधिकारी सहारनपुर, आयकर विभाग नई दिल्ली, विद्युत सचिव लखनऊ एवं MD मेरठ तक
मेल, स्पीड पोस्ट और जनसुनवाई पोर्टल के माध्यम से भेजा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे में भी उठाया गया मामला
4 अगस्त 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहारनपुर दौरे के दौरान
राकेश पुंडीर उर्फ बिट्टू राणा (पूर्व जिला उपाध्यक्ष, भाजपा किसान मोर्चा)
ने मुख्य अभियंता राजेश कुमार के विरुद्ध भ्रष्टाचार की विस्तृत शिकायत व्यक्तिगत रूप से सौंपी थी।
शिकायत में लगाए गए मुख्य आरोप
1.ब्लैकलिस्ट ठेकेदारों को संरक्षण
2.अधिकारियों व कर्मचारियों से अवैध वसूली ।
3.नाजायज़ बिजली आपूर्ति के बदले धन लेना ।
4.शिकायत कर अधिकारियों पर दबाव बनाना और बाद में रकम लेकर समझौता करवाना ।
5. तबादलों के बदले भारी लेन-देन ।
संदिग्ध तबादले—नियम या धनबल?
अवर अभियंता दिनेश कुमार आर्य
14 जुलाई 2025 को माणक मऊ से नकुड़ स्थानांतरित, और 01 अगस्त 2025 को पुनः माणक मऊ (उपकेंद्र घुन्ना) भेजा गया।
शिकायतकर्ता के अनुसार यह परिवर्तन “धन मिलने के बाद” किया गया।
अभियंता अभिषेक राज
तोता टांडा → आईटीआई बलियाखेड़ी → पुनः तोता टांडा → आमकी (देवबंद)
लगातार स्थानांतरणों पर गंभीर प्रश्न उठे।
अवर अभियंता अश्विनी चौबे पर भी गंभीर आरोप
अश्विनी चौबे पर पहले भी रीडिंग गड़बड़ी और उपभोक्ताओं से वसूली के आरोपों के चलते कई बार स्थानांतरण हुए हैं।
जुलाई में अमर चिंगारी में खबर प्रकाशित होने के बाद उनका प्रस्तावित ट्रांसफर रोक दिया गया ।
शिकायतकर्ता द्वारा की गई मांग
●दबंगई और आर्थिक प्रभाव से मनचाही पोस्टिंग ।
●जिन क्षेत्रों में जाते हैं वहाँ अवैध वसूली बढ़ जाती है ।
●संपत्ति और पूर्व तैनातियों की गहन जांच की मांग ।
दलाल सरवन कुमार पर भी संदेह
सूत्रों के अनुसार विभाग में दलाल सरवन कुमार कई अधिकारियों के लिए लेन-देन व संपर्क सूत्र के रूप में काम करते हैं। कमाल की बात यह है कि यह वही सरवन कुमार है जिस संपत्ति को लेकर मुख्य अभियंता राजेश कुमार पर आरोप लगाए जा रहे हैं उसका बैनामे में गवाह भी सरवन कुमार ही है
राजेश कुमार मुख्य अभियंता की भ्रष्टाचार की खबर अमर चिंगारी द्वारा जुलाई माह में प्रकाशित की गई थी । खबर प्रकाशित होने के दो दिन बाद दलाल सरवन कुमार अमर चिंगारी कार्यालय पहुँचे और
खबर हटाने का दबाव बनाया जो वीडियो के रूप में उपलब्ध है—जिसे पत्रकारिता पर सीधा हमला माना जा रहा है।
"पूछताछ"
MD मेरठ कार्यालय के मुख्य अभियंता मोहम्मद सगीर ने कहा
“ट्रांसफर संबंधी मामला जांचाधीन है, राजेश कुमार के बयान अभी दर्ज होने हैं।”
आय से अधिक संपत्ति वाले आरोपों पर उनका कहना था—
“इस प्रकार की कोई सूचना हमारे संज्ञान में नहीं है।”
योगी सरकार की सख्ती से उम्मीदें बढ़ीं
भ्रष्टाचार पर सख्त हैं योगी जी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपना चुके हैं। 2014 में मेरठ के भ्रष्टाचार मामले में दो मुख्य अभियंता और दो अधीक्षण अभियंता सहित कई नो कर्मियों को निलंबित किया गया था। यह साफ करता है कि शासन भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करता। ऐसे में वर्तमान मामले में भी उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे जल्द से जल्द संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच करें और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।
✍️ विशेष रिपोर्ट | अमर चिंगारी समाचार
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