Abhishek Yadav Ghazipur

Abhishek Yadav Ghazipur नाम और पहचान चाहे छोटी हो,
पर अपने दम पर होनी चाहिए !👑

24/10/2025

#महमूदपुर_पाली_कुंवरपुर Ajit Yaduvanshi Abhishek Yadav Khesari Lal Yadav

24/10/2025
24/10/2025

#गाजीपुर #अभिषेक_यादव_कुंवरपुर Ajit Yaduvanshi Abhishek Yadav Khesari Lal Yadav

24/10/2025

United India के प्रथम प्रधानमंत्री सुभाष चन्द्र बोस ..आजादी से पहले बन गई थी 'आज़ाद हिंद सरकार', जानें इतिहासबताया जाता ...
21/10/2025

United India के प्रथम प्रधानमंत्री सुभाष चन्द्र बोस ..आजादी से पहले बन गई थी 'आज़ाद हिंद सरकार', जानें इतिहास
बताया जाता है कि उस वक्त 9 देशों ने सुभाष चंद्र बोस की सरकार को मान्यता दी थी. जापान ने 23 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद सरकार को मान्यता दी थी.
नेताजी सुभाष चंद्र बोस (फाइल फोटो)नेताजी सुभाष चंद्र बोस (फाइल फोट

नई दिल्ली:
अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने से पहले ही देश में सरकार बन गई थी. यह सरकार 21 अक्टूबर 1943 को बनी थी जिसे आजाद हिंद सरकार कहा जाता है. इस सरकार के मुखिया थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस. सरकार बनने की घोषणा के तुरंत बाद यानी 23 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद सरकार दूसरे विश्व युद्ध के मैदान में कूद गई थी. आजाद हिंद सरकार के प्रधानमंत्री नेता जी सुभाष चंद्र बोस ने ब्रिटेन और अमेरिका के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया था.

बताया जाता है कि उस वक्त 9 देशों ने सुभाष चंद्र बोस की सरकार को मान्यता दी थी. जापान ने 23 अक्टूबर 1943 को आजाद हिंद सरकार को मान्यता दी थी. उसके बाद जर्मनी, फिलीपींस, थाईलैंड, मंचूरिया, और क्रोएशिया ने भी सरकार को मान्यता दे दी थी.

आजाद हिंद सरकार ने जापान सरकार के साथ मिलकर म्यांमार के रास्ते पूर्वोत्तर भारत में प्रवेश करने की योजना बनाई थी. नेताजी ने बर्मा की राजधानी रंगून को अपना हेडक्वार्टर बनाया, तब वहां जापान का कब्जा था.

18 मार्च 1944 को सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज ने भारत की धरती पर अपना कदम रखा था. अब उस जगह को कोहिमा के नाम से जाना जाता है जो कि नागालैंड की राजधानी है.

आप सभी ग्राम वासियों एवं मित्र गण को हमारे तरफ से धनतेरस व दिवाली 🪔 की ढेर सारी शुभकामना जय श्री राम 🙏🙏🙏🙏Abhishek Yadav ...
19/10/2025

आप सभी ग्राम वासियों एवं मित्र गण को हमारे तरफ से धनतेरस व दिवाली 🪔 की ढेर सारी शुभकामना
जय श्री राम
🙏🙏🙏🙏

Abhishek Yadav Ghazipur
#महमूदपुर_पाली_कुंवरपुर

19/10/2025

#दुखद
#गाजीपुर : #करंडा के अमवा #गंगा घाट पर दर्दनाक हादसा 💔
कार्तिक महीने में #गंगास्नान करने गई तीन किशोरियां गंगा की लहरों में समा गईं।
आज सुबह अमवा घाट पर स्नान के दौरान अचानक गहराई में फिसलने से अफरा-तफरी मच गई।
स्थानीय मल्लाह बलिराम चौधरी ने चार लड़कियों को बचा लिया, लेकिन तीन की तलाश अब भी जारी है।

डूबी हुई किशोरियों की पहचान —
🔹 पूनम (18) पुत्री रामबचन यादव
🔹 रोली (14) पुत्री राजदेव यादव
🔹 खुशी (11) पुत्री परमानंद यादव बब्लू
(तीनों निवासी रामजनपुर, थाना करंडा, जनपद गाजीपुर)

सूचना पर डायल 112, स्थानीय पुलिस व NDRF टीम मौके पर पहुँचकर रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है।
घाट पर मातम का माहौल, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल।
#अभिषेक_यादव_कुंवरपुर

आइए बात करते है गाजीपुर जिले की “गुलाब उद्योग” (Rose Industry) के बारे में विस्तार से। यह वाकई गाजीपुर की गाजीपुर गुलाब ...
19/10/2025

आइए बात करते है गाजीपुर जिले की “गुलाब उद्योग” (Rose Industry) के बारे में विस्तार से। यह वाकई गाजीपुर की
गाजीपुर गुलाब जल और गुलाब के इत्र के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है, जिसके कारण इसे "गुलाब जल का शहर" कहा जाता है। यह जिला बड़ी मात्रा में गुलाब का उत्पादन करता है, जिसका उपयोग इन सुगंधित उत्पादों को बनाने में होता है। फुल्लनपुर जैसे गांवों में गुलाब की खेती और बिक्री बड़े पैमाने पर होती है, और यहां एक बड़ा फूलों का बाजार भी है।
सबसे मीठी और खुशबूदार पहचान है। गाजीपुर का गुलाब उद्योग – “गुलाब नगरी” की पहचान बतलाती है। यह उद्योग गाजीपुर शहर और उसके आसपास के इलाकों, जैसे – सैदपुर, दुल्लहपुर, बहरियाबाद, करंडा, भंवरकोल, जमानिया आदि में फैला है।

इसका इतिहास लगभग 100 से 150 साल पुराना है। यह परंपरा मुग़ल काल से चली आ रही मानी जाती है, जब यहाँ के उर्वर गंगा किनारे खेतों में गुलाब उगाए जाने लगे थे। यहाँ मुख्य रूप से ‘देशी गुलाब’ (Rosa Damascena) और ‘कानौजिया गुलाब’ की प्रजातियाँ उगाई जाती हैं। किसान अक्टूबर से जनवरी के बीच पौध लगाते हैं और फरवरी से अप्रैल में फूल तोड़ते हैं। मिट्टी में नमी और गंगा का जलवायु इस खेती के लिए बहुत उपयुक्त है। हर सीज़न में लाखों किलो गुलाब की पंखुड़ियाँ तोड़ी जाती हैं।

गुलाब से उत्पाद बनने की प्रक्रिया निम्न है। गाजीपुर में कई परंपरागत गुलाब आसवन इकाइयाँ (Distillation Units) हैं।
जिनमें तांबे की देग और भट्ठी (deg-bhapka system) से गुलाब का रस निकाला जाता है।

1. ताजे गुलाब के फूल सुबह-सुबह तोड़े जाते हैं।
2. उन्हें तांबे के भगौने (Deg) में पानी के साथ डाला जाता है।
3. नीचे आग जलाकर भाप से आसवन (Steam Distillation) किया जाता है।
4. भाप जब ठंडी होती है, तो दो चीज़ें अलग होती हैं —

A. गुलाब जल (Rose Water)
B. गुलाब तेल (Rose Oil / Attar)

यह प्रक्रिया लगभग 5–6 घंटे चलती है।

1. गुलाब जल (Rose Water) – चेहरे, पूजा, औषधि, इत्र आदि में प्रयोग

2. गुलाब तेल (Rose Essential Oil / Attar) – सबसे महँगा उत्पाद; 1 लीटर की कीमत लाखों में होती है

3. गुलकंद (Rose Petal Jam) – खाद्य उपयोग में (आयुर्वेदिक गुणों के कारण प्रसिद्ध)

4. गुलाब सिरप और मुरब्बा

5. इत्र और परफ्यूम्स – खासकर कानौज और लखनऊ में भेजे जाते हैं

गाजीपुर का गुलाब उत्पाद दिल्ली, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर जैसे बड़े बाजारों में बिकता है। फ्रांस, सऊदी अरब, दुबई, और जर्मनी तक भी कुछ कंपनियाँ गुलाब तेल का निर्यात करती हैं।

यहाँ की कुछ पुरानी इकाइयाँ जैसे_
“Ghazipur Rose Water Factory”

“Shree Balaji Rose Works”

“Anjuman Rose Distillery”

अब भी परंपरागत तरीक़े से उत्पादन करती हैं। यह उद्योग हज़ारों किसानों और मज़दूरों की रोज़ी-रोटी का साधन है। एक एकड़ में लगभग 20–25 हज़ार पौधे लगाए जाते हैं और एक सीज़न में किसान को ₹50 हज़ार से ₹1 लाख तक की आमदनी हो सकती है।

महिला श्रमिकों को फूल तोड़ने और पंखुड़ियाँ अलग करने में रोजगार मिलता है। सरकार अब इसे MSME (सूक्ष्म उद्योग) के रूप में बढ़ावा दे रही है। पहले यहाँ एक “सरकारी गुलाब जल फैक्ट्री” थी — जिसे British India Era में शुरू किया गया था। आज भी यह परिसर Ghazipur Rose Water Factory के नाम से जाना जाता है। 2020 के बाद से उत्तर प्रदेश सरकार ने “One District One Product (ODOP)” योजना में गाजीपुर के गुलाब उत्पादों को शामिल किया है।

गाजीपुर के गुलाब से बना गुलकंद बनारस की पान संस्कृति का भी हिस्सा है। यहाँ हर साल “गुलाब महोत्सव” (Rose Festival) भी आयोजित होता है। पुराने ज़माने में इसे “सुगंध का नगर” कहा जाता था।

🛣️ गाज़ीपुर की जर्जर सड़कों के निर्माण को लेकर एमएलसी चंचल सिंह की सीएम योगी से मुलाकात📍 लखनऊ | गाज़ीपुर अपडेटगाज़ीपुर ज...
19/10/2025

🛣️ गाज़ीपुर की जर्जर सड़कों के निर्माण को लेकर एमएलसी चंचल सिंह की सीएम योगी से मुलाकात

📍 लखनऊ | गाज़ीपुर अपडेट

गाज़ीपुर जिले की खराब सड़कों के निर्माण को लेकर विधान परिषद सदस्य विशाल सिंह चंचल ने आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में मुलाकात की।
इस दौरान एमएलसी चंचल सिंह ने सीएम को पत्र सौंपकर जिले की कई प्रमुख सड़कों —
➡️ गाज़ीपुर शहर से चोचकपुर मार्ग
➡️ महाराजगंज से सैनिक चौराहा होते हुए महर्षि विश्वामित्र मेडिकल कॉलेज मार्ग
➡️ अंधऊ फोरलेन बायपास
की जर्जर स्थिति से अवगत कराया और इनके निर्माण के लिए तत्काल कार्यवाही की मांग की।

मुख्यमंत्री ने पत्र पर संज्ञान लेते हुए प्रमुख सचिव को आवश्यक दिशा-निर्देश देने के आदेश जारी किए हैं।

एमएलसी चंचल सिंह ने कहा कि इन सड़कों के निर्माण से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी और आवागमन सुगम होगा।

Address

Saidpur
233306

Telephone

+17738639392

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