26/01/2024
आज गणतंत्र दिवस के अवसर पर चिड़ियाघर देखने गया था ।वहाँ आज बहुत भीड़ थी , मौसम भी आज अच्छा था ,धूप निकली थी ।वहाँ तरह तरह के जंगली जानवर , मछलियाँ और पंछी भिन्न-भिन्न बाड़ो मे रखे गये थे । सबकी सुरक्षा ,भोजन, ईलाज इत्यादि की समुचित ब्यवस्था की गयी थी और सबको निर्भय होकर सुरक्षित जीवन जीने एवं अपनी प्रजाति को विकसित करने की पूर्ण आजादी सुनिश्चित की गयी थी । कोई जानवर, पंछी या मछली , किसी अन्य जीव के हक ,स्वतन्त्रता, या संवर्धन मे हस्तक्षेप नही कर सकता था और न ही कोई जानवर किसी अन्य जानवर को मारकर अपना भोजन बना सकता था । सभी जानवर अपने अपने दायरे ( बाड़े ) में स्वतंत्र थे , परन्तु किसी अन्य जानवर की स्वतंत्रता मे बाधा पहुँचा सकते थे और न ही किसी अन्य जानवर के बाड़े का अतिक्रमण कर सकते थे । चिड़ियाघर एक सख्त नियम के अन्तर्गत संचालित है और सबको बिकसित होने , स्वतंत्रता पूर्वक जीने का पूर्ण अवसर प्रदान करता है ।वहाँ शेर ,चीता , बाध , भेड़िया इत्यादि बलशाली और खूंखार जानवरों को भी स्वतंत्रता है परन्तु अपने बाड़ो तक ही तो हिरन , खरगोश, चीतल , भेड़ , इत्यादि जैसे निर्बल जानवर की आजादी भी सुनिश्चित की गयी है , वे भी अपने बाड़ो मे सुरक्षित हैं और किसी हिंसक पशु को उनके बड़ों मे घुसने की आजादी नहीं है । अर्थात कमजोर और अहिंसक जानवरों के लिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से बाड़े बनाये गये हैं ,अर्थात प्रोटेक्शन हेतु आरक्षित हैं वहीं मजबूत और हिंसक जानवर के बाड़े उनको कमजोर जानवरों पर हिंसा करने से रोकने और उन्हे उनके दायरों मे सीमित किये रखने की नियत से बनाये गये हैं ।अर्थात प्रिवेंशन हेतु बनाये गये हैं ।
इसी प्रकार हिंसक मछलियों जैसे शार्क , बरारी इत्यादि को शाकाहारी मछलियों और हिंसक पछियों जैसे बाज , चील , कौवे इत्यादि को कबूतर , गौरैया , तोता इत्यादि से अलग रखा जाता है ।और सबके भोजन, पानी और इलाज चिड़ियाघर प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किया जाता है ।
आज चिड़ियाघर से आने के बाद मुझे जंगलराज जंगल समाज और संविधान का मतलब समझ आया । जंगलराज और संविधान राज का अन्तर स्पष्ट हुआ।
जंगलराज में सर्वाइवल आफ फिटेस्ट का फार्मूला चलता है ।अर्थात जो ताकतवर है और हिंसक है वही जंगलराज में जिन्दा रह पाएगें । अहिंसक और कमजोर नस्लें खत्म हो जाऐगी । जबकि संविधान राज में सभी जीव विकास करेंगे और सभी जीवित रहेगें । कोई जीव आजीवन बलशाली नही रह सकता , यही प्रकृति का नियम है । शेर भी एकदिन बूढा और कमजोर होगा तब जंगलराज में उसको भी भोजन के लाले पड़ेगे और उसको भी एकदिन गीदड़ का भोजन बनना पड़ेगा । परन्तु संविधान राज में उसे भोजन , पानी और इलाज आजीवन सुनिश्चित होगा और वह गीदड़ों का शिकार होने से बच जाऐगा ।अर्थात संविधान राज सम्पूर्ण मानवता के विकास और सुरक्षा हेतु आवश्यक और अनिवार्य है ।इसके द्वारा ही सम्पूर्ण विश्व की मानवता सुरक्षित एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में रह सकती है ।
चिड़ियाघर दरअसल जंगल का सामाजीकरण है और संविधान राज जंगलराज का बिकल्प है जो प्रत्येक जीव की सुरक्षा, संरक्षण और विकास सुनिश्चित करती है ।
कल्पना कीजिए यदि चिड़ियाघर के बाड़ों को तोड़ दिया जाय तो हिंसक जानवर सभी अहिंसक जानवरों को मार कर खा जाऐगे , फिर आपस में एकदूसरे को मारकर खाऐगें और अन्त मे खुद भी एकदिन भोजन के बिना भूख से मर जाएगें ।यही जंगलराज है और यही इसकी अन्तिम परिणिति , जबकि संविधान राज मे सभी जीव अनवरत काल तक खुशहाल जिन्दा रहेंगे ।
वास्तव में ये चिड़ियाघर के बाड़े ही किसी भी देश के संविधान की आर्टिकल्स के समान हैं जो मानव और जीव जन्तु के स्वतंत्र और खुशहाल जीवन सुनिश्चित करती हैं । इसीलिए हर ब्यक्ति और हर समाज को अपने देश के संविधान का सम्मान और उसकी रक्षा करनी चाहिए ।
जय संविधान