21/06/2025
साथियों नमस्कार,
आप सभी को स्मरण होगा कि वर्ष 2018 में हम सभी ने मिलकर ग्रामीण स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति को लेकर एक जनआंदोलन शुरू किया था — "अस्पताल नहीं तो वोट नहीं"।
इस मुहिम के तहत हम सभी ने पंचायत स्तर पर बंद पड़े और जर्जर स्वास्थ्य उपकेंद्रों को लेकर लगातार संघर्ष किया। हमने विभागीय अधिकारियों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक, सभी को इस गंभीर विषय से अवगत कराया। हमारा यह आंदोलन इतना व्यापक और प्रभावशाली बना कि प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी BBC सहित कई राष्ट्रीय चैनलों ने भी इसे कवरेज दी। उस समय विपक्ष के कई नेताओं ने इस मुद्दे को उठाकर सरकार को कटघरे में खड़ा किया।
लगातार प्रयासों और जनदबाव के परिणामस्वरूप बिहार सरकार ने निर्णय लिया कि जर्जर स्वास्थ्य उपकेंद्रों को "हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर" में अपग्रेड किया जाएगा। इस कार्य के लिए जगह-जगह अलग राशि निर्धारित की गई और तय समयसीमा में भवन निर्माण कर उन्हें संबंधित सिविल सर्जन को हस्तांतरित करने के निर्देश दिए गए।
लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभी तक कई क्षेत्रों में न तो भवन का निर्माण पूर्ण हुआ है, और न ही स्वास्थ्य सेवाएं बहाल हो सकी हैं।
हमने स्थानीय सांसद महोदया सहित संबंधित अधिकारियों को कई बार अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई ठोस और सकारात्मक पहल नहीं दिखी है।
यह आंदोलन हमारी सामूहिक मेहनत और संघर्ष का परिणाम है, जिसने सम्पूर्ण बिहार में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के निर्माण की राह बनाई — यह गर्व की बात है। लेकिन जिस इलाके से यह मुहिम शुरू हुई, वहां आज भी अस्पताल का भवन अधूरा पड़ा है — यह निश्चित ही पीड़ादायक है।
इसलिए हम इस पोस्ट के माध्यम से माननीय सांसद Shambhavi Choudhary - शाम्भवी चौधरी महोदया से आग्रह करते हैं कि इस गंभीर विषय को प्राथमिकता से लेते हुए जल्द समाधान सुनिश्चित करें।
अन्यथा, हमलोग फिर एक बार मजबूर होंगे संगठित, सशक्त और असरदार विरोध प्रदर्शन के लिए।
Shambhavi Choudhary - शाम्भवी चौधरी
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