
20/05/2025
चाँदनी रात, समुंदर की लहरें, और एक अकेली नाव…
यही तो है ज़िंदगी की असली तस्वीर।
अकेले ही निकलना पड़ता है सफर पर,
भीड़ तो सिर्फ तमाशा देखती है।
अगर तू भीड़ में रहकर इतिहास लिखना चाहता है,
तो माफ़ कर... तुझे उस तूफ़ान से लड़ना नहीं आता,
जो अकेले चलने वालों को महान बनाता है।
मत रुक!
तेरे अंदर वो आग है जो समुंदर को भी जला सकती है,
बस खुद पर भरोसा रख और चल पड़...
क्योंकि तूफ़ान जितना बड़ा होगा,
तेरी उड़ान उतनी ही ऊँची होगी।
#जाग_जा_योद्धा #अकेला_ही_काफिला