जय माता दी

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🚉 77 साल बाद मिज़ोरम की धरती पर गूंजेगी ट्रेन की सीटी!आइज़ोल, मिज़ोरम की राजधानी, अब पहली बार जुड़ने जा रही है भारतीय रे...
27/07/2025

🚉 77 साल बाद मिज़ोरम की धरती पर गूंजेगी ट्रेन की सीटी!
आइज़ोल, मिज़ोरम की राजधानी, अब पहली बार जुड़ने जा रही है भारतीय रेलवे नेटवर्क से — और ये जुड़ाव सिर्फ पटरियों का नहीं, बल्कि दिलों का है! ❤️🇮🇳

🔥 51 किमी की इस अद्भुत लाइन में बने हैं 48 सुरंगें और 40 शानदार पुल, जो बताता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई पहाड़, कोई घाटी रास्ता नहीं रोक सकती! 🏔️🚄

आज़ादी के 77 साल बाद, ये सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक सपना है जो अब हकीकत में बदल रहा है —
अब पूर्वोत्तर भारत, देश की रफ्तार से कदम से कदम मिलाकर दौड़ेगा! 💥

📢 जब इंजन की सीटी गूंजेगी, तो मिज़ोरम की गूंज पूरे भारत में सुनाई देगी!

🎩 भारत की जादूगरी ने इटली में मचा दिया धमाल!FISM Italy 2025, यानी मैजिक की वर्ल्ड चैंपियनशिप में, भारत की शानदार मेंटलिस...
27/07/2025

🎩 भारत की जादूगरी ने इटली में मचा दिया धमाल!
FISM Italy 2025, यानी मैजिक की वर्ल्ड चैंपियनशिप में, भारत की शानदार मेंटलिस्ट और मैजिशियन सुहानी शाह ने रच दिया इतिहास! 🌍🇮🇳

👑 उन्हें मिला 'Best Magic Creator' का खिताब — वो सम्मान जो दुनिया के हर जादूगर का सपना होता है!
और इस जीत के साथ सुहानी ने सिर्फ एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि भारत को ग्लोबल मैजिक मंच पर एक नई पहचान दिलाई है! 🏆✨

सुहानी की जादूगरी सिर्फ हाथों की नहीं, दिमाग और दिल की है — और अब पूरी दुनिया उनके जादू की दीवानी बन चुकी है! 🔮💫

👏 भारतीय टैलेंट की ताकत अब ग्लोबल स्टेज पर चमक रही है!
सुहानी शाह — तुम पर पूरे देश को नाज़ है!

👨‍👦 जिस बेटे ने अपने पिता को खोया… उसने 500 बुजुर्गों के लिए 'पिता' बनना चुन लिया!गुजरात का ये बेटा कोई आम इंसान नहीं — ...
27/07/2025

👨‍👦 जिस बेटे ने अपने पिता को खोया… उसने 500 बुजुर्गों के लिए 'पिता' बनना चुन लिया!

गुजरात का ये बेटा कोई आम इंसान नहीं — ये इंसानियत की वो मिसाल है, जो शब्दों से नहीं, कर्मों से बोलता है! 💪❤️

जब सिर से पिता का साया उठ गया, तब इस बेटे ने अपने पापा की याद को सिर्फ तस्वीर में नहीं, सेवा में जिंदा रखा।
आज वो हर दिन 500 बुजुर्गों को मुफ्त टिफिन पहुंचाता है — वो लोग जो अकेले हैं, बीमार हैं, या जिनका अब कोई नहीं बचा।

🚫 ना कोई चंदा लिया,
🚫 ना किसी कैमरे को बुलाया,
बस इंसानियत को जिंदा रखा... चुपचाप, पर पूरी ताक़त से!

🌟 ऐसे बेटों से ही समाज रोशन होता है।
क्योंकि असली हीरो वही होता है — जो बिना शोर किए दुनिया बदल देता है!

आज के ज़माने में जहां लोग छोटे फायदे के लिए ईमान बेच देते हैं,वहीँ ये बुज़ुर्ग पिछले 50 सालों से सिर्फ ₹2 में बच्चों को ...
26/07/2025

आज के ज़माने में जहां लोग छोटे फायदे के लिए ईमान बेच देते हैं,
वहीँ ये बुज़ुर्ग पिछले 50 सालों से सिर्फ ₹2 में बच्चों को जलजीरा पिलाकर मिसाल बन गए हैं।

वो कहते हैं, “भूखा रह जाऊंगा, पर कभी रेट नहीं बढ़ाऊंगा।”

न कोई मीडिया दिखा रहा है, न कोई अवॉर्ड…
लेकिन इनके जैसे लोगों की वजह से ही इंसानियत अब भी ज़िंदा है।

🙏 अगर दिल से इज्ज़त करते हो, तो एक लाइक ज़रूर कर देना इस असली हीरो के लिए।

🌘 आ रहा है वो पल... जब आधी दुनिया डूबेगी अंधेरे में!2 अगस्त 2026, वो दिन जब सदी का सबसे लंबा और रहस्यमयी सूर्य ग्रहण पूर...
26/07/2025

🌘 आ रहा है वो पल... जब आधी दुनिया डूबेगी अंधेरे में!
2 अगस्त 2026, वो दिन जब सदी का सबसे लंबा और रहस्यमयी सूर्य ग्रहण पूरी दुनिया को चौंका देगा! 🌍🌑

⏳ पूरे 6 मिनट तक सूरज पूरी तरह छिप जाएगा, और आधी पृथ्वी पर छा जाएगा गहराता सन्नाटा...
ये कोई आम खगोलीय घटना नहीं — ये है हमारे समय का सबसे लंबा सूर्यग्रहण!

और जान लो — ऐसा नज़ारा फिर देखने को मिलेगा 2114 में!
यानि यह मौका सदी में सिर्फ एक बार आता है… और जो इसे देखेगा, वो इतिहास का गवाह बनेगा! 👁️🌒

तो तैयार हो जाइए...
जब दिन में रात होगी और आसमान खुद कहानी सुनाएगा!

♟️🇮🇳 वो पल जब भारत ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया!लास वेगस के फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड स्लैम के राउंड 4 में, हमारे...
26/07/2025

♟️🇮🇳 वो पल जब भारत ने शतरंज की दुनिया में इतिहास रच दिया!
लास वेगस के फ्रीस्टाइल शतरंज ग्रैंड स्लैम के राउंड 4 में, हमारे नन्हे ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद ने दुनिया के नंबर 1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को चौंका दिया! 🚨👑

पर अफ़सोस...
जब कोई क्रिकेटर छक्का मारता है तो पूरा देश झूम उठता है,
पर जब कोई चेस वंडरकिड इतिहास रचता है — तो चंद लाइक्स और एक कोना! 😔

🙏 अब वक़्त आ गया है कि हर खिलाड़ी को वही इज्जत मिले, जो वो अपने पसीने से कमाता है।
प्रज्ञानानंद ने सिर ऊँचा किया है — अब बारी हमारी है उन्हें सर आंखों पर बिठाने की!

🚄 77 साल बाद मिज़ोरम की धरती पर गूंजेगी ट्रेन की सीटी!आइज़ोल, मिज़ोरम की राजधानी, अब पहली बार जुड़ने जा रही है भारतीय रे...
25/07/2025

🚄 77 साल बाद मिज़ोरम की धरती पर गूंजेगी ट्रेन की सीटी!
आइज़ोल, मिज़ोरम की राजधानी, अब पहली बार जुड़ने जा रही है भारतीय रेलवे नेटवर्क से — और ये सिर्फ एक रेलवे लाइन नहीं, बल्कि आज़ादी के सपनों को पूरा करने की राह है! 💥🚉

🌄 51 किमी की इस लाइन में बने हैं 48 सुरंगें और 40 दमदार पुल, जो दिखाते हैं कि तकनीक और जज़्बा मिल जाए तो कोई पहाड़ रोड़ा नहीं बन सकता!

अब उत्तर-पूर्व का ये खूबसूरत हिस्सा भी जुड़ेगा देश की मुख्यधारा से — और हर कोने में गूंजेगा:
"रेल आई है... तरक़्क़ी लाई है!" 🇮🇳❤️

🚘 भारत की 'शान' फिर लौट रही है!तैयार हो जाइए उस कार के स्वागत के लिए जिसने कभी भारत की सड़कों पर राज किया था —हिंदुस्तान...
25/07/2025

🚘 भारत की 'शान' फिर लौट रही है!
तैयार हो जाइए उस कार के स्वागत के लिए जिसने कभी भारत की सड़कों पर राज किया था —
हिंदुस्तान एम्बेसडर 2.0 आ रही है 2026 में, एक दमदार बोल्ड लुक, शाही लक्ज़री वाइब्स और पूरी तरह से नए अवतार में! 👑🔥

वो कार, जो कभी नेताओं, अफसरों और आम हिंदुस्तानी का गौरव थी — अब नए जोश के साथ फिर से सड़कों पर दौड़ेगी!
"Ambassador is not just a car... it's an emotion!" ❤️🇮🇳

🛠️ नया डिजाइन, नया दम, लेकिन वही पुराना हिंदुस्तानी आत्मविश्वास!
2026 में फिर से चमकेगा सड़कों का असली राजा!



अगर चाहो तो इसके लिए रील स्क्रिप्ट या पोस्टर लाइन भी बना दूं 📲✨

ये कहानी सिर्फ एक डॉक्टर की नहीं... ये एक ऐसे फ़रिश्ते की दास्तान है, जिसने इंसानियत को अपने स्टेथोस्कोप से ज़िंदा रखा! ...
25/07/2025

ये कहानी सिर्फ एक डॉक्टर की नहीं... ये एक ऐसे फ़रिश्ते की दास्तान है, जिसने इंसानियत को अपने स्टेथोस्कोप से ज़िंदा रखा! 🙏💉

नाम था डॉ. मुनीश्वर चंदर डावर, जबलपुर (मध्यप्रदेश) के वो मसीहा, जिन्होंने करीब 50 सालों तक सिर्फ ₹20 (पहले ₹2) में ज़रूरतमंदों का इलाज किया। न कोई दिखावा, न कोई लालच — बस एक ही मक़सद, "हर गरीब तक इलाज पहुँचे!"

1967 में एमबीबीएस किया, फिर 1971 में सेना में सेवा दी और 1972 से एक सिविल क्लिनिक की शुरुआत की। धीरे-धीरे उनका ये पेशा नहीं, बल्कि जीवन का मिशन बन गया — "सेवा ही सच्ची दवा है!" 💊❤️

उनकी इस अद्भुत सेवा भावना को देश ने भी सराहा और 2023 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया।

लेकिन 4 जुलाई 2025 को, 79 वर्ष की आयु में ये मसीहा हमें अलविदा कह गया। पर जाते-जाते एक ऐसी बात कह गया जो आत्मा को झकझोर देती है —
“मैं कोई हीरो नहीं हूँ... बस इंसान हूँ।”

🚨 और यहीं उनकी सबसे बड़ी ताकत थी!
💔 डॉ. डावर चले गए, लेकिन हर धड़कन में उनकी इंसानियत ज़िंदा रहेगी...
💊 क्योंकि उन्होंने सिखाया — दवा से बड़ी चीज़ होती है ‘सेवा’!

"96 साल की उम्र में एक इंसान चला गया, लेकिन पीछे छोड़ गया ऐसी विरासत जो पैसों से नहीं, सेवा से बनी थी..."तमिलनाडु के पट्...
24/07/2025

"96 साल की उम्र में एक इंसान चला गया, लेकिन पीछे छोड़ गया ऐसी विरासत जो पैसों से नहीं, सेवा से बनी थी..."
तमिलनाडु के पट्टुकोट्टई कस्बे में एक बुज़ुर्ग डॉक्टर की मौत की खबर ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। कोई मशहूर अस्पताल नहीं था उनके नाम, न ही बड़े विज्ञापन... लेकिन फिर भी उनके दरवाजे पर मरीजों की भीड़ लगी रहती थी। वजह? सिर्फ 10 रुपये में इलाज करने वाला वो फरिश्ता अब हमारे बीच नहीं रहा — नाम था डॉ. टी. ए. कनगरतिनम।

पट्टुकोट्टई में एक छोटा-सा क्लिनिक... और उसमें बैठा एक बुज़ुर्ग, जिसने बीते 60 सालों में हज़ारों जिंदगियों को छुआ — बिना कोई मोटी फीस लिए। जब आज की दुनिया में इलाज एक महंगा सौदा बन चुका है, तब डॉ. कनगरतिनम जैसे लोग साबित करते हैं कि डॉक्टर का असली धर्म क्या होता है।

उनकी सेवा की शुरुआत भी कुछ कम प्रेरणादायक नहीं थी। उस दौर में जब डॉक्टरों की फीस कुछ रुपये होती थी, उन्होंने अपने करियर की शुरुआत सिर्फ 2 रुपये की फीस से की थी। समय बदला, महंगाई बढ़ी, लेकिन उनका फीस सिर्फ 10 रुपये तक ही पहुंची — और वो भी इसलिए, ताकि मरीज उन्हें कुछ तो दे सकें।

गर्भवती महिलाएं, गरीब बुजुर्ग, मज़दूर, रिक्शावाले, खेतिहर मजदूर — उनके मरीज समाज के वही लोग थे, जो कभी बड़े अस्पतालों के दरवाज़े तक जाने की हिम्मत नहीं कर सकते थे। लेकिन डॉ. कनगरतिनम के यहां न जात देखी जाती थी, न धर्म और न ही पैसे की हैसियत। उनके लिए हर मरीज एक इंसान था — और हर इंसान की जान बेशकीमती।

उनकी सादगी का आलम ये था कि 90 की उम्र पार कर लेने के बाद भी, वो हर दिन क्लिनिक खोलते, मरीज देखते, और मुस्कुराकर कहते — "इलाज मेरा धर्म है, सेवा मेरा कर्म।" उनके लिए डॉक्टर बनना कभी रोज़गार नहीं रहा, बल्कि समाज को लौटाने का एक जरिया था।

और फिर वो दिन आया — जब 96 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। न कोई बड़ी प्रेस कांफ्रेंस, न सोशल मीडिया पर ट्रेंड, लेकिन उनके क्लिनिक के सामने सैकड़ों लोग, गीली आंखों से उन्हें आख़िरी सलाम देने पहुंचे।

डॉ. टी. ए. कनगरतिनम अब नहीं रहे, लेकिन उनके 10 रुपये से भी अनमोल सेवा के किस्से आने वाली पीढ़ियों को इंसानियत का मतलब सिखाते रहेंगे। उन्होंने ये साबित कर दिया कि असली हीरो वही होते हैं, जो बिना चर्चा, बिना दिखावे — चुपचाप लोगों के ज़ख्मों पर मरहम रखते हैं।
इनको नमन हे , आज बड़े से बड़ा हॉस्पिटल लूटने में लगा हे ,
क्या आप सहमत हे आज कल हॉस्पिटल में बस इलाज कम लूटमार जयदा हो रही हे

🌟 "जब शिवम दुबे के घर गूंजी किलकारियाँ… तो क्यों नहीं बजे तालियाँ?" 👶🎊क्रिकेट के मैदान पर छक्के उड़ाने वाले शिवम दुबे अब...
22/07/2025

🌟 "जब शिवम दुबे के घर गूंजी किलकारियाँ… तो क्यों नहीं बजे तालियाँ?" 👶🎊
क्रिकेट के मैदान पर छक्के उड़ाने वाले शिवम दुबे अब ज़िंदगी के सबसे हसीन मोड़ पर पहुँच चुके हैं — वो अब पिता बन गए हैं! 👨‍👩‍👦❤️

लेकिन सोचिए…
विराट कोहली पिता बने, सोशल मीडिया पर बधाइयों की बाढ़ आ गई…
रोहित शर्मा के घर बेटी आई, तो पूरे देश ने ताली बजाई…
पर जब शिवम दुबे और उनकी पत्नी अंजुम खान के आँगन में भी नन्हा फरिश्ता आया… तो क्यों छाई चुप्पी? 🤔💭

क्या इसलिए कि अंजुम एक मुस्लिम परिवार से हैं?
क्या इसलिए कि उनके प्यार ने धर्म की दीवार को तोड़ दिया?
क्योंकि अगर बात हो इंसानियत और मोहब्बत की —
तो ये कपल सबसे खूबसूरत मिसाल बन चुका है! 💞

शिवम ने सिर्फ क्रिकेट नहीं, दिल भी जीता है —
और आज जब उनकी ज़िंदगी में ये नई सुबह आई है,
तो क्या हम सब मिलकर उनकी खुशी में शरीक नहीं हो सकते?

👉 अब वक्त है तालियाँ बजाने का, मोहब्बत फैलाने का… और उन सबको जवाब देने का जो मजहब के चश्मे से प्यार को आंकते हैं।

👇 नीचे कमेंट करके लिखिए —
"शिवम-अंजुम को बधाई! 🎊👶"
क्योंकि हर बच्चा खुशी लाता है… और हर मां-बाप तालियों के हकदार होते हैं! 🌈❤️

🎬 देव मिश्रा - त्रासदी को जीत में बदलने वाले असल ज़िंदगी के हीरो! 💪🔥उनकी कहानी किसी प्रेरणादायक फिल्म के दृश्य जैसी लगती...
22/07/2025

🎬 देव मिश्रा - त्रासदी को जीत में बदलने वाले असल ज़िंदगी के हीरो! 💪🔥

उनकी कहानी किसी प्रेरणादायक फिल्म के दृश्य जैसी लगती है — लेकिन यह पूरी तरह से सच्ची है। दोनों पैर गंवाने वाले देव मिश्रा ने अपना हौसला नहीं खोया। 🚑💔 हार मानने के बजाय, उन्होंने दर्द को ताकत में बदल दिया और बिना पैरों के, लेकिन अडिग साहस के साथ निडर होकर अपने सपनों की ओर चल पड़े। 🌠🦾

💥 शारीरिक कमज़ोरियाँ? देव मिश्रा के लिए बस यही शब्द! उन्होंने खेलों में अपने शानदार प्रदर्शन 🏅⚡ से सबको चौंका दिया, यह साबित करते हुए कि असली ताकत दिल और दिमाग में होती है, अंगों में नहीं। 🎯💖

अकल्पनीय कठिनाइयों का सामना करने से लेकर देश को गौरव दिलाने 🇮🇳 तक, देव के समर्पण, जुनून और दृढ़ता ने उन्हें राष्ट्रीय गौरव और वैश्विक प्रेरणा बना दिया है। 🌍👏

✨ उनकी यात्रा हमें एक अनमोल सबक सिखाती है:
"जब आपकी इच्छाशक्ति अटूट हो, तो कोई भी बाधा बड़ी नहीं होती।" 🙌🔥
चुनौतियाँ आती हैं और जाती हैं, लेकिन जो डटकर मुकाबला करते हैं — वे हमेशा चमकते रहते हैं। 💫

💬 देव मिश्रा सिर्फ़ एक नाम नहीं हैं — वे दृढ़ संकल्प, अनुशासन और भाग्य के पुनर्लेखन का चेहरा हैं!
उनके अदम्य साहस को सलाम। 🫡🏆❤️

#देव मिश्रा #वास्तविक जीवन का नायक #प्रेरणा #अजेयआत्मा #विकलांगताअसमर्थतानहींहै #चैंपियनमनमौजी #भारतगर्व #कभीहारनानहीं💪🇮🇳🔥🌟

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