02/10/2023
आज मन में पीड़ा का समुद्र हिचकोले खा रहा है।
पीड़ा एक ऐसी शख़्सियत की राजनैतिक दुःखद अंत की जिसकी परिकल्पना शायद ही किसी ने करी हो…?
३५ वर्ष पुर्व एक नौजवान अपना जमा-जमाया व्यवसाय छोड़कर अपनी गृह तहसील के लोगों की पीड़ा देख राजनीति में आता है। लम्बे संघर्ष के बाद २००३ में ऐतिहासिक जीत दर्ज कर राजस्थान की विधानसभा में पहुँचता है और विकास के नये आयाम स्थापित करता है और सबसे बड़ा ऐतिहासिक काम नर्मदा का पानी लाकर बूँद बूँद को तरसते रेगिस्तान में हरियाली लाकर करता है ….बिना कोई दाग के पाँच साल का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया। मगर कहते हैं कि इंसान जितना ज़्यादा ईमानदार होता है परीक्षा उतनी ही कठिन होती है,
पार्टी ने टिकट काट कर यह जता दिया कि यहाँ ईमानदारी की कोई क़दर नहीं है मगर क्षेत्र की जनता ने निर्दलीय जीता कर विधानसभा में भेज दिया। विचारधारा भाजपा की और सरकार कांग्रेस की….कांग्रेसी सरकार ने फ़रमान जारी किया की अगर लोकसभा में हमारी मदद करो तो हम आपको सहयोग करेंगे….। एक स्वाभिमानी व्यक्ति के लिए यह फ़रमान नागवार गुजरा और साफ़ शब्दों में कह दिया कि यह सम्भव नहीं है। एक निर्दलीय विधायक का सरकार के फ़रमान को नकारने का परिणाम क्या मिला होगा उसकी हम तो मात्र कल्पना ही कर सकते हैं। जैसे तैसे अपना कार्यकाल पूरा किया और फिर पार्टी ने टिकट देकर प्रत्याशी बनाया मगर गुटबाज़ी के चलते पराजय झेलनी पड़ी मगर अपने लोगों के लिए समर्पित योद्धा एक पराजय से कहाँ रुकने वाला था और पाँच साल संघर्ष करते हुए इसी उम्मीद में निकालें कि आगे सब अच्छा होगा मगर उन्हें कहाँ पता था कि समस्या तो सुरसा की तरह मुँह फैलाएँ खड़ी थी। पार्टी ने पुनः टिकट काटकर एक पैराशूट उम्मीदवार उतार दिया….समर्थकों के दबाव के चलते फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ा और पचास हज़ार मत लेकर राजनैतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया था। लोकसभा चुनावों में पार्टी ने आश्वासन दिया कि अगली बार आपको टिकट देंगे तो पार्टी और पार्टी प्रत्याशी पर भरोसा करके पिछले पाँच साल से आम जन के दुःख दर्द में साथ खड़े रहे,संघर्ष करते रहे। दिल में अपने लोगों के लिए बहुत से अरमान लिए, क्षेत्र में शांति और विकास के,युवाओं के सुनहरे भविष्य के सपने संजोए हुए एक अधेड़ निरन्तर टूटी सड़कों पर सरपट दौड़ता रहा,न गर्मी देखी न सर्दी और न ही बारिश देखी….बस आँखों में एक ही सपना था कि इस बार जनता के आशीर्वाद से किसानों,युवाओं की सेवा करेंगे। जनता ने भी परिवर्तन यात्रा सहित कई बार जता दिया था कि हमारा नेता इस बार तो यही व्यक्ति होगा मगर इनको क्या पता था कि जयचंदो से तो बड़े धुरंधर नहीं बच पाए तो यह तो आम इंसान हैं। पुरी राजस्थान की कार्य समिति को नज़रअंदाज़ करके एक तानाशाही अंदाज में फ़रमान सुना दिया गया….यहाँ जनमानस की कोई क़दर नहीं है। पल भर भी पिछले ३५ साल के संघर्ष को नहीं देखा,बेदाग़ छवि के बारे में नहीं सोचा,बस हिटलर की तरह अहं ब्रह्म…..!!!
मैं जिस शख़्सियत की बात कर रहा हूँ वह और कोई नहीं महान कर्मयोगी, अनुशासनप्रिय, वक़्त के बेहद पाबंद और प्रेरक व्यक्तित्व जीवाराम चौधरी हैं।
अब सांचौर जीवाराम चौधरी Ex. MLA सांचौर जीवाराम चौधरी सांचोराम चौधरी Ex. MLA सांचौर जीवाराम चौधरी सांचोर