05/10/2025
किसानों की एक मजबूत मुखर आवाज 2 साल से शांत थी लेकिन अब वह हमेशा के लिए बंद हो गई। नेताओं की बात आते ही सफेद कुर्ता पायजामा वाले नेता की इमेज दिमाग में आती है लेकिन राजस्थान की राजनीति में रामेश्वर डूडी और हनुमान बेनीवाल जैसे दो नेताओं ने इस दिखावे को कभी अपनाया नहीं। डूडी साहब हमेशा अपने सादे और सच्चे व्यक्तित्व में नज़र आए। पैंट और शर्ट-इन वाला पहनावा, साफ़ सोच और ईमानदार राजनीति। उन्होंने साबित किया कि असली नेता बनने के लिए “व्हाइट कुर्ता-पायजामा” नहीं, जनसेवा और साफ नीयत चाहिए होती है। डूडी साहब कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शामिल वह अंतिम चेहरा थे जिन्होंने पार्टी हित से ज्यादा अपनी जनता के हितों को महत्व दिया। उन्होंने कोशिश की कि अपनी पार्टी के माध्यम से किसानों की आवाज को राजनीति में मजबूत किया जा सके। हर समय उन्होंने अपने लोगों और किसान के मुद्दों और समस्याओं को राजनीति की टेबल पर रख कर उनका समाधान निकालने की कोशिश की। मीडिया में एक मुखर आवाज और स्पष्ट वाक के साथ साथ आम लोगों के साथ शालीनता और सीधेपन ने उन्हें अलग पहचान दिलाई । वाकई ये किसान समुदाय के लिए बहुत बड़ी क्षति है कि एक राष्ट्रीय पार्टी में उनका एक मजबूत स्तंभ ढह गया। इसकी भरपाई शायद ही कभी हो पाए। मैं हमेशा से ही पश्चिमी यूपी,हरयाणा,राजस्थान,पंजाब के कई काबिल किसान लीडरों को करीब से देखता हूं। बस अफसोस होता है कि हम अपनी काबिलियत को संसद भवन ओर विधान सभाओं से पहले ही गुटबाजियों के कारण खत्म कर देते है। शत शत नमन डूडी साहब। 🙏🏻💐🌹🙏🏻
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