18/05/2025
एक छोटा सा लड़का था, जिसके सपनों का आसमान बहुत बड़ा था। वो मुंबई की गलियों से गुजरता, अपने कंधों पर एक पुराना बैग लिए, जिसमें एक बल्ला और कुछ पुराने क्रिकेट बॉल्स थीं। उसका एक ही सपना था—वानखेड़े स्टेडियम में खेलना, जहाँ बड़े-बड़े खिलाड़ी अपनी किस्मत आजमाते थे। लेकिन हर बार, जब वो स्टेडियम के गेट तक पहुँचता, गार्ड उसे रोक देता। "यहाँ बच्चों की एंट्री नहीं," गार्ड की सख्त आवाज़ उसके कानों में गूंजती। फिर भी, वो हर दिन आता, स्टेडियम की ऊँची दीवारों को निहारता, वहाँ से आने वाली खिलाड़ियों की आवाज़ें सुनता, और चुपके से अपने सपनों में खो जाता।
वो लड़का था हिटमैन रोहित शर्मा। उसका दिल कहता था कि एक दिन वो इस मैदान पर खेलेगा, जहाँ लोग उसके नाम का शोर मचाएंगे। वो रोज़ सुबह उठता, अपनी पुरानी साइकिल पर सवार होकर पास के मैदान में प्रैक्टिस करता। घंटों बल्ला घुमाता, पसीने से तर-बतर हो जाता, लेकिन हार नहीं मानता। उसकी आँखों में चमक थी, और दिल में एक जुनून।
समय बीता। मेहनत और लगन ने रोहित को उस मुकाम तक पहुँचाया, जहाँ लोग उसे सिर्फ़ एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि एक प्रेरणा मानते थे। एक दिन, उसी वानखेड़े स्टेडियम में, जहाँ कभी उसे गेट से अंदर नहीं आने दिया जाता था, हजारों लोग उसके नाम का नारा लगा रहे थे। "रोहित! रोहित!" स्टेडियम गूंज रहा था। उसने अपने बल्ले से रनों की बरसात की, और हर शॉट के साथ अपने सपनों को सच होते देखा।
जब मैच ख़त्म हुआ, रोहित स्टेडियम के बीच में खड़ा था। उसने चारों तरफ़ देखा—वही दीवारें, वही स्टैंड्स, जहाँ कभी वो बाहर खड़ा होकर सपने देखता था।
आज उसी स्टेडियम में एक स्टैंड उसके नाम पर था। उसकी आँखें नम थीं, लेकिन चेहरे पर एक गर्व भरी मुस्कान थी। वो जानता था कि ये पल सिर्फ़ उसकी मेहनत का नहीं, बल्कि उसके बचपन के सपनों का इनाम था। आज वो न सिर्फ़ मुंबई का, बल्कि पूरे देश का "हिटमैन" बन चुका था।
यहाँ तक पढ़ लिये हो तो रोहित के लिये दिल से एक लाइक करके ही जाना 🥰❣️