27/07/2025
हरिद्वार: मनसा देवी मंदिर में भगदड़, 6 श्रद्धालुओं की मौत, कई घायल
हरिद्वार, 27 जुलाई 2025: उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित प्रसिद्ध मनसा देवी मंदिर में रविवार सुबह एक दुखद हादसा हुआ। मंदिर मार्ग पर भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 25 से 35 लोग घायल हुए हैं। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर पैदा कर दी है।
घटना सुबह के समय हुई, जब मंदिर में दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। मनसा देवी मंदिर, जो हरिद्वार के तीन प्रमुख सिद्धपीठों में से एक है, सप्ताहांत पर विशेष रूप से उत्तर प्रदेश, दिल्ली और हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ का गवाह बनता है। मंदिर पहाड़ पर स्थित है और इसके संकरे रास्ते और सीढ़ियों पर भीड़ का दबाव बढ़ने से यह हादसा हुआ।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, भगदड़ मंदिर मार्ग पर सीढ़ियों के पास शुरू हुई। कुछ लोगों ने बताया कि सीढ़ियों में बिजली का करंट लगने की अफवाह के कारण श्रद्धालुओं में अचानक अफरा-तफरी मच गई, जिससे लोग एक-दूसरे पर गिर पड़े। हालांकि, गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने करंट की बात को खारिज किया है। उन्होंने कहा, "भारी भीड़ के कारण भगदड़ मची, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। मैं घटनास्थल के लिए रवाना हो रहा हूं।"
हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोभाल ने बताया, "हमें कुछ लोगों के घायल होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। लगभग 35 लोगों को अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 6 की मौत की पुष्टि हो चुकी है। प्रथम दृष्टया, मंदिर मार्ग से 100 मीटर नीचे सीढ़ियों पर बिजली का झटका लगने की अफवाह के कारण भगदड़ मची। हम आगे की जांच कर रहे हैं।"
हादसे की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, और अन्य बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू कर दिए। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। प्रशासन ने सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है, और स्थिति अब नियंत्रण में बताई जा रही है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर लिखा, "हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ है। एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस, और अन्य बचाव दल मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं। मैं निरंतर स्थानीय प्रशासन के संपर्क में हूं और स्थिति पर नजर रख रहा हूं। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।"
प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि कांवड़ यात्रा के बाद मंदिर के रास्ते खुलने से श्रद्धालुओं की संख्या में अचानक वृद्धि हुई थी। मंदिर तक पहुंचने का रास्ता संकरा होने और सीढ़ियों की ऊंचाई के कारण भीड़ का प्रबंधन चुनौतीपूर्ण हो गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि रोपवे पर भीड़ होने के कारण सीढ़ी मार्ग पर दबाव बढ़ा, जिससे हादसा हुआ।
मनसा देवी मंदिर हरिद्वार का एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जो मां मनसा देवी को समर्पित है। माना जाता है कि मां मनसा देवी सर्पों की देवी और इच्छा पूर्ति करने वाली माता हैं। यह मंदिर हरिद्वार के तीन सिद्धपीठों—मनसा देवी, चंडी देवी, और माया देवी—में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन के लिए आते हैं।
यह हादसा मंदिरों में भीड़ प्रबंधन की आवश्यकता को रेखांकित करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण के लिए बेहतर इंतजाम किए जाने चाहिए। प्रशासन ने भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की बात कही है।
इस दुखद घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। प्रशासन और स्थानीय लोग प्रभावित परिवारों की मदद के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं।