07/10/2025
“राधा और कृष्ण — प्रेम के दो नाम, पर आत्मा एक।
जहाँ शब्द मौन हैं और भावनाएँ गूंजती हैं,
जहाँ मिलन का अर्थ तन से नहीं, मन से होता है।
कृष्ण की बाँसुरी की हर तान में राधा बसती हैं,
और राधा के हर स्पंदन में कृष्ण की मुस्कान झलकती है।
यह प्रेम नहीं — यह भक्ति का वह स्वरूप है,
जो युगों-युगों तक अमर रहेगा।” 💫