25/10/2025
सुरक्षित सोशल मीडिया गोपनीयता – ओवरशेयरिंग से बचें
अभियान के तहत थाना साइबर क्राइम की टीम ने मीना मार्केट यमुनानगर, आईटीआई, व बस स्टैंड यमुनानगर में आमजन को साइबर ठगी से बचाव के विभिन्न तरीकों के बारे, में विस्तारपूर्वक दी गई जानकारी।
1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक मनाया जा रहा साइबर जागरूकता माह।
पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए जिला पुलिस ने आमजन को जागरूक करने के लिए विशेष पहल शुरू की है। पुलिस महानिदेशक हरियाणा के आदेशानुसार हरियाणा पुलिस द्वारा आमजन को जागरुक करने के लिए अक्टूबर माह को साईबर जागरुकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। जिला पुलिस द्वारा पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल के मार्गदर्शन में अलग-अलग तरीकों से आमजन को जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में थाना प्रबंधक साइबर क्राइम सतीश कुमार के नेतृत्व में शुक्रवार को थाना साइबर अपराध की टीम ने मीना मार्केट यमुनानगर, आईटीआई, व बस स्टैंड यमुनानगर में आमजन को साइबर ठगी के विभिन्न तरीकों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।थाना साइबर अपराध के एएसआई बलदेव सिंह ने बताया कि आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर), और व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर लोग अपनी दिनचर्या, फोटो, वीडियो और भावनाएँ साझा करते हैं। लेकिन यह सुविधा कभी-कभी खतरे में भी बदल सकती है, जब हम अपनी निजता की सीमाएँ भूल जाते हैं। विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि “ओवरशेयरिंग” यानी अधिक जानकारी साझा करना हमारी ऑनलाइन सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बनता जा रहा है। बहुत से मामलों में देखा गया है कि लोग अपनी लोकेशन, परिवार की जानकारी, या बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर डाल देते हैं। साइबर अपराधी इसी जानकारी का इस्तेमाल पहचान की चोरी, स्टॉकिंग, या ठगी जैसी गतिविधियों में करते हैं। इसलिए, यह जरूरी है कि हम यह सोच-समझकर तय करें कि कौन-सी जानकारी साझा करनी है और कौन-सी निजी रखनी है।
*साइबरबुलिंग, सेक्सटॉर्शन और रिवेंज पोर्न से रहें सतर्क:-सोशल मीडिया पर बढ़ते दुरुपयोग के कारण साइबरबुलिंग और सेक्सटॉर्शन जैसे अपराधों में भी तेजी आई है। किशोर और युवा इनका सबसे बड़ा शिकार बन रहे हैं। कई बार दोस्ती के नाम पर भरोसा जीतकर किसी की निजी तस्वीरें या वीडियो हासिल किए जाते हैं और फिर ब्लैकमेल किया जाता है। अगर कभी ऐसी स्थिति का सामना करना पड़े, तो घबराने के बजाय तुरंत रिपोर्ट करें।
भारत में साइबर अपराधों की शिकायत cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन दर्ज कराई जा सकती है। इसके अलावा, स्थानीय पुलिस और महिला हेल्पलाइन नंबर 1091 पर भी सहायता ली जा सकती है।
*डीपफेक और फेस मॉर्फिंग ऐप्स से बढ़ता खतरा*
तकनीक के इस युग में डीपफेक वीडियो और फेस मॉर्फिंग ऐप्स ने निजता को और अधिक चुनौती दी है। इन तकनीकों के ज़रिए किसी व्यक्ति के चेहरे या आवाज़ को बदलकर नकली वीडियो तैयार किए जा सकते हैं। ऐसे वीडियो अक्सर बदनाम करने, ब्लैकमेल करने या फर्जी प्रचार के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। इसलिए, किसी भी संदिग्ध वीडियो या फोटो पर भरोसा न करें और उसकी सत्यता जांचे बिना शेयर न करें।
*फर्जी कस्टमर केयर लिंक से बचें:-हाल के वर्षों में फेक कस्टमर केयर के नाम पर ऑनलाइन ठगी के मामले भी बढ़े हैं। ठग सोशल मीडिया या सर्च इंजनों पर नकली हेल्पलाइन नंबर डालकर लोगों को जाल में फँसाते हैं। जब कोई व्यक्ति सहायता के लिए संपर्क करता है, तो वे बैंक डिटेल्स या ओटीपी मांगकर खाते से पैसे उड़ा लेते हैं। इसलिए, किसी भी लिंक या नंबर पर क्लिक करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की पुष्टि करना बेहद जरूरी है।
*कैसे रहें सुरक्षित*
1..सोशल मीडिया पर प्राइवेसी सेटिंग्स अपडेट रखें।
2.अनजान लोगों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।
3.अपने पासवर्ड मजबूत रखें और समय-समय पर बदलते रहें।
4.बच्चों को सोशल मीडिया के सही उपयोग के बारे में जागरूक करें।
5.किसी भी अश्लील या ब्लैकमेलिंग कंटेंट की तुरंत रिपोर्ट करें।
थाना प्रबंधक सतीश कुमार ने बताया कि डिजिटल दुनिया में सुरक्षा हमारी अपनी जिम्मेदारी है। थोड़ी सावधानी, जागरूकता और सतर्कता अपनाकर हम न केवल खुद को बल्कि अपने परिवार को भी साइबर अपराधों से बचा सकते हैं। याद रखें — “सोशल मीडिया पर शेयर करने से पहले एक बार सोचें, क्योंकि एक क्लिक आपकी गोपनीयता खतरे में डाल सकता है।”