
16/12/2024
प्यारे नबी ﷺ की प्यारी सीरत.
एक ईसाई ने जब इस्लाम कुबूल किया तो लोगों ने उससे पूछा इस्लाम की ऐसी कौनसी बात तुझे पसंद आई जो मुस्लमान बन गया वो ईसाई कहता है कि मैंने पैगम्बरें इस्लाम की एक ही सीरत पढ़ा और मुस्लमान हो गया, मैंने एक वाक़िया पढ़ा जिस वाक़िये में लिखा हुआ था एक सहाबा (राज़ी अल्लाह अन्हु )आप ﷺ की बरगाह में अर्ज़ करते हैं या रसूल अल्लाह मेरा बेटा 3 दिन से खो गया है और मिल नही रहा है उसकी माँ भी बहुत परेशान है और मैं भी परेशान हूँ.!
या रसूल अल्लाह आप अल्लाह ﷻ से दुआ कर दीजिये कि मेरा बेटा मुझे मिल जाए आप ﷺअभी अल्लाह ﷻ से दुआ करने वाले ही थे कि एक सहाबी (रज़ी अल्लाह अन्हु ) ﷺ की बारगाह में आते है और अर्ज़ करते हैं या रसूल अल्लाह मैंने इनके बेटे को मदीने की गलियों में कुछ
बच्चों के साथ खेलते हुए देखा है.
तेरी दुआ ना कभी असर से मलुल हुई
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इधर ज़ुबा से निकली उधर कुबूल हुई
इतना सुनना था की वो सहाबी (रज़ी अल्लाह अन्हु ) वहां से खुशी के मारे जाने लगे तो आप ﷺ ने उन सहाबी से इरशाद फरमाया जब तुम वहां जाओ तो अपने बच्चे का नाम लेकर पुकारना सहाबी ने अर्ज़ किया या रसूल अल्लाह ऐसा क्यों आप ﷺ ने इरशाद फरमाया.
जब तुम वहां जाओगे और तुम अपने बच्चे को 3 दिन के बाद देखोगे तो कहीं ऐसा ना हो कि तुम अपने बच्चे के प्यार में उसे हे मेरे लाल हे मेरे सोना तू कहां था यह कह कर पुकारोगे तो कहीं ऐसा ना हो कि उन बच्चों में कहीं कोई यतीम बच्चा भी हो और तुम्हारी ऐसी बातें सुनकर कहीं वो तकलीफ महसूस करें की काश मेरा बाप भी ज़िंदा होता और ऐसे ही मेरे को भी पुकारता कहीं उसके दिल को ठेस ना पहुंचे इस लिए जब तुम जाना तो अपने बच्चे को नाम लेकर बुलाना.!
वो ईसाई कहता है मैंने बस यही एक वाक़िया पढ़ा और
मुस्लमान हो गया, मैंने सोंच लिया कि जिस पैंगम्बर-ए-इस्लाम के दिल में बच्चों के लिए इतनी मोहब्बत है वह दहशत गर्द का पैंगम्बर नही हो सकता.!!!
लिखावट में कोई गड़बड़ी हो तो माफी की तलबगार हूँ.
Kaif khan 🖊️🖊️🖊️