14/04/2025
डॉ. भीमराव आम्बेडकर, जिन्हें बाबासाहब आम्बेडकर के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के महू में हुआ था। उनके पिता रामजी मालोजी सकपाल भारतीय सेना में सूबेदार के पद पर कार्यरत थे और उनकी माता भीमाबाई एक धार्मिक महिला थीं। भीमराव आम्बेडकर के परिवार को महार जाति से होने के कारण सामाजिक और आर्थिक रूप से कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
*शिक्षा*
आम्बेडकर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सातारा नगर में प्राप्त की और बाद में मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में उच्च शिक्षा प्राप्त की, जहां से उन्होंने अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।
*सामाजिक और राजनीतिक जीवन*
आम्बेडकर ने अपने जीवनकाल में दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वे स्वतंत्र भारत के पहले कानून और न्याय मंत्री बने और उन्होंने श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों के लिए काम किया।
*बौद्ध धर्म अपनाना*
1956 में, आम्बेडकर ने हिंदू धर्म की कुरुतियों और छुआछूत की प्रथा से तंग आकर बौद्ध धर्म अपना लिया।
*विरासत*
डॉ. आम्बेडकर की विरासत में लोकप्रिय संस्कृति में कई स्मारक और चित्रण शामिल हैं। उनका निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था, और उनके जन्म दिवस 14 अप्रैल को आम्बेडकर जयंती के रूप में मनाया जाता है। 1990 में, उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
*महत्वपूर्ण योगदान*
- *भारतीय संविधान के निर्माता*: आम्बेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- *दलितों के मसीहा*: उन्होंने दलितों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उनकी सामाजिक स्थिति में सुधार के लिए काम किया।
- *श्रमिकों और किसानों के हितैषी*: आम्बेडकर ने श्रमिकों और किसानों के अधिकारों के लिए काम किया और उनकी स्थिति में सुधार के लिए कई नीतियों और कानूनों का निर्माण किया। ¹