27/08/2025
सूदखोरों का आतंक और सुसाइड..
शाहजहांपुर में दिल दहला देने वाली घटना,आर्थिक तंगी से परेशान दंपति ने बेटे को जहर देकर लगाई फांसी, तीनों की मौत
यूपी के शाहजहांपुर में उस समय सनसनी फैल गई जब दुर्गा एनक्लेव कॉलोनी में हैंडलूम कारोबारी दंपति ने आर्थिक तंगी से परेशान होकर अपने बेटे की जान लेने के बाद खुदकुशी कर ली। इस घटना ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया है। पुलिस के मुताबिक, हरियाणा हैंडलूम के मालिक सचिन ग्रोवर और उनकी पत्नी शिवांगी ग्रोवर पिछले काफी समय से कर्ज से दबाव में थे। उनके गहने, कार और घर तक गिरवी पड़े हुए थे। मानसिक तनाव और आर्थिक तंगी से निराश होकर दंपति ने पहले अपने चार वर्षीय बेटे फतेह ग्रोवर को जहरीला पदार्थ दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। इसके बाद दोनों ने घर के अंदर फांसी का फंदा लगाकर जान दे दी।
मौके पर पहुंची पुलिस ने तीनों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस दौरान पुलिस को दंपति के मोबाइल से 36 पन्नों का सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जो हिंदी और अंग्रेज़ी दोनों भाषाओं में लिखा गया है। सुसाइड नोट में आर्थिक तंगी और प्रताड़ना का विस्तार से ज़िक्र किया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि शाहजहांपुर में सूदखोरों की दबंगई और ऊंचे ब्याज पर कर्ज देने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं,लेकिन प्रशासन इस पर अंकुश लगाने में नाकाम रहा है। इसी वजह से आत्महत्या करने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
दो शोरूम,पाश इलाके में घर..फिर भी आत्मघाती कदम
महानगर में स्थित दुर्गा इंक्लेव कॉलोनी निवासी हैंडलूम कारोबारी सचिन ग्रोवर ने अपनी पत्नी शिवांगी ग्रोवर और मासूम बेटे फ़तेह के साथ ज़हर खाकर आत्मघाती कदम उठा लिया। शहर के मोहनगंज इलाके में उनके दो हैंडलूम शोरूम हैं और पाश कॉलोनी में आलीशान दो मंजिला मकान। परिवार लग्ज़री लाइफ जी रहा था, लेकिन अचानक हुए इस दर्दनाक हादसे ने सबको स्तब्ध कर दिया।
परिजनों के मुताबिक, सचिन की शादी लव–कम–अरेंज थी। पत्नी शिवांगी मिश्रा कॉलोनी में ही रहने वाली संध्या मिश्रा की बेटी थीं। मंगलवार की शाम तक पूरा परिवार सामान्य था,सचिन की भाभी ने बताया कि सभी हंसते – बोलते दिख रहे थे। मगर कुछ ही देर बाद ऐसी घटना हो जाएगी, किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था।
बुजुर्ग मां, बड़े भाई रोहित और गौरव गहरे सदमे में हैं। कॉलोनी वासी भी हैरान हैं कि सबकुछ होने के बाद भी कोई इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकता है।
लोगों का कहना है
"मुफलिसी में भी लोग संघर्ष करते हैं, लेकिन यहां तो मासूम बेटे को भी ज़हर पिला दिया गया।"
सूदखोरों का आतंक और सुसाइड.
चर्चाओं के मुताबिक, परिवार आर्थिक दबाव में था,मकान और कारोबार पर कर्ज का बोझ बढ़ चुका था। कमेटियां और ब्याज का दबाव लगातार बढ़ रहा था, सूदखोरों का कर्ज चुकाने की टेंशन ही इस त्रासदी की वजह मानी जा रही है.