14/12/2022
*बड़े ही शर्म की बात है कि अभी एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमे एक छात्र का है। जो किसी शादी समारोह मे खाना खाने गया था,जिसको पकड़ लिया जाता हैं और बिना कुछ खिलाये पिलाये बर्तन धुलवाने का वीडियो भी वायरल कर दिया। ये सब देख कर बहुत ही कष्ट हुआ, पहिले के लोग भोजन कराना पुण्य समझते थे। इसी बात को लेकर हम और हमारे एक मित्र चर्चा कर रहे थे, जो आज एक बड़े व्यवसाई है। उन्होने बताया कि हम और हमारे एक सहपाठी जो आजकल एक डिप्टी कमिश्नर सेल टैक्स है। आज से पैंतीस साल पूर्व की एक घटना है हम लोग इलाहाबाद में पढ़ते थे, अपने गांव से पसेनन्ज़र ट्रेन से इलाहाबाद जा रहे थे। लगभग रात दस बजे की जाड़े की रात थी और ट्रेन का इंजन खराब हो गया और पता चला कि इसको बनने लगभग तीन से चार घंटे लगेगें। मेरे मित्र ने कहा कि हमको बहुत तेज भूख लगी है और उस रात के बियाबान जंगल में कुछ दूर पर एक शादी समारोह था। मैने अपने मित्र से कहा कि मुझे उस समारोह में खाना है, तो मेरे सहपाठी ने मना किया कि वहां जाने पर मार पड़ सकती हैं। तो मैंने फैसला कर लिया कि मुझे वहां जाना ही है। इसके बाद हम और हमारे मित्र समारोह में जा के पता किया कि मालिक कौन है एक सज्जन ने बताया कि वो जो साफ़ा बांधे खड़े है लड़की के बाप है बारात के आने की तैयारी में लगे हुए हैं। मेरे मित्र ने जाकर नमस्कार किया और अपनी समस्या बताई कि मेरी ट्रेन खराब हो गई है। और बहुत जोर से भूख लगी है आपका आदेश हो हम भी भोजन कर ले इतना सुनते ही उन्होने हमे हाथो हाथ ले लिया और मेज पर बैठा कर हम दोनों को भोजन कराया और पूछा कि आप कितने लोग हैं। मैने कहा कि हम तो केवल दो ही बाकी ट्रेन में तो सेकड़ो होंगे। उस सज्जन यादव जी ने ट्रेन से सेकड़ो लोगो को भोजन कराया और भूल गए कि उनकी बेटी की बारात आ रही हैं। मैने कहा कि अब आप बारात को क्या खिलाएँगे तो यादव जी ने जबाब खाने की कोई कमी नहीं है बनता जायेगा लोग खाते रहेगें। इतना बड़ा दिल देख कर मेरा मन भर आया यादव जी ने कहा कि भोजन कराना तो बहुत ही पुण्य कार्य है।*
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