01/07/2025
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर, रणथंभौर टाइगर रिजर्व के पास, 12 किलोमीटर के हिस्से में भारत का पहला वाइल्डलाइफ ओवरपास कॉरिडोर बनाया गया है। इस खास कॉरिडोर में 5 ओवरपास और 1.2 किलोमीटर लंबा अंडरपास शामिल हैं, जिनके ज़रिए बाघ, भालू, शेर, चीता जैसे बड़े जानवर अब बिना किसी डर या रुकावट के सड़क पार कर सकते हैं।
हर ओवरपास को ऊपर से पेड़ों, झाड़ियों और घास से ढका गया है, ताकि जानवरों को ऐसा महसूस हो कि वे जंगल में ही हैं। इससे वे सहजता से रास्ता पार कर सकें और उन्हें सड़क या गाड़ियों का डर न लगे। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के दोनों ओर ऊंची दीवारें बनाई गई हैं ताकि न तो कोई जानवर रास्ते में आ सके और न ही कोई पैदल व्यक्ति इन रास्तों को पार कर सके।
जानवरों को गाड़ियों की आवाज़ से परेशानी न हो, इसके लिए साउंड बैरियर भी लगाए गए हैं, जो ट्रैफिक के शोर को कम करते हैं। यह भी सुनिश्चित किया गया है कि निर्माण के दौरान किसी जानवर को नुकसान न पहुंचे। इसके लिए खास टीमें 24 घंटे तैनात थीं, जो काम की निगरानी करती थीं।
इस पूरे हिस्से में लगभग 35,000 पेड़ लगाए गए हैं, और हर 500 मीटर पर वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया गया है।
यह पहली बार है जब भारत में जानवरों के लिए इस तरह का ओवरपास बनाया गया है। यह सिर्फ एक तकनीकी उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि विकास और पर्यावरण एक साथ कैसे आगे बढ़ सकते हैं। यह प्रोजेक्ट आने वाले समय में देश के अन्य हिस्सों के लिए एक उदाहरण बन सकता है।
अगर हम सही तरीके से योजना बनाएं, तो इंसान और जानवर दोनों साथ रह सकते हैं — बिना किसी को नुकसान पहुंचाए। यही संदेश देता है यह वाइल्डलाइफ ओवरपास।