11/12/2025
पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर का सियासी हमला तेज, कहा—“हिमाचल के इतिहास में इतना झूठ बोलने वाला मुख्यमंत्री नहीं देखा”
#देहरा
देहरा: जसवां–प्रागपुर के विधायक व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंडी के पधर में आयोजित सुक्खू सरकार के तीन साल पूरे होने पर हुए समारोह को “सरकारी कारोबार का जश्न” करार दिया। उन्होंने कहा कि “आज जो रैली हुई, वह आम जनता की नहीं बल्कि सरकारी कर्मचारियों की रैली थी। मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए।”
उन्होंने सीएम पर सीधा निशाना साधते हुए कहा, “हिमाचल प्रदेश के इतिहास में इतना झूठ बोलने वाला मुख्यमंत्री नहीं मिला, झूठ बोलने में तो पीएचडी कर रखी है।”
दूध, बस रूट, और गारंटियों पर सरकार को घेरा
बिक्रम सिंह ने कहा कि सरकार ने 51 रुपये लीटर दूध का समर्थन मूल्य बताया, जबकि जनता को 100 रुपये लीटर की ‘गारंटी’ का सपना दिखाया गया था। ऊपर से मिल्क सेस लगाकर दूध को महंगा कर दिया।
इसी तरह जिन रूटों पर इन्होंने रैली पर बसें भेजी वहां उन रूटों को आपदा का नाम देकर बंद कर दिया।
उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री पर वार करते हुए बोले कि वे तीन साल की उपलब्धियों पर नहीं, असफलताओं की लिस्ट गिना रहे हैं।
महिलाएं 1500 रुपये की गारंटी मांग रही हैं और युवा रोजगार पूछ रहे हैं, लेकिन सरकार के पास कोई जवाब नहीं।
“विजन की बात करते हैं, लेकिन रैली में विजन दिखा ही नहीं”
पूर्व मंत्री ने कहा कि रैली को ‘विजन रैली’ बताया गया, लेकिन उसमें कोई विजन दृष्टिगोचर नहीं हुआ। आम जनता ने इस रैली से दूरी बनाए रखी। साथ ही तंज कसते हुए बोले, “कांग्रेस नाम ही फूट है… यहां सब राजयादा और अग्निहोत्री ही नजर आए। वीरभद्र सिंह के पोस्टर तक गायब रखे गए।”
स्थानीय कांग्रेस नेताओं पर भी प्रहार
अपने क्षेत्रीय कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी ही पुलिस को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं। “हमने अवैध खनन की शिकायत पुलिस को दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऊपर शिकायत करने के बाद ही कार्रवाई शुरू हुई है।” संजय पराशर के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए बिक्रम सिंह बोले, “जिसे भी नौकरी दी है, उसका सर्टिफिकेट हम इन्हें क्यों दें।”
देहरा विधायक के आरोपों पर पलटवार
देहरा की विधायक कमलेश ठाकुर द्वारा लगाए गए आरोपों पर पूर्व मंत्री ने कहा कि चनौर इंडस्ट्री एरिया का निर्माण हमने करवाया था, अब वर्तमान सरकार वहां की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने में विफल रही है।