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लवी मेला में अन्य राज्यों के अश्वपालक जानेंगे चामुर्थी घोड़े की खासियतें - उपायुक्त🔹️जिला प्रशासन ने भेजा अन्य राज्यों के...
27/10/2025

लवी मेला में अन्य राज्यों के अश्वपालक जानेंगे चामुर्थी घोड़े की खासियतें - उपायुक्त

🔹️जिला प्रशासन ने भेजा अन्य राज्यों के अश्वपालकों को निमंत्रण

अंतरराष्ट्रीय लवी मेला रामपुर-2025 में आयोजित होने वाली अश्व प्रदर्शनी में पंजाब, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, लद्दाख से अश्वपालकों को बुलाया जाएगा। अश्व प्रदर्शनी का आकर्षण चामुर्थी घोड़े की नस्ल के बारे में अन्य राज्यों से आने वाले अश्वपालकों को विस्तृत जानकारी दी जाएगी ताकि इन राज्यों में चामुर्थी घोड़े की बिक्री हो सके। इसके साथ ही वहां के जीवन शैली में चामुर्थी घोड़े को लोग शामिल कर सके। इसके लिए उपायुक्त शिमला के आदेशों के अनुसार पशुपालन विभाग ने उक्त राज्यों के पशुपालन विभाग को पत्राचार कर निमंत्रण भेज दिया है।

उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि लवी मेला का इतिहास सैंकड़ों वर्ष पुराना है। चामुर्थी घोड़े की बिक्री इस मेला का विशेष आर्कषण रहा है। चामुर्थी घोड़ा पहाड़ी राज्यों में काफी प्रभावी माना जाता है। इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ाने की दिशा में इस बार पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख से अश्वपालकों को आमंत्रित किया जा रहा है ताकि अश्व प्रर्दशनी में चामुर्थी घोड़े की खासियतों को स्वंय देख सके। अगर लोगों को पंसद आए तो खरीद भी सकते है।

चीन की सीमा से लगते हिमाचल के बर्फीले कबाइली जिलों लाहौल स्पीति और किन्नौर में चामुर्थी घोड़ा सदियों से जीवन शैली का हिस्सा रहा है। वहाँ इन्हें ‘शीत मरुस्थल का जहाज’ कहा जाता है। चामुर्थी घोड़े की ऊँचाई 12-14 हाथ तक होती है और यह माइनस 30 डिग्री तक की भीषण ठण्ड में भी काम कर सकता है। सबसे बड़ी बात यह है कि इसमें लम्बे समय तक कुछ न खाने के बावजूद काम करने की क्षमता होती है। इस नस्ल के घोड़ों की पहचान इनकी क्षमता और शक्ति के लिए है और इस नस्ल को भारतीय घोड़ों की छः प्रमुख नस्लों में से एक माना जाता है, जो ताकत और अधिक ऊँचाई वाले बर्फ से आच्छादित क्षेत्रों में अपने पाँव जमाने की क्षमता के लिए प्रसिद्ध है। दिलचस्प बात यह कि यह घोड़े इन बर्फीली घाटियों में सिंधु घाटी (हड़प्पा) सभ्यता के समय से पाये जाते हैं। इस घोड़े के नस्ल की उत्पति तिब्बत के पठारों में बताई जाती है, जोकि बाद में व्यापारियों द्वारा लाहौल स्पीति और किन्नौर के दुर्गम क्षेत्रों में लाए गए। वर्तमान में इस नस्ल के घोड़े मुख्यतः स्पीति घाटी की पिन वैली तथा किन्नौर जिला के भावा वैली में पाए जाते हैं।

बैठक में सहायक आयुक्त देवी चंद ठाकुर, उपनिदेशक पशुपालन विभाग डॉ नीरज मोहन सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

अश्व प्रदर्शनी 1 नवंबर से 3 नवंबर तक आयोजन

इस वर्ष लवी मेला रामपुर के तहत यह अश्व प्रदर्शनी 1 नवंबर से 3 नवंबर 2025 तक आयोजित जाएगी। पशुपालन विभाग हिमाचल प्रदेश द्वारा इस प्रदर्शनी में उत्तम घोड़ों का चयन किया जाता है, जिससे कि अश्वपालक प्रोत्साहित होते हैं। 1 नवंबर को अश्वों का पंजीकरण किया जाएगा। 2 नवंबर को अश्वपालकों के लिए गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। 3 नवंबर को उत्तम अश्वों का चयन, गुब्बारा फोड़ प्रतियोगिता तथा 400 व 800 मीटर रोमांचक घुड़दौड़ का आयोजन किया जाएगा। विजेताओं को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा। इस अश्व प्रदर्शनी में भाग लेने वाले सभी अश्वों को पशुपालन विभाग द्वारा निःशुल्क चारा तथा दाना भी वितरित किया जाता है।

लरी में घोड़ा प्रजनन केंद्र हो रहा मददगार साबित

हिमाचल के पशुपालन विभाग ने इन बर्फानी घोड़ों को बचाने और संरक्षित रखने और पुन अस्तित्व में लाने के उद्देश्य से सन् 2002 में स्पीति घाटी के लारी में एक घोड़ा प्रजनन केंद्र स्थापित किया। यह केंद्र स्पीति नदी से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया गया है, जो राजसी गौरव और किसानों में समान रूप से लोकप्रिय घोड़ों की इस प्रतिभावान नस्ल के प्रजनन के लिए उपयोग किया जा रहा है।

इस प्रजनन केंद्र को तीन अलग-अलग इकाइयों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रत्येक इकाई में 20 घोड़ों को रखने की क्षमता और चार घोड़ों की क्षमता वाला एक स्टैलियन शेड है। इस केंद्र को 82 बीघा और 12 बिस्वा भूमि पर चलाया जा रहा है। विभाग इस लुप्तप्राय प्रजाति के लिए स्थानीय गाँव की भूमि का उपयोग चरागाह के रूप में भी करता है। इस प्रजनन केंद्र की स्थापना और कई साल तक चलाये प्रजनन कार्यक्रमों के उपरांत इस शक्तिशाली विरासतीय नस्ल, जो कभी विलुप्त होने के कगार पर थी, की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश में इनकी आबादी सैंकड़ों में है।

तिब्बत से जुड़ा है इतिहास

चामुर्थी नस्ल के घोड़ों के वंशज तिब्बत सीमा की ऊँचाइयों पर पाये जाने वाले जंगली घोड़े माने जाते हैं। इस नस्ल का उद्गम स्थल तिब्बत के छुर्मूत को माना जाता है। कहा जाता है कि इसी कारण इस नस्ल के घोड़ों को चामुर्थी नाम मिला। इस नस्ल के घोड़े तिब्बत की पिन घाटी से सटे इलाके और लाहुल स्पीति जिला के काजा उप मण्डल की पिन घाटी में पाये जाते हैं। चामुर्थी नस्ल को दुनिया के घोड़ों की मान्यता प्राप्त चार नस्लों में एक माना जाता है। इस नस्ल के घोड़े मजबूत होने के कारण बर्फीले पहाड़ों के लिए बहुत लाभदायक माने जाते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस नस्ल के घोड़ों में बहुत कम ही बीमारियाँ देखी जाती हैं। हिमाचल के किन्नौर जिला के पूह उप मण्डल से भी व्यापारी तिब्बत जाकर चमुर्थी घोड़े लाते रहे हैं, लेकिन वहाँ माँग अधिक होने के कारण घोड़ों का व्यापार सिरे नहीं चढ़ रहा है। कहा जाता है कि पिन घाटी में नसबंदी किये घोड़े बेचे जाते हैं। क्योंकि वहाँ के लोगों की मान्यता है कि ऐसा नहीं करने से स्थानीय देवता नाराज होते हैं। हालाँकि पशु विशेषज्ञों के मुताबिक, इससे इस नस्ल के विस्तार की कोशिशों को नुक़सान पहुँचता है।

हर साल पिन घाटी में चामुर्थी नस्ल के घोड़े पाये जाने वाले इलाक़ों में अप्रैल-मई में हर गाँव में नस्ल विस्तार वाला नया घोड़ा चुना जाता है। लोग अपने नए जन्मे घोड़ों को एक जगह इकट्ठा करके उनमें से सबसे बढिया घोड़े का चयन करते हैं। हालाँकि बाक़ी घोड़ों की घरेलू तरीक़े से नसबंदी कर दी जाती है।

27/10/2025

“सबसे ज़्यादा पढ़ लिखकर” बजट पेश करने का दावा करने वाले अर्थशास्त्री मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी का आत्म निर्भर हिमाचल का विजन फेल हो गया है। उनकी ज़िद की क़ीमत निगमों को नीलाम होकर चुकानी पड़ रही है : जयराम ठाकुर

27/10/2025

रामपुर बुशहर में अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला परंपरागत रूप से 17वीं शताब्दी से आयोजित किया जाता रहा है। यह मेला बुशहर के तत्कालीन राजा और तिब्बती शासकों के बीच व्यापार संधि के बाद आयोजित किया गया
लवी शब्द लोवी से उत्पन्न हुआ है, जिसका अर्थ है ऊन काटना। ऊन और ऊनी परिधानों का व्यापार इस मेले का अभिन्न अंग रहा 👇

27/10/2025
हिमाचल का परचम लहराया: सरस्वती विद्या मंदिर कुमारसैन के छात्र-छात्राओं ने प्राप्त किया उत्तर भारत (North Zone) स्तरीय सं...
26/10/2025

हिमाचल का परचम लहराया: सरस्वती विद्या मंदिर कुमारसैन के छात्र-छात्राओं ने प्राप्त किया उत्तर भारत (North Zone) स्तरीय संगणक क्विज़ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान
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सरस्वती विद्या मंदिर, कुमारसैन के विद्यार्थियों ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का परचम लहराते हुए प्रदेश का नाम गौरवान्वित किया है। विद्यालय की छात्राएँ युविका शर्मा, अक्षिता एवं छात्र सक्षम ने चंडीगढ़ स्थित शारदा निकेतन सर्वहितकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित उत्तर भारत (North Zone) स्तरीय गणित, विज्ञान एवं संगणक मेला में संगणक क्विज़ प्रतियोगिता के किशोर वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

इस प्रतियोगिता में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर एवं हिमाचल प्रदेश के विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रतिस्पर्धा अत्यंत कठिन थी परंतु अपनी गहरी समझ, त्वरित निर्णय क्षमता और अद्वितीय टीमवर्क के बल पर कुमारसैन की इस प्रतिभाशाली टीम ने सभी राज्यों को पीछे छोड़ते हुए हिमाचल प्रदेश के लिए गौरवपूर्ण प्रथम स्थान हासिल किया।

विद्यालय के अध्यापक सुनील शर्मा ने यह जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि विद्यार्थियों ने विद्यालय और प्रदेश दोनों का नाम ऊँचा किया है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों की मेहनत, समर्पण और शिक्षकों के मार्गदर्शन ने यह उपलब्धि संभव बनाई है।

विद्यालय के प्रधानाचार्य यशवंत भारद्वाज ने विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि, “यह उपलब्धि न केवल सरस्वती विद्या मंदिर कुमारसैन के लिए बल्कि संपूर्ण हिमाचल शिक्षा समिति और विद्या भारती परिवार के लिए गर्व का विषय है। हमारे विद्यालयों में निरंतर गुणवत्ता आधारित शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों में विज्ञान, तकनीक और तार्किक सोच की भावना विकसित करने का प्रयास किया जाता है। आज का यह परिणाम उसी प्रयास का सुफल है।”

प्रधानाचार्य ने यह भी बताया कि इस सफलता से प्रदेश भर के विद्या भारती एवं हिमाचल शिक्षा समिति के विद्यालयों में खुशी की लहर दौड़ गई है। विद्यालय प्रबंधन समिति ने भी विजयी विद्यार्थियों को सम्मानित करने और भविष्य में उन्हें राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के लिए प्रोत्साहित करने की घोषणा की है।

प्रदेश के शैक्षिक जगत और अभिभावक वर्ग ने भी इन बच्चों की इस उल्लेखनीय उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है। कुमारसैन जैसे छोटे से पर्वतीय क्षेत्र से निकलकर उत्तर भारत के प्रमुख राज्यों के प्रतिभावान विद्यार्थियों के बीच अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करना, इन छात्रों की मेधा, आत्मविश्वास और सुदृढ़ शैक्षणिक आधार का प्रेरक प्रमाण है।

यह सफलता न केवल इन छात्रों के व्यक्तिगत प्रयास का परिणाम है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि हिमाचल के विद्यार्थी देश के किसी भी कोने में अपनी योग्यता और बौद्धिक क्षमता से पहचान बना सकते हैं।

26/10/2025

अंतर्राष्ट्रीय लवी मेला–2025 के उपलक्ष्य में 28 अक्टूबर से 9 नवम्बर तक होंगी विविध खेल गतिविधियाँ “नशे को नहीं, फिटनेस को चुनें, खेलें और स्वस्थ रहें” रहेगा इस वर्ष का खेल थीम

केंद्र से मिली 4500 करोड़ की वित्तीय सहायता -  विक्रमादित्य सिंहनवंबर माह में 1500 किलोमीटर सड़कों का जाल बिछेगा प्रदेश ...
26/10/2025

केंद्र से मिली 4500 करोड़ की वित्तीय सहायता - विक्रमादित्य सिंह

नवंबर माह में 1500 किलोमीटर सड़कों का जाल बिछेगा प्रदेश में

लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शिमला ग्रामीण के तहत पाहल में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले ढाई सालों में केंद्र सरकार से 4500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता दो विभागों को मिली है जिसमें लोक निर्माण और शहरी विकास विभाग शामिल है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने हर संभव सहायता की है। उन्होंने कहा कि नवंबर माह में 1500 किलोमीटर सड़कों का जाल प्रदेश में बिछाने के लिए मंजूरी मिलने जा रही है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की सैकड़ों सड़कों का निर्माण होगा और प्रदेश के लाखों लोगों को लाभ पहुंचेगा।

उन्होंने कहा कि पाहल पंचायत में पिछले ढाई सालों में 22 लाख रुपए के विकास कार्य पंचायत में करवाए जा रहे है। उन्होंने कहा कि बमौत लिंक मार्ग और चेवला-टबोग सड़क के लिए शीघ्र ही बजट का प्रावधान करवाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि हम हर लक्ष्य को हासिल करेंगे। भले हमें लक्ष्य हासिल करने के लिए समय लग जाए लेकिन जो हमने लक्ष्य तय किए है वो हर हाल में पूरे होंगे। उन्होंने विधायक निधि से पंचायत को विकास कार्यों के लिए 05 लाख रुपए तथा स्कूल में रसोई घर निर्माण और शौचालय मरम्मत के लिए डेढ़ लाख रुपए देने की घोषणा की। स्कूली छात्राओं को सांस्कृतिक प्रस्तुति के लिए 11 हजार रुपए देने की घोषणा की।

दो सड़कों का शिलान्यास, परीक्षा केंद्र का लोकार्पण

कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पाहल पंचायत के तहत नाबार्ड के माध्यम से 13 करोड़ रुपए से बनने वाली नेहवट घैणी-देवीदार सड़क, नयासेर खड्ड पर पुल निर्माण, और 1.2 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित होने वाले पाहल-बैला घाट-कोटला सम्पर्क मार्ग का शिलान्यास किया। इसके अतिरिक्त, मंत्री ने राजकीय उच्च विद्यालय बमोत के परीक्षा केंद्र का लोकार्पण भी किया।

कायना स्कूल में साइंस लेब का किया लोकार्पण

लोक निर्माण मंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कायना में साइंस लेब का लोकार्पण किया। समग्र शिक्षा अभियान के तहत बीएसएनएल ने करीब 22 लाख रुपए की लागत से उक्त लैब का निर्माण करवाया है। इसमें फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी की लैब होगी।
उन्होंने कायना स्कूल में परीक्षा केंद्र बनाने के लिए तुरंत एस्टीमेट बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आगामी वित्तीय वर्ष में इस कार्य को अनुमति दी जाएगी। उन्होंने मिडिल स्कूल के तीन कमरों के निर्माण लिए 3.50 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्कूल परिसर में बहुउद्देशीय भवन का निर्माण की दिशा में प्राथमिकता के कार्य किया जाएगा। उन्होंने स्कूली बच्चों की ओर से पेश की गई सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के लिए विधायक निधि से 21 हजार रुपए देने की घोषणा भी की।

शिक्षा क्षेत्र में हो रहे व्यापक सुधार

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि स्कूल में लैब स्थापित होने से बच्चों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेगी। इस स्कूल से क्षेत्र के बच्चों को काफी लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 100 स्कूलों में सीबीएसई बोर्ड लागू किया जा रहा है। स्कूलों का प्रदेश भर में युक्तिकरण किया जा रहा है। बच्चों की संख्या के हिसाब से स्कूलों का भविष्य तय हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में व्यापक सुधार किए जा रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र का अहम योगदान

उन्होंने कहा कि यहां पर फाइन आर्ट्स कॉलेज बनाने का श्रेय पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय राजा वीरभद्र सिंह को ही जाता है। वर्तमान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कॉलेज का लोकार्पण डेढ़ साल पूर्व किया था। आज देश भर में इस कॉलेज की वजह से प्रदेश की अलग पहचान हो रही है।

पूर्व ब्लॉक कांग्रेस शिमला ग्रामीण अध्यक्ष गोपाल शर्मा, पार्षद मोनिका भारद्वाज, स्थानीय पंचायत प्रधान जनोल जीत सिंह ठाकुर, उप प्रधान रोशन लाल, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कायना प्रधानाचार्य विद्या बांशटू, जय लक्ष्मी, अंजना, वेग राम, धर्म प्रकाश ठाकुर, पंकज शर्मा, धारणा कटोच, नेहा कुमारी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष निर्मला ठाकुर, एसएमसी प्रधान राकेश ठाकुर, पूर्व जिला परिषद सदस्य राजेश शर्मा, प्रधान देवेंद्र ठाकुर, यूथ ब्लॉक कांग्रेस टूटू अध्यक्ष प्रवीण शर्मा , यूथ कांग्रेस अध्यक्ष अरुण ठाकुर, प्रधान चंद्र कांता , बीडीसी चेयरमैन सरोज शर्मा, प्रकाश शास्त्री, दिवाकर शर्मा, बी एन शर्मा, उप प्रधान गिरीश शर्मा, सीता, रीता भारद्वाज, आशा, एक्सइन लोक निर्माण विभाग राजेश अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष मौजूद रहे।

दिसंबर में प्रदेश में आयोजित होंगी 3 राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगितायें - रोहित ठाकुरशिक्षा मंत्री ने जुब्बल में किया ...
26/10/2025

दिसंबर में प्रदेश में आयोजित होंगी 3 राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगितायें - रोहित ठाकुर

शिक्षा मंत्री ने जुब्बल में किया राज्य स्तरीय खेल प्रतियोगिता का शुभारंभ

शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि दिसंबर माह में हिमाचल प्रदेश में 3 राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगितायें करवाई जाएगी जिसके लिए 1 करोड़ रुपए स्वीकृत किये जा चुके है। इन प्रतियोगिताओं में देश के 36 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों से खिलाड़ी भाग लेंगे, जिसमे अंडर-14 छात्र वर्ग (वॉलीबाल), अंडर-19 छात्र (हेंड बॉल और कब्बडी) की प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
रोहित ठाकुर आज अपने गृह क्षेत्र जुब्बल में मौजूद थे जहाँ पर उन्होंने "ठाकुर राम लाल" स्वर्ण जयंती राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जुब्बल में आयोजित छात्राओं की राज्य स्तरीय "अंडर-14" खेल कूद प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने इस प्रतियोगिता में राज्य भर से आई छात्राओं को बेहतरीन प्रदर्शन हेतु शुभकामनाएं दी और विद्यालय प्रशासन को इस आयोजन पर बधाईया भी दीं। गौरतलब है कि इस प्रतियोगिता में प्रदेश भर के 12 जिला और एक खेल छात्रावास सहित कुल 507 छात्राएं भाग ले रही हैं और इस प्रतियोगिता में वॉलीबाल,कबड्डी, खो-खो, बैडमिंटन और टेबल टेनिस आदि खेल स्पर्धाएं हो रही है।

छात्र जीवन में पढ़ाई के साथ-साथ खेलों का विशेष महत्त्व

रोहित ठाकुर ने अपने वक्तव्य के दौरान खेलों की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि छात्र जीवन में पढ़ाई के साथ साथ खेलों का एक विशेष महत्त्व है। खेलों से जहाँ एक ओर बच्चों के स्वास्थ्य में वृद्धि होती है वहीँ दूसरी ओर एक स्वस्थ प्रतियोगिता का विकास भी होता है। उन्होने बताया कि वर्त्तमान में सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं जिसमे खिलाड़ियों की "डाइट मनी" को 120 रुपए से बढ़ाकर 220 रुपए करने के अलावा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने पर सरकार द्वारा सम्मानित किया जाना शामिल है।

इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि सरकार खेलों के विषय में गंभीर है और इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है। पूरे प्रदेश भर में 9 खेल छात्रावास है जहाँ पूरे प्रदेश भर से खिलाड़ी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें है। ठाकुर राम लाल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेल छात्रावास (कन्या) इन सभी में सबसे बड़ा छात्रावास बन कर उभर रहा है। इस खेल छात्रावास की स्थापना सन 1987 में हुई थी उस समय से यहाँ वॉलीबाल का प्रशिक्षण प्रदान किया जाता रहा है। किन्तु पिछले 2 वर्षों के दौरान यहाँ कब्बडी और बेडमिंटन दो अतिरिक्त खेलों को भी शामिल किया गया है और अब यहाँ पर वॉलीबाल और कब्बडी की 20-20 सीटों के साथ बेडमिंटन की 15 सीटों पर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2 करोड़ 27 लाख रूपये की लागत से इस छात्रावास के नए भवन का निर्माण हुआ है जिससे इस छात्रावास में प्रशिक्षण ले रही छात्राओं को बेहतर सुविधा मिल सकेंगी। इसके अतिरिक्त राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जुब्बल के साइंस ब्लॉक के भवन का निर्माण भी 2 करोड़ 47 लाख से किया गया है।

ठाकुर रामलाल का भी खेलों से था एक अटूट सम्बन्ध

शिक्षा मंत्री ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जुब्बल के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह संस्थान एक पुराना और प्रतिष्ठित संस्थान है जहाँ से कई प्रतिभाशाली छात्रों ने शिक्षा ग्रहण की जिन्होंने अलग-अलग विषयों में प्रदेश और देश में ख्याति अर्जित कर जुब्बल और इस संस्थान का नाम रोशन किया। इनमें से एक नाम उनके दादा ठाकुर रामलाल का नाम भी आता है जो न केवल 9 बार लगातार अभिजीत जुब्बल कोटखाई के विधायक रहे बल्कि 3 बार प्रदेश के मुख्यमंत्री और राज्यपाल रहे। इसके अतिरिक्त, वह पहले ऐसे राजनेता थे जो हिमाचल से बाहर आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रहे। शिक्षा मंत्री ने बताया कि ठाकुर रामलाल का भी खेलों से एक अटूट सम्बन्ध था और वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी सदैव अग्रणी रहते थे। शिक्षा मंत्री ने यह भी आशा व्यक्त की कि आने वाले समय में भी छात्र और शिक्षक मिलकर इस संस्थान की गरिमा बनाए रखेंगे और बेहतर परिणाम लाएंगे।

आईटीआई जुब्बल का भवन नवम्बर माह में किया जायेगा जनता को समर्पित

शिक्षा मंत्री ने अपने सम्बोधन में यह भी बताया कि जुब्बल में इस समय शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हो रही है। जुब्बल के डकैढ़ गाँव में 17 करोड़ रूपये की लागत से शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान बनने जा रहा है जो इस क्षेत्र का एक बड़ा और महत्वपूर्ण संस्थान होगा। साथ ही आईटीआई जुब्बल के भवन को भी नवम्बर माह में जनता को समर्पित किया जायेगा जिससे की तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी छात्रों को बेहतरीन शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध हो सकेंगी।

इस अवसर पर निदेशक स्कूल शिक्षा विभाग आशीष कोहली, एसडीएम जुब्बल गुरमीत नेगी, तहसीलदार जुब्बल जितेंदर ठाकुर, स्थानीय स्कूल के प्रधानाचार्य केशव शर्मा, कामडेंट राजपाल नेपटा, पूर्व जिला परिषद सदस्य मोतीलाल सिथटा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

पंचायतों का पुनर्गठन
26/10/2025

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कुलदीप सिंह राठौर, विधायक
26/10/2025

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पंचायती चुनाव
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