Dr. Lalit Photography

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Nag Chhatri -Himalaya’s magical herb – rare, powerful, and endangered.A single stem with whorled leaves and a mystical f...
02/09/2025

Nag Chhatri -
Himalaya’s magical herb – rare, powerful, and endangered.
A single stem with whorled leaves and a mystical feature Nag at the top – nature’s own masterpiece.
Respected in Ayurveda for its healing powers, yet struggling for survival due to overharvesting.
Let’s protect Nag Chhatri – a living heritage of the Himalaya.

🙏 जय माँ हाटकोटी 🙏हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले में पब्बर नदी के किनारे स्थित माँ हाटकोटी मंदिर न केवल आस्था का प्रतीक है...
01/09/2025

🙏 जय माँ हाटकोटी 🙏
हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले में पब्बर नदी के किनारे स्थित माँ हाटकोटी मंदिर न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि हिमालय की प्राचीन धरोहर भी है।
मान्यता है कि यहाँ माता सती के अंग गिरने से यह स्थान शक्तिपीठ बना। इसी भूमि पर माँ दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए यहाँ माँ की मूर्ति महिषासुर मर्दिनी रूप में विराजमान है। हजारों साल पुराना यह शक्तिपीठ हिमाचल की आस्था और परंपरा का अद्वितीय प्रतीक है।
आज भी माँ हाटकोटी “संकट हरने वाली देवी” और “विवाह की देवी” के रूप में पूजित हैं।
आइए, माँ से प्रार्थना करें कि वे सब पर अपनी कृपा और रक्षा बनाए रखें।







Glacier — अत्यंत विशाल और भव्य होने के बावजूद अत्यधिक नाज़ुक हैं।मैं जिस हिमनद पर चल रहा हूँ, उसकी सतह पर सौंदर्य के साथ...
01/09/2025

Glacier — अत्यंत विशाल और भव्य होने के बावजूद अत्यधिक नाज़ुक हैं।
मैं जिस हिमनद पर चल रहा हूँ, उसकी सतह पर सौंदर्य के साथ-साथ गहरी आशंका भी छिपी हुई है।
इनकी चमचमाती बर्फ़ के नीचे अज्ञात दरारें (क्रेवास) छिपी हैं,
और इनके ऊपर धधकती हुई पृथ्वी की तपिश लगातार बढ़ रही है।
दुर्भाग्यवश, ये हिमनद हमारी अंतरात्मा की संवेदनशीलता से भी कहीं अधिक तीव्र गति से पिघल रहे हैं।
बूंद-बूंद करके ये सदियों पुरानी धरोहरें समाप्त हो रही हैं।
यदि हमने समय रहते अपनी चेतना और कार्यों में बदलाव नहीं किया,
तो आने वाली पीढ़ियाँ केवल हिमनदों की स्मृतियों को ही देख पाएँगी—
और उस मौन को, जो मानव सभ्यता के विलुप्त होने के बाद शेष रह जाएगा।

तानी जुब्बड़ झील : आस्था और प्रकृति का अनन्त संगमहिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के खानेटी क्षेत्र में स्थित तानी जुब्बड़ झ...
01/09/2025

तानी जुब्बड़ झील : आस्था और प्रकृति का अनन्त संगम

हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के खानेटी क्षेत्र में स्थित तानी जुब्बड़ झील देवदार के विशाल वृक्षों से आच्छादित शांत प्राकृतिक धरोहर है। यह केवल सौंदर्य का प्रतीक नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों की आस्था, परंपरा और पुराणों से गहराई से जुड़ा पवित्र स्थल है।
झील के तट पर स्थित नाग देवता का प्राचीन मंदिर इसकी आत्मा माना जाता है। मान्यता है कि नाग देवता इस झील के अधिष्ठाता और रक्षक हैं। ग्रामीणों का विश्वास है कि उनकी कृपा से ही वर्षा होती है, खेतों में हरियाली आती है और जीवन में संतुलन बना रहता है। किसी भी विपत्ति या अनिष्ट से रक्षा का श्रेय भी नाग देवता को दिया जाता है।
इतिहासकार मानते हैं कि यह क्षेत्र प्राचीनकाल से ही सतलुज घाटी और किन्नौर जाने वाले मार्ग का हिस्सा रहा है। उस समय व्यापारी और यात्री यहाँ रुककर नाग देवता का आशीर्वाद लेते और अपनी यात्रा को मंगलमय मानते थे। कालांतर में यहाँ मेले और उत्सवों की परंपरा प्रारंभ हुई, जो आज भी उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है।
पुराणों के संदर्भ में, नाग देवता की पूजा हिमालयी संस्कृति का अभिन्न अंग रही है। महाभारत काल से ही नाग जाति की शक्ति और कृपा का उल्लेख मिलता है। हिमाचल के अनेक गाँवों में फैले नाग मंदिर इस परंपरा के जीवित साक्ष्य हैं। तानी जुब्बड़ झील भी उसी आध्यात्मिक परंपरा का अविभाज्य हिस्सा है — जहाँ जल, वन और जन मिलकर एक अद्भुत संतुलन का सृजन करते हैं।
सुबह जब देवदारों के बीच से छनकर सूर्य की किरणें झील की लहरों पर गिरती हैं, तो ऐसा प्रतीत होता है मानो नाग देवता स्वयं अपने लोक से इस सरोवर को आलोकित कर रहे हों। और जब मेले के दिनों में ढोल-नगाड़ों और लोकगीतों की गूँज वातावरण को उल्लसित कर देती है, तो यह झील केवल एक प्राकृतिक सरोवर नहीं रह जाती — यह आस्था, इतिहास और संस्कृति का जीवंत उत्सव बन जाती हैl

परंपरा और प्रकृति का संगमयह तस्वीर एक सदियों पुराना पारंपरिक पहाड़ी घर दिखाती है, जो आज भी अपनी गरिमा और प्राचीनता के सा...
31/08/2025

परंपरा और प्रकृति का संगम

यह तस्वीर एक सदियों पुराना पारंपरिक पहाड़ी घर दिखाती है, जो आज भी अपनी गरिमा और प्राचीनता के साथ खड़ा है। लकड़ी और पत्थर की काठ-कुनी शैली में बना यह घर, स्लेट की छत और चारों ओर खुले बरामदों के साथ, हिमाचली शिल्पकला और बुद्धिमत्ता का प्रतीक है।
इसके चारों ओर की हरियाली, दूर तक फैले देवदार के वन, और आसमान पर खिंचा हुआ सुंदर इंद्रधनुष इस दृश्य को और भी मोहक बना देता है। पुराना घर और आधुनिक दूरसंचार टावर एक ही फ्रेम में दिखकर अतीत और वर्तमान का अनोखा संगम प्रस्तुत करते हैं।

31/08/2025

माननीय इन्द्र देव जी
मानव कल्याण एवं वर्षा मंत्रालय के माननीय अध्यक्ष
स्वर्ग लोक।

विषय : लगातार हो रही बरसात को कुछ समय हेतु रोकने की प्रार्थना।

महोदय,

सविनय निवेदन यह है कि आपकी कृपा से इस वर्ष धरती पर भरपूर वर्षा हुई है। नदियाँ कल-कल करती बह रही हैं, तालाब लबालब भर चुके हैं और खेतों की प्यास भी बुझ गई है। इसके लिए हम सब आपके आभारी हैं।

किन्तु, पिछले कई दिनों से निरंतर वर्षा होने के कारण अब स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है। गलियाँ नदियों में बदल चुकी हैं, घरों के आँगन झीलों का रूप ले चुके हैं और विशाल भूमि पर मानव एवं प्रकृति दोनों का संतुलन बुरी तरह विचलित हो रहा है और दुख की बात है कि इस भीषण बरसात ने अब तक भारी जन-धन की हानि भी कर दी है।

क्षमा करें देव, लेकिन आपके विभाग की लगातार ड्यूटी अब जनता के लिए परेशानी का कारण बन रही है। यदि समय रहते आप थोड़ी धूप की व्यवस्था कर दें, तो धरतीवासी न केवल राहत पाएँगे बल्कि आपके न्यायपूर्ण निर्णय के लिए और भी कृतज्ञ होंगे।

अतः आपसे करबद्ध निवेदन है कि कृपया वर्षा मंत्रालय के बादलों का नल थोड़ी देर के लिए बंद कर दें और उन्हें आराम का आदेश दें। जब समय उचित होगा, तब पुनः आपसे बरसने की प्रार्थना हम कर ही लेंगे।

आपकी दिव्य कृपा और संरक्षण की प्रतीक्षा में,

भवदीय,
धरती का भीगा हुआ नागरिक
पता : कीचड़ वाली गली,
छत से टपकते कमरे का मोहल्ला।

भीमाकाली मंदिरहिमालय की गोद में बसा सराहन सिर्फ़ एक गाँव नहीं, बल्कि एक जीवित आस्था है। यहाँ खड़ा है भीमाकाली मंदिर, जहा...
31/08/2025

भीमाकाली मंदिर
हिमालय की गोद में बसा सराहन सिर्फ़ एक गाँव नहीं, बल्कि एक जीवित आस्था है। यहाँ खड़ा है भीमाकाली मंदिर, जहाँ श्रद्धा और इतिहास साथ-साथ साँस लेते हैं।
कहा जाता है कि यह उन 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहाँ माता सती का कान गिरा था। तभी से यह स्थान शक्ति और भक्ति का प्रतीक माना जाता है।
लकड़ी और पत्थर से बना यह मंदिर देखने में किसी कहानी सा लगता है। इसकी ऊँची-ऊँची मंज़िलें, नक्काशीदार दीवारें और हिमालयी शैली इसे और भी खास बनाती हैं।
गर्भगृह में प्रवेश करते ही वातावरण बदल जाता है — घंटियों की ध्वनि, मंत्रों की गूंज और भीतर की गहरी शांति हर किसी को अपने आप में डूबो देती है।
मंदिर के आँगन से दूर-दूर तक फैले देवदार के जंगल और पीछे खड़ा श्रीखंड महादेव का शिखर यह अहसास दिलाता है कि सचमुच यहाँ इंसान और ईश्वर आमने-सामने मिलते हैं।

चैहणी कोठी – आस्था और परंपरा की जीवित प्रहरीबंजार घाटी की हरी-भरी वादियों में खड़ी चैहणी कोठी सिर्फ़ एक किला नहीं, बल्कि...
30/08/2025

चैहणी कोठी – आस्था और परंपरा की जीवित प्रहरी
बंजार घाटी की हरी-भरी वादियों में खड़ी चैहणी कोठी सिर्फ़ एक किला नहीं, बल्कि सदियों पुरानी लोक आस्थाओं और देव परंपराओं की जीवित मिसाल है।
लगभग 1500 वर्ष पूर्व हिमालय के राजा राजा दढिया (Dadhiya) ने इस भव्य कोठी का निर्माण कराया था। माना जाता है कि यहाँ श्रृंग ऋषि का वास है और उनकी शक्ति ही इस कोठी को आज तक सुरक्षित रखे हुए है। गाँव के लोग मानते हैं कि यह कोठी पूरे क्षेत्र की रक्षा-कवच है—जब तक यह खड़ी है, घाटी सुरक्षित है।
हर उत्सव और अनुष्ठान पर देवता की पालकी यहाँ पहुँचती है, और पूरा गाँव भक्ति और उल्लास में डूब जाता है। देव संस्कृति, लोकगीत और नृत्य इस प्राचीन किले की दीवारों के बीच गूँजते हैं, मानो इतिहास आज भी जीवित हो।
चैहणी कोठी, जहाँ पत्थर और लकड़ी सिर्फ़ स्थापत्य नहीं, बल्कि श्रद्धा और विश्वास की नींव हैं।

बर्फीली धारों पर हर कदम साहस की परिभाषा है। पर्वत चढ़ना केवल ऊँचाई जीतना नहीं, बल्कि आत्मा की गहराइयों को छूना है।उच्च ह...
30/08/2025

बर्फीली धारों पर हर कदम साहस की परिभाषा है। पर्वत चढ़ना केवल ऊँचाई जीतना नहीं, बल्कि आत्मा की गहराइयों को छूना है।

उच्च हिमालयी शिखरों पर चढ़ाई केवल एक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मा की परीक्षा है। नीचे संसार बादलों में खो जाता है और आगे बस बर्फ की संकरी धार ही दिखाई देती है। हर सांस बोझिल हो जाती है, हर कदम अनिश्चित लगता है, फिर भी यह रस्सी विश्वास की डोर बनकर आगे बढ़ाती है। पर्वत आसानी से नहीं झुकते—वे धैर्य, साहस और आत्मबल की परख करते हैं। इन ऊँचाइयों पर चढ़ना केवल ऊँचाई जीतना नहीं, बल्कि अस्तित्व की सीमा को छू लेना है।

ID Request: Flowers From the Himalaya.
29/08/2025

ID Request: Flowers From the Himalaya.

Rockey K**b: पत्थर का वह भाला जो आकाश को भेदता है, चाँदी सी बर्फ से ढका हुआ। ऐसे शिखर पर चढ़ना सुंदरता और खतरे के बीच खड...
29/08/2025

Rockey K**b:
पत्थर का वह भाला जो आकाश को भेदता है, चाँदी सी बर्फ से ढका हुआ। ऐसे शिखर पर चढ़ना सुंदरता और खतरे के बीच खड़े होने जैसा है, जहाँ मौन प्रार्थना से भी गहरा है और हर क़दम शरीर जितना ही आत्मा की भी परीक्षा लेता है। यहाँ पर्वत केवल कौशल नहीं मांगता—वह समर्पण, सम्मान और अज्ञात को अपनाने का साहस भी चाहता है।

Takshak Nag – The Guardian of Chhika Valley:छिखा,  (मनाली) की इस घाटी में पत्थरों के बीच से बहती यह दरार केवल प्रकृति की...
28/08/2025

Takshak Nag – The Guardian of Chhika Valley:

छिखा, (मनाली) की इस घाटी में पत्थरों के बीच से बहती यह दरार केवल प्रकृति की देन नहीं मानी जाती। लोककथाओं के अनुसार, यहीं तक्षक नाग का वास है – वही तक्षक जो महाभारत काल से स्मरण किया जाता है l
स्थानीय मान्यता है कि यहाँ तक्षक नाग का वास है – वही तक्षक, जिनका उल्लेख महाभारत में मिलता है। कथा है कि राजा जनमेजय के यज्ञ में जब नाग वंश नाश की आहुति दी जा रही थी, तब तक्षक ही थे जिन्होंने अपने वंश को बचाने के लिए देवताओं से शरण माँगी थी।
आज भी उन्हें नागलोक का संरक्षक और धरती के जलस्रोतों का रक्षक माना जाता है।
कहा जाता है कि यह नाग देवता इस घाटी की रक्षा करते हैं, जलस्रोतों और धरती की उर्वरता को संजोए रखते हैं।
इन शिलाओं में उभरी हुई यह आकृति किसी साधारण चट्टान की नहीं, बल्कि नागलोक के प्रहरी की याद दिलाती है। जब हवा यहाँ बहती है, तो लगता है मानो अदृश्य आशीर्वाद पूरे परिदृश्य में फैल रहा हो।
यह स्थान न केवल आस्था का, बल्कि प्रकृति और पौराणिक विरासत का संगम है – एक मौन संरक्षक, जो आज भी इस घाटी को थामे खड़ा है।

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