07/10/2025
मास्टर को सस्पेंड करने वालों से एक सवाल!
ड्रॉइंग मास्टर का काम बच्चों से ड्रॉइंग करवाना है, इंग्लिश की स्पेलिंग टेस्ट लेना नहीं!
गलत स्पेलिंग अगर ब्लैकबोर्ड पर लिखी होती, तो बात समझ में आती — पर यह तो बैंक के चेक पर लिखी हुई है।
तो फिर यह सस्पेंशन किस कानून के तहत किया गया?
क्या ड्रॉइंग मास्टर की गलती यह है कि उसकी ड्रॉइंग कमजोर है, या उसके स्टूडेंट्स ड्रॉइंग नहीं बना पाते?
अगर कोई इंग्लिश टीचर फेसबुक पर “बढ़ेंगी बतख” लिख दे, तो क्या उसे भी सस्पेंड कर दोगे?
यह कैसी दोहरी नीति है?
कब तक हम अंग्रेज़ों की गुलामी करते रहेंगे?
क्या अब भी अंग्रेज़ी न बोल पाने या न लिख पाने पर नौकरी दांव पर लग जाएगी?
क्या यह “शिक्षा विभाग” है या “अंग्रेज़ी विभाग”?
एक आर्ट एंड क्राफ्ट टीचर, जो अपने विषय में निपुण है, मेहनती है, और बच्चों में कला जगाता है —
उसे केवल स्पेलिंग मिस्टेक के नाम पर सस्पेंड करना, एक बड़ी नाइंसाफी है।
अगर चेक पर गलत स्पेलिंग थी, तो प्रिंसिपल साहब ने आंखें बंद करके साइन क्यों किए?
क्या वे अंधे थे? जिम्मेदारी तो उनकी भी बनती है!
सच कहूँ तो यह सरकार और प्रशासन अब खुद ही अंधा हो गया है —
जहाँ शिक्षक का शोषण आम बात बन चुकी है,
और बाकी विभागों में बैठे नाकारा लोग चैन से मज़े ले रहे हैं!