21/07/2025
बिग ब्रेकिंग न्यूज़ः
हिमाचल में प्रलयंकारी मानसून: प्रकृति का रौद्र रूप, जनजीवन अस्त-व्यस्त!
आकाशीय विपदा का कहर: नवविवाहित जोड़े का त्रासदीपूर्ण अंत
मार्ग अवरुद्ध, जीवन बाधित, थम सी गई है पहाड़ी ज़िंदगी की रफ्तार,
सत्यदेव भारद्वाज, शिमला।
हिमालय की गोद में बसा हिमाचल प्रदेश, अपनी नैसर्गिक सुंदरता के लिए विश्व विख्यात है, मगर आज प्रकृति के रौद्र रूप का साक्षी बन रहा है। आसमान से बरसती अनवरत जलधारा ने धरा को विदीर्ण कर दिया है, और शांतिपूर्ण घाटियों में प्रलय का शोर गूंज रहा है। हर ओर भूस्खलन का तांडव है, नदियाँ और नाले विकराल रूप धारण कर चुके हैं, और जीवन की रफ्तार थम सी गई है। इस आकाशीय विपदा ने न केवल अनमोल जिंदगियों को लील लिया है, बल्कि सपनों और आश्रयों को भी मिट्टी में मिला दिया है। विशेष रूप से चंबा में एक नवविवाहित जोड़े का असमय अंत, इस त्रासदी की सबसे मार्मिक कथा कह रहा है। सड़कें बिखर गई हैं, बिजली के दीपक बुझ गए हैं, और जल के स्रोत सूखने लगे हैं, जबकि मौसम विभाग अभी भी और अधिक वर्षा का संकेत दे रहा है, मानो प्रकृति अपने चरम पर आ गई हो।
* चंबा का करुण क्रंदन: बादलों के फटने से चंबा की चड़ी पंचायत में एक मकान धराशायी, नवविवाहित जोड़े, पल्लवी और सन्नी, को प्रकृति के प्रकोप ने बेरहमी से लील लिया।
* सड़कों का सन्नाटा: हिमाचल प्रदेश में 470 सड़कें, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल हैं, अवरुद्ध हो गईं; मंडी जिले में सर्वाधिक 310 सड़कें बंद।
* अंधेरे में डूबे गांव: 1199 बिजली ट्रांसफार्मर ठप, जिससे अनगिनत घरों में बिजली गुल; 676 जल आपूर्ति योजनाएं भी प्रभावित।
* ज्ञान के द्वार बंद: चंबा के चुराह और मंडी के थुनाग सहित शिमला के कुमारसैन, रोहड़ू, जुब्बल, चौपाल, जलोग, सुन्नी और ठियोग में स्कूल बंद कर दिए गए, बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि।
* कुल्लू की चीख: सांगला घाटी में बाढ़ से चार नाले और एक खड्ड उफान पर, कई बीघा ज़मीन बही, सेब के बागान और नकदी फसलें तबाह।
* मॉनसून का तांडव: 27 जुलाई तक भारी बारिश का अनुमान, शिमला, सिरमौर, चंबा, कांगड़ा और मंडी के लिए 'रेड अलर्ट' जारी।
* राष्ट्रीय राजमार्गों की दुर्दशा: मंडी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग 10 घंटे से बंद, पहाड़ी से लगातार गिरते पत्थरों और मलबे ने आवाजाही को रोका।
* क्षति का भयावह लेखा-जोखा: 20 जून से 20 जुलाई तक 125 लोगों की जान गई, 215 घायल, 34 लापता; 1385 कच्चे-पक्के घर और 952 गोशालाएं क्षतिग्रस्त, ₹1,23,574.90 लाख का अनुमानित नुकसान।
* मुख्यमंत्री का आह्वान: सुखविंदर सिंह सुक्खू ने प्रशासन को सतर्क रहने और लोगों से नदियों-नालों से दूर रहने की अपील की।
* रेलवे पुल पर संकट: हिमाचल-पंजाब सीमा पर चक्की दरिया के उफान से रेलवे ब्रिज के नीचे की सड़क बही, जिससे हजारों लोगों का संपर्क कटा। प्रस्तुति एवं विशेष रिपोर्टः सत्यदेव भारद्वाज, सीनियर जर्नलिस्ट, शिमला।