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परगना पुंदर की सभी सड़के अवरुद्ध । मुख्य मार्ग मड़ावग माटल बम्टा रेवल पुल से मड़ावग और गांव की सभी लिंक सड़के अवरुद्ध है औ...
26/08/2025

परगना पुंदर की सभी सड़के अवरुद्ध ।
मुख्य मार्ग मड़ावग माटल बम्टा रेवल पुल से मड़ावग और गांव की सभी लिंक सड़के अवरुद्ध है और सेब सीजन जोरो से चला हुआ है और लोगों के सेब गांव में फंसे हुए है पुंदर वासियों का प्रशासन से निवेदन है कि सभी सड़कों को जल्दी से जल्दी खोले

17/08/2025

अमर नाथ राय पुत्र परस राम राय गांव भराड़ी तहसील घुमारवीं देहा चौपाल सड़क अलीधार के आसपास 13 अगस्त की रात को इनकी गाड़ी दुर्घटना ग्रस्थ हुई 17 अगस्त को इनकी गाड़ी और फोन मिल गया लेकिन खुद अभी तक नहीं मिले।

02/08/2025

एचपीएमसी कलेक्शन सेंटर सभी जगह खुल गए है मड़ावग़,मकड़ोग, माटल पंचायत में अभितक नहीं खुले l

02/08/2025
25/07/2025

शिमला KNH में महिला की डिलीवरी के बाद मौत से परिजनों का हंगामा।

भारतीय ग्रेप्पलिंग के जनक शिव कुमार पांचाल 21 जुलाई 1982 में जन्मे शिव कुमार पांचाल को आधुनिक ग्रेप्पलिंग के पितामह के र...
21/07/2025

भारतीय ग्रेप्पलिंग के जनक शिव कुमार पांचाल
21 जुलाई 1982 में जन्मे शिव कुमार पांचाल को आधुनिक ग्रेप्पलिंग के पितामह के रूप में भारत मे जाना जाता है बहुत छोटी से उम्र में इन्होंने भारतीय पारम्परिक खेल मलयुद्ध आधुनिक नाम ग्रेप्पलिंग को विकसित किया
Grappling( मलयुद्ध)
मलयुद्ध भारत की प्राचीन एवं पारम्परिक युद्ध कला है।इसका इतिहास लगभग 5000 वर्ष पुराना है।हिंदू धर्म के देवी देवताओं को ही मलयुद्ध का जनक माना जाता है।इसका सर्वप्रथम लिखित प्रमाण पवित्र रामायण में मिलता है जिसमें किषिकंधा कांड में वानर राज बालि और रावण के मलयुद्ध का प्रमाण मिलता है जिसमें बालि ने रावण को छः महीने तक अपनी बाजुओं में दबाकर रखा और बाद में हार मान लेने पर रावण को छोड़ दिया था।
मलयुद्ध की चार शैलियां प्रचलित थी
1 हनुमंती शैली- आज की कुश्ती( रेसलिंग) इसमें निर्णय तकनीकी श्रेष्ठता पर आधारित होता था।
2 जाम्बुवंती शैली- आज की ग्रेप्पलिंग जिसमें विरोधी को लॉक और चोक का प्रयोग करके आत्म समर्पण के लिए मजबूर किया जाता था।
3 भीमसेनी शैली-जो कि पूरी तरह ताकत पर केंद्रित होती थी वर्तमान की मिट्टी की कुश्ती इसी शैली का उदाहरण है।
4 जरासंधि शैली- ये विरोधी के अंगों और जोड़ो को तोड़ने पर आधारित थी।
मलयुद्ध के मुख्य योद्धा
भगवान श्री कृष्ण,
पांडव पुत्र भीम,
जरासंध, सिद्धार्थ गौतम,नरसिम्हा वर्मन,कृष्णदेव राय आदि बहुत से प्रसिद्ध योद्धा हुए।
मलयुद्ध 2 प्रकार से लड़ा जाता था
1 धरनिपट्ट - जिसमे हार जीत का फैसला पीठ के बल गिराकर किया जाता था। हनुमंती और
भीमसेनी इसी का उदाहरण है जो आधुनिक कुश्ती के रुप में विकसित हुई।
2 आसरा - जिसमें खुला युद्ध होता था विपक्षी को चोट भी पहुंचाई जा सकती थी या उसको लॉक चोक आदि तकनीकों का इस्तेमाल कर हार मान लेने के लिए विवश किया जाता था।
आधुनिक ग्रेप्पलिंग( मलयुद्ध) इसी कला पर आधारित है।
मलयुद्ध पर 12वीं और 13वीं शताब्दी में अनेक ग्रंथ भी लिखे गए है उनमें से प्रमुख ग्रन्थ है
1मानसोलासा और ज्येस्थिमल्ला ग्रंथ जिसको चालुक्य वंश के राजा सोमेश्वर तृतीय(1124-1138 ईसवी) के समय लिखा गया और मानसोलासा ग्रंथ चालुक्य वंश का शाही ग्रंथ माना गया है जिसमें मलयुद्ध आधुनिक ग्रेप्पलिंग का उल्लेख मिलता है।
2 मल्लपुराण- 13 वीं शताब्दी में गुजरात में मलयुद्ध पर आधारित ग्रन्थ ब्राह्मण जाति के व्यक्ति द्वारा लिखा गया है स्वयं भी ब्राह्मण जाति के लोग इस खेल में इतने निपुण थे कि उन्हें कोई हरा नहीं सकता था और राजा महाराजा की सेना में कार्य करते थे।
मुस्लिम आक्रांताओं के शासन के बाद धीरे धीरे यह कला विलुप्त होती गयी और एक समय ऐसा आया कि भारत से इसका नामों निशान मिट गया।
5000 वर्ष पुरानी भारत की इस पारंपरिक युद्ध कला जिसको आज के समय मे ग्रेप्पलिंग नाम से जाना जाता है।
भारत में इस प्राचीनतम युद्धकला को पुनर्जीवित करने का श्रेय शिव कुमार पांचाल को जाता है और उन्हें भारत मे आधुनिक ग्रेप्पलिंग खेल के पितामह के रूप में जाना जाता है। 2004 में ग्रेप्पलिंग खेल की शुरुवात शिवकुमार पांचाल द्वारा की गई धीरे धीरे इस खेल को पूरे भारत वर्ष में विकसित किया गया जिसमें दिन रात मेहनत करके धीरे धीरे अलग अलग राज्यों में विकसित किया गया ।
विश्व स्तर तक इस खेल को बढ़ाने के लिए इन्होंने अंतराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास किये और अंतराष्ट्रीय ग्रेप्पलिंग संघ के साथ भारत में नए नियमों के साथ इसको विकसित करने के प्रयास किये गए।
2007 में यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) द्वारा ग्रेप्पलिंग खेल को अपने संविधान में शामिल किया गया और बेहतर नियमों के साथ विश्व स्तर तक भारत के पारंपरिक खेल को पहुंचाने का बीड़ा उठाया।
2015 में भारतीय ग्रेप्पलिंग संघ Grappling Federation of India ने यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के साथ मिलकर भारत में इस खेल को विकसित करने के लिए कार्य किया। यह एक मात्र संस्था है जिसका प्रसार प्रचार व भारत मे ग्रेप्पलिंग खेल की देख रेख के लिए यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने अपनी सहमति प्रदान की है।
ग्रेप्पलिंग खेल 2004 से भारत मे खेला जा रहा है।
अंतराष्ट्रीय स्तर पर यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग द्वारा विश्व ग्रेप्पलिंग प्रतियोगिता
एशियन ग्रेप्पलिंग प्रतियोगिता
साउथ एशियन ग्रेप्पलिंग प्रतियोगिता
और 2023 में वर्ल्ड कॉम्बैट गेम्स में ग्रेप्पलिंग को शामिल किया गया है।
भारत मे अब तक 18 राष्ट्रीय ग्रेप्पलिंग प्रतियोगिताए सफलता पूर्वक सम्पन्न हो चुकी है।
4 इंडियन ओपन ग्रेप्पलिंग प्रतियोगिताये सफलता पूर्वक सम्पन्न हो चुकी है।
2017 में इस खेल को स्कूल गेम्स फेडरेशन आफ इंडिया द्वारा मान्यता प्रदान की गई
2018 में ही इस खेल को एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज द्वारा मान्यता प्रदान की गई
भारतीय ग्रेप्पलिंग संघ द्वारा अब तक ग्रेप्पलिंग खेल को लगभग 25 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में विकसित किया जा चुका है
हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में भी यह खेल तेजी से विकसित हो रहा है
हिमाचल प्रदेश एमेच्योर ग्रेप्पलिंग संघ दिन रात इस खेल को हिमाचल के कोने कोने तक पहुंचाने में अग्रसर है
हिमाचल प्रदेश एमेच्योर ग्रेप्पलिंग संघ का मुख्य कार्यालय गांव नौलखा तहसील सुंदर नगर जिला मंडी में स्थित है जिसके अध्यक्ष संजय कुमार है जो कि भारत सरकार के सर्वोच्च न्यायालय में स्टैंडिंग कौंसिल के सदस्य है और हाल ही में नाडा National Anti Doping Agency के लीगल कमेटी के चेयरमैन नियुक्त किये गए है
हिमाचल प्रदेश एमेच्योर ग्रेप्पलिंग संघ के महासचिव एशियाई पदक विजेता जितेंद्र सिंह चौहान व कोषाध्यक्ष हिमाचल केसरी पहलवान सुख देव सिंह जम्वाल है।
ग्रेप्पलिंग में हिमाचल प्रदेश के खिलाड़ियो का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर से लेकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रसंशनीय रहा है।
भारतीय ग्रेप्पलिंग संघ व विश्व कुश्ती संघ 2028 के ओलिंपिक में ग्रेप्पलिंग खेल को ओलिंपिक खेलों में शामिल करने के लिए कार्यरत है। आगामी भविष्य में यह खेल कुश्ती के साथ साथ ओलंपिक में नजर आएगा।
Uww Grappling H P Department of Sports and Youth Services, Government of Odisha Yadvinder Goma Himachal Dastak Grappling-मलयुद्ध United World Wrestling Vikramaditya Singh Jairam Thakur Mukesh Agnihotri Anirudh Singh Grappling Industries Information And Public Relations Department, Himachal Pradesh ADGPI - Indian Army SJVN Limited Youth Services & Sports J&K

18/07/2025

पुंदर क्षेत्र के ग्राम पंचायत मकड़ोग, गांव जुब्बड़ के प्रमोद चौहान (M.V.P ESTATE) सेब नेरीसीमो गाला, डार्कवॉर्न गाला की 195पेटी 4000और 4500 के हिसाब से पराला मंडी सैंज में बिका।

चौपाल में लोक निर्माण विभाग के 'सुस्त रवैए' से बिगड़ी सड़कों की हालत, विधायक वर्मा ने किया औचक निरीक्षण; जनता को मिली रा...
22/06/2025

चौपाल में लोक निर्माण विभाग के 'सुस्त रवैए' से बिगड़ी सड़कों की हालत, विधायक वर्मा ने किया औचक निरीक्षण; जनता को मिली राहत

चौपाल,

चौपाल के लोकप्रिय विधायक बलवीर सिंह वर्मा का पहले से प्रस्तावित चौपाल दौरा, जिसे जनता के लिए काफी सुखद साबित हो रहा है, आज लोक निर्माण विभाग (PWD) के कथित "सुस्त रवैए" पर सवाल उठाते हुए सुर्खियों में रहा। विधायक वर्मा ने आज मड़ावग-जुब्बड-गिछना सड़क पर चल रहे टायरिंग और मेटलिंग के कार्यों का औचक निरीक्षण किया, और इस दौरान उन्होंने कार्य की गुणवत्ता को लेकर सख्त निर्देश दिए।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग की ढीली कार्यप्रणाली के चलते चौपाल क्षेत्र में सड़कों की स्थिति दयनीय बनी हुई है। बारिश का मौसम नजदीक आने के साथ ही यह चिंता और बढ़ जाती है, क्योंकि खराब सड़कें आवागमन और कृषि उत्पादों, विशेषकर सेब की ढुलाई में बड़ी बाधा बन जाती हैं। ऐसे में विधायक का यह दौरा और उनका सड़कों के प्रति सक्रिय रुख जनता के लिए राहत भरा रहा है।
विधायक वर्मा ने मौके पर ही संबंधित विभाग और ठेकेदार को स्पष्ट निर्देश दिए कि कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने सामग्री की गुणवत्ता और निर्माण प्रक्रिया के मानकों का कड़ाई से पालन करने पर जोर दिया, ताकि सड़क की मजबूती और टिकाऊपन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कार्य में किसी भी प्रकार की कमी पाई जाती है तो संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अपने "जनता के कार्य, जनता के लिए" के दृष्टिकोण को दोहराते हुए, विधायक वर्मा ने स्थानीय लोगों से भी अपील की कि वे अपने क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों पर पैनी नजर रखें। उन्होंने कहा, "यह सड़क आपके लिए बन रही है, इसलिए आप सभी का यह दायित्व है कि आप भी कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान दें। अगर कहीं भी आपको लगता है कि काम सही नहीं हो रहा है, तो तुरंत मेरे संज्ञान में लाएं।"
मड़ावग-जुब्बड-गिछना रोड क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करती है। इसके सुचारू निर्माण से स्थानीय लोगों, विशेषकर बागवानों और किसानों को काफी लाभ होगा। विधायक का यह कदम दर्शाता है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों की प्रगति और गुणवत्ता को लेकर गंभीर हैं। उनके इस निरीक्षण से निश्चित रूप से कार्य की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद है और विभाग तथा ठेकेदार पर बेहतर प्रदर्शन का दबाव भी बढ़ेगा, साथ ही लोक निर्माण विभाग पर भी अपनी कार्यप्रणाली सुधारने का दबाव बनेगा।
गोगटा बालम गोगटा

15/06/2025

ये हाल है लक्कड़ बाजार का
कोई रूल नहीं
Shimla Police Vikramaditya Singh @

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Shimla

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