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हिमाचल प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी कानूनी जीत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने कड़छम- वांगतू जलविद्युत परियोजना स...
17/07/2025

हिमाचल प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट में बड़ी कानूनी जीत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने कड़छम- वांगतू जलविद्युत परियोजना से रॉयल्टी को लेकर राज्य सरकार के पक्ष में ऐतिहासिक निर्णय सुनाया है। इस फैसले के तहत अब जेएसडब्ल्यू एनर्जी कंपनी को 1045 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना से राज्य को 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत रॉयल्टी देनी होगी। इस फैसले से प्रदेश सरकार को हर साल लगभग 150 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होगी, और 12 वर्ष पूर्ण कर चुकी अन्य परियोजनाओं से भी कुल मिलाकर 250 करोड़ रुपये तक की सालाना आय बढ़ने का अनुमान है।

यह फैसला मई 2024 में हिमाचल हाईकोर्ट द्वारा कंपनी के पक्ष में दिए आदेश को सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त करने के बाद आया। उल्लेखनीय है कि 1999 के समझौते के तहत पहले 12 वर्षों के लिए 12% और उसके बाद 28 वर्षों तक 18% रॉयल्टी निर्धारित थी, लेकिन कंपनी ने सितंबर 2023 से वृद्धि मानने से इनकार कर दिया था।

मुख्यमंत्री सुक्खू के निर्देश पर सरकार ने देश के अग्रणी विधि विशेषज्ञों की मदद से यह मामला सशक्त रूप से रखा और अंततः न्यायालय ने राज्य सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया। इस मामले में राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, प्राग त्रिपाठी, महाधिवक्ताा अनूप कुमार रतन तथा अतिरिक्त महाधिवक्ता बैभव श्रीवास्तव सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। मुख्यमंत्री सुक्खू ने इसे प्रदेश के प्राकृतिक संसाधनों पर राज्य के अधिकार सुनिश्चित करने और जनता को प्रत्यक्ष लाभ दिलाने का बेहद अहम कदम बताया है।

📸: Representative Purpose / File

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की चेवड़ी पंचायत के खेरा गांव में शराब ठेका खोलने के विरोध में एक अभूतपूर्व कदम उठाया गया। प...
16/07/2025

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की चेवड़ी पंचायत के खेरा गांव में शराब ठेका खोलने के विरोध में एक अभूतपूर्व कदम उठाया गया। पंचायत प्रधान छविंद्र सिंह पाल, उप प्रधान देसराज, वार्ड मेंबर नरेश शर्मा, ओम प्रकाश, ज्योतिका, अचला वर्मा और कविता शर्मा ने सोमवार यानी 14 जुलाई को जिला पंचायत अधिकारी को अपना इस्तीफा सौंपा। महिला मंडल की सदस्यों ने अपने इस्तीफे एसडीएम को सौंपे। चेवड़ी के खेरा गांव में 23 मई को शराब का ठेका खोला गया था, जिसका स्थानीय लोगों सहित महिला मंडलों ने विरोध किया और ठेके को बंद करने की मांग की। पंचायत और ग्रामीण महिलाएं ठेके के खिलाफ 12 दिन से लगातार आंदोलन कर रही थीं, लेकिन प्रशासन और सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया। उल्टे, विरोध कर रही महिलाओं पर एफआईआर दर्ज कर दी गई, जिससे ग्रामीणों में रोष और बढ़ गया। इसके बाद ग्राम सभा का आयोजन किया गया जिसमें चर्चा के बाद सभी प्रतिनिधियों ने अपने पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया।

पुर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने मंगलवार यानी 15 जुलाई को एक बयान में कहा कि राहत के साथ-साथ अब इस त्र...
16/07/2025

पुर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने मंगलवार यानी 15 जुलाई को एक बयान में कहा कि राहत के साथ-साथ अब इस त्रासदी से प्रभावित लोगों के पुनर्वास की दिशा में साथ-साथ काम करना पड़ेगा। हम हिमाचल के हर आपदा प्रभावित के पुनर्वासन के लिए जी जान से जुटे हैं।
इसके अलावा जयराम ठाकुर ने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों को समय से सरकार की पुनर्वासन योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। क्योंकि अभी बारिश की शुरुआत है आगे भी भारी बरसात की संभावना मौसम विभाग द्वारा जताई गई है। ऐसे में लोगों को सुरक्षित अस्थाई शरण और सुरक्षित ठिकाना उपलब्ध करवाने में सरकार को तेजी लानी पड़ेगी। पारदर्शिता के साथ प्रभावितों को लाभ पहुंचाने की योजना क्रियान्वित करनी होगी। उन्होंने आपदा प्रभावितों के हक की आवाज को हर मंच पर प्रमुखता से उठाने का भरोसा भी दिलाया। इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावितों के राहत कार्य और राहत सामग्री वितरण समेत अन्य कार्यों की समीक्षा की और संबंधित लोगों को उचित निर्देश दिए।

सोमवार, 14 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सी...
14/07/2025

सोमवार, 14 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदा से हुए भारी नुकसान की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने राहत एवं पुनर्वास कार्यों के लिए केंद्र सरकार से सहयोग का अनुरोध किया।

बैठक में हिमाचल प्रदेश के समग्र विकास, वित्तीय मामलों और राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक केंद्रीय सहायता पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लिए विशेष राहत पैकेज और दीर्घकालिक पुनर्वास योजनाओं की जरूरत को रेखांकित किया। केंद्रीय वित्त मंत्री ने हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया। यह मुलाकात प्रदेश के हित में अहम मानी जा रही है, जिससे आपदा प्रभावित लोगों को शीघ्र राहत मिलने की उम्मीद है।

शनिवार, 12 जुलाई को शिमला जिले के कोटखाई और कुमारसैन क्षेत्रों में अवैध कब्जे हटाने की बड़ी मुहिम शुरू हुई। यह कार्रवाई ...
13/07/2025

शनिवार, 12 जुलाई को शिमला जिले के कोटखाई और कुमारसैन क्षेत्रों में अवैध कब्जे हटाने की बड़ी मुहिम शुरू हुई। यह कार्रवाई हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर की जा रही है, जिसमें पांच बीघा या उससे अधिक सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों को 15 जुलाई तक बेदखल करने के निर्देश दिए गए हैं। कोटखाई के चैथला गांव में वन विभाग ने पुलिस सुरक्षा के बीच अब तक 100 सेब के पेड़ काटे और लगभग 3800 पौधों को हटाने की प्रक्रिया जारी है। यह अभियान करीब पौने तीन सौ बीघा भूमि पर चल रहा है। प्रशासन ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हथियारों पर अस्थायी प्रतिबंध भी लगाया है। ग्रामवासियों ने शांतिपूर्वक सहयोग किया, हालांकि किसान संगठनों ने वन अधिकार कानून 2006 के तहत पारंपरिक किसानों के अधिकारों की अनदेखी का आरोप लगाया है। उधर, कुमारसैन तहसील की बड़ागांव पंचायत के सराहन गांव में भी हाईकोर्ट के आदेश के बाद वन भूमि पर सेब के बगीचों पर कार्रवाई की गई। यहां सेब के अलावा नाशपाती और चेरी के करीब 320 पेड़ काटे गए। सराहन के चार लोगों के सेब के बगीचों में पौधे काटे गए। बचे हुए लोगों पर 14 जुलाई को कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा यहां एक मकान को भी कब्जे में लिया गया है, जिसमें तालाबंदी की गई है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को नियमित करने की कोई नीति नहीं है और सभी अवैध कब्जे हटाए जाएंगे

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार यानी 9 जुलाई को मण्डी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र में आपदा से सबसे अधिक प्र...
10/07/2025

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार यानी 9 जुलाई को मण्डी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र में आपदा से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों के लोगों से भेंट कर राज्य सरकार की ओर से हर सम्भव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने बगस्याड़ में आपदा पीड़ितों के लिए बनाए गए राहत शिविरों का भी निरीक्षण किया और वहां उपलब्ध करवाई गई सुविधाओं की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि इस कठिन घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है और उनके पुनर्वास के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश के सभी भाजपा सांसदों से वन भूमि पर आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार से अनुमति दिलवाने में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कहा कि हिमाचल प्रदेश का 68 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र है और आपदा में जिन लोगों ने अपनी भूमि गंवाई है, उन्हें विशेष अनुमति के माध्यम से वन भूमि पर पुनर्वासित किया जा सकता है। भाजपा सांसदों को इस विषय में अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर पीड़ित परिवरों से मिलने पहुंचे हैं और रात को उनके बीच ही रुकेंगे। जान की क्षति की भरपाई किसी मुआवजे से नहीं हो सकती, लेकिन प्रभावितों के घरों, दुकानों, गोशालाओं और मवेशियों को पहंुचे नुकसान के एवज में सरकार हर संभव राहत प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि वह भली-भांति परिचित हैं कि हिमाचल में घर बनाना कितना कठिन होता है, इसलिए राज्य सरकार घरों के पुनर्निर्माण के लिए 7 लाख रुपये की सहायता प्रदान करेगी।

29 जून 2025, रविवार की रात हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सियाथी गांव में एक अनोखी घटना घटी। रात करीब 12:30 से 1:00 बजे ज...
10/07/2025

29 जून 2025, रविवार की रात हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सियाथी गांव में एक अनोखी घटना घटी। रात करीब 12:30 से 1:00 बजे जब पूरा गांव गहरी नींद में था, तभी लालित कुमार के पालतू कुत्ते ‘रॉकी’ ने अचानक असामान्य रूप से जोर-जोर से भौंकना और रोना शुरू कर दिया। रॉकी की आवाज पहले से कहीं ज्यादा तेज और बेचैन थी, जिससे लालित कुमार को कुछ अनहोनी का आभास हुआ। जब ललित दूसरी मंजिल पर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि दीवार में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी थीं और पानी घर में घुस रहा था। इसके बाद ललित ने बिना वक्त गंवाए रॉकी को साथ लिया और अपने परिवार को जगाया। इसके बाद वे पड़ोसियों के घरों की ओर दौड़े, चिल्लाकर सबको खतरे की सूचना दी। उन्होंने बताया कि मैंने देखा कि पहाड़ी से मलबा और पानी तेजी से नीचे आ रहा था।

ललित और गांववालों के सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के कुछ ही मिनटों बाद, भूस्खलन ने सियाथी गांव को अपनी चपेट में ले लिया। करीब एक दर्जन घर मलबे में दब गए, लेकिन रॉकी की सतर्कता की वजह से एक भी जान नहीं गई। फिलहाल गांव वाले एक कैंप में रह रहे हैं।

09/07/2025

जिला मंडी के कई क्षेत्रों में 30 जून को बादल फटने व बाढ़ आने से भारी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार यानी 9 जुलाई को प्रभावित सराज विधानसभा क्षेत्र के बगस्याड में मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया और आपदा प्रभावितों से मुलाकात की।उन्होंने कहा कि सरकार हर प्रभावित को नया मकान बनाकर देगी, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती जमीन की है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया, “राज्य सरकार के पास खुद की जमीन नहीं है, अधिकतर इलाका वन भूमि में आता है। ऐसे में दिल्ली से अनुमति लेना जरूरी है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि प्रभावित परिवारों को छत देने में कोई देरी नहीं होने दी जाएगी। इसके अलावा CM सुक्खू ने कहा कि जिनके मवेशी इस आपदा में मरे हैं, उन्हें सरकार उचित मुआवजा देगी।

रविवार यानी 6 जुलाई को सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद मंडी लोकसभा क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश के मंडी...
06/07/2025

रविवार यानी 6 जुलाई को सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद मंडी लोकसभा क्षेत्र की सांसद कंगना रनौत ने हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान वे थुनाग, सराज, करसोग और आसपास के इलाकों में बाढ़ और बादल फटने से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचीं। उनके साथ पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। आपदा प्रभावित क्षेत्रों के दौरे के दौरान ANI से बातचीत में कंगना रनौत ने कहा कि, "न मेरे पास खुद अपने फंड्स हैं डिजास्टर रिलीफ को लेकर, न मेरे पास कैबिनेट है, न मेरे पास अधिकारी हैं...MP की एक लिमिटेड वर्क होती है, जो कि सिर्फ पार्लियामेंट तक होती है."

1 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में भीषण बारिश और बादल फटने से भारी तबाही मची। बग्सयाड़, ...
06/07/2025

1 जुलाई को हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के सराज विधानसभा क्षेत्र में भीषण बारिश और बादल फटने से भारी तबाही मची। बग्सयाड़, थुनाग, जरोल, जंजैहली सहित कई गांवों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण कई लोगों की मौत हो गई और कई लोग लापता हैं। लगभग 400 से ज्यादा घर और दुकानें पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं, जबकि 250 से अधिक सड़कें और 20 से ज्यादा पुल बह गए। राहत शिविरों में सैकड़ों लोग शरण लिए हुए हैं। इसी बीच, 5 जुलाई को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर के विधानसभा क्षेत्र सराज में लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह पहुंचे। दोनों नेताओं ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों का संयुक्त दौरा किया, राहत कार्यों का जायजा लिया और पीड़ितों से मुलाकात की। इस मुश्किल घड़ी में राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर दोनों नेता एक साथ जनता के बीच पहुंचे और राजनीति से ऊपर उठकर एक मिसाल पेश की।

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 1 जुलाई को बादल फटने और लगातार भारी बारिश के चलते आई विनाशकारी आपदा में अब तक कई लोगों की...
04/07/2025

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में 1 जुलाई को बादल फटने और लगातार भारी बारिश के चलते आई विनाशकारी आपदा में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। इस आपदा से सैकड़ों घर, पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है।

इस त्रासदी के बाद मंडी से सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की चुप्पी और क्षेत्र में उनकी गैरमौजूदगी को लेकर सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तीखी आलोचना हो रही थी। कांग्रेस सहित कई लोगों ने सवाल उठाए कि जब मंडी संकट में है, तब सांसद ने संवेदना या कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी।

इन्हीं आलोचनाओं के बीच कंगना रनौत ने 4 जुलाई को X (पूर्व ट्विटर) पर अपनी प्रतिक्रिया साझा की। उन्होंने लिखा कि, "हिमाचल प्रदेश में लगभग हर साल बाढ़ से होने वाली तबाही को देखना दिल दहला देने वाला है। मैंने सेराज और मंडी के अन्य इलाकों में बाढ़ प्रभावित इलाकों में पहुंचने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष के सम्मानित नेता श्री जयराम ठाकुर जी ने सलाह दी कि जब तक संपर्क और प्रभावित इलाकों तक पहुंच बहाल नहीं हो जाती, तब तक इंतजार करें।
मंडी के डीसी द्वारा आज फिर रेड अलर्ट जारी किया गया है।
प्रशासन की अनुमति की प्रतीक्षा है, जैसे ही अनुमति मिलेगी, मैं जल्द से जल्द वहां पहुंचूंगी।
धन्यवाद।"

जिला कांगड़ा में भारी बारिश और उससे उत्पन्न होने वाले भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, पेड़ों के गिरने और सड़कों के अवरुद्ध होने की ...
01/07/2025

जिला कांगड़ा में भारी बारिश और उससे उत्पन्न होने वाले भूस्खलन, फ्लैश फ्लड, पेड़ों के गिरने और सड़कों के अवरुद्ध होने की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। जिला मजिस्ट्रेट धर्मशाला द्वारा जारी आदेश के अनुसार, आज यानी 1 जुलाई को कांगड़ा जिले के सभी सरकारी, निजी, तकनीकी, शैक्षणिक संस्थान, कॉलेज, विश्वविद्यालय और आंगनवाड़ी केंद्र (आवासीय संस्थानों को छोड़कर) एहतियातन बंद रहेंगे।

हालांकि, इन संस्थानों के शिक्षण और प्रशासनिक स्टाफ को अपने-अपने संस्थानों में उपस्थित रहना अनिवार्य रहेगा और वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। आदेश का उल्लंघन करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने यह कदम स्कूली बच्चों और आम नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया है।

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