25/08/2023
आज करें इन विष्णु मंत्रों का जाप, पूरी होंगी मनोकामनाएं...
सृष्टि के जो पालनकर्ता हैं, दुखों के वो संकट हर्ता हैं। त्रिदेवों में सम्मिलित हैं वो, अनेक अवतारों में प्रचलित हैं वो। गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु ‘बृहस्पति’ का दिन माना जाता है। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इस दन सच्चे दिल से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से भक्तों के सभी कष्ट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण होती हैं। मान्यता है कि जो कोई भी भगवान विष्णु की पूजा और व्रत, विधि-विधान से करता है, उससे मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं और उसे धन-धान्य से परिपूर्ण कर देती हैं। भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करके मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं। आइए जानते हैं विष्णु मंत्रों के बारे में...
भगवान विष्णु के प्रभावशाली मंत्र
“ओम नमो भगवते वासुदेवाय”
मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। यह मंत्र भगवान विष्णु और उनके अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। विष्णु मंत्रों में इसे सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। कहते हैं कि इस मंत्र के जाप से मोक्ष की प्राप्ति भी हो सकती है।
“ऊं नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात”
यह भगवान विष्णु का गायत्री मंत्र है। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से तनाव दूर होता है और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
“हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे,
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||”
यह मंत्र भगवान विष्णु के रामावतार और श्रीकृष्णावतार से जुड़ा है। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से मोक्ष प्राप्त होता है। व्यक्ति सांसारिक वस्तुओं, मोह और माया के भंवर से मुक्त हो जाता है।
“ओम नमो नारायण | श्री मन नारायण नारायण हरि हरि”
यह भगवान विष्णु का सरल मंत्र है। मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और श्री हरि की कृपा से उनकी भक्ति प्राप्त होती है।
“ओम भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ओम भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।”
मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने जीवन में धन, संपत्ति, वैभव आदि की लालसा रखता है, उसे इस विष्णु मंत्र का जाप करना चाहिए। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से उसे धन-दौलत आदि की प्राप्ति होती है।
“शांताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं, विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्ण शुभाङ्गम्।
लक्ष्मीकांतं कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यम्, वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥”
यह मंत्र भी काफी लोकप्रिय मंत्रों में से एक है। भगवान विष्णु की पूजा के लिए इस मंत्र का उपयोग किया जाता है। मान्यता है कि इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और भक्तों को अपनी कृपा प्रदान करते हैं।