RKG STORY TIME

RKG STORY TIME आपको लोककथाओं से लेकर आधुनिक कथाओं तक, विविध सांस्कृतिक और पारंपरिक अनुभवों से भरी कहानियाँ मिलेंगी। कहानी के साथ जुड़ें और प्रेरित हों।

रितिका तिर्की एक ट्रेन ड्राइवर हैं और वह भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं। उन्होंने एक ट्रेन ड्राइवर के रूप में कार्य करके क...
17/09/2024

रितिका तिर्की एक ट्रेन ड्राइवर हैं और वह भारतीय रेलवे में कार्यरत हैं। उन्होंने एक ट्रेन ड्राइवर के रूप में कार्य करके कई लोगों के लिए प्रेरणा का काम किया है, खासकर महिलाओं के लिए, जो परंपरागत रूप से पुरुष-प्रधान क्षेत्रों में अपना करियर बनाने की चाह रखती हैं।

भारतीय रेलवे में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के प्रयासों के तहत रितिका तिर्की जैसी महिलाएं उदाहरण बनी हैं कि कैसे महिलाएं भी तकनीकी और चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं में सफलता प्राप्त कर सकती हैं।
रितिका तिर्की झारखंड की रहने वाली हैं और भारतीय रेलवे में ट्रेन ड्राइवर के रूप में अपनी सेवाएं दे रही हैं। वह झारखंड से ताल्लुक रखने वाली उन चुनिंदा महिलाओं में से एक हैं, जिन्होंने इस क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उनके इस कार्य ने न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश में महिलाओं को प्रेरित किया है कि वे भी ऐसे क्षेत्रों में अपना करियर बना सकती हैं, जिन्हें आमतौर पर पुरुषों के लिए माना जाता है।

झारखंड, जो आदिवासी संस्कृति और प्राकृतिक संसाधनों के लिए प्रसिद्ध है, वहां की महिलाओं द्वारा इस तरह के कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में सफलता पाना, राज्य और समुदाय के लिए गर्व की बात है।

03/07/2024

थोड़ा धैर्य रख सुनो कहानी
बदलते समाज का आईना
सच्ची कहानी 🙏

19/06/2024

पूरा देख जाओ ज़िन्दगी बदल जाएगी। Best motivational clips Motivation in HINDI Success Life Success Gyan
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गरीब लड़की उम्र 9 वर्ष ईंटखोला में काम करती है। क्या यह सही है?नौ साल की लड़की का ईंटखोला (ईंट भट्ठे) में काम करना सही न...
08/06/2024

गरीब लड़की उम्र 9 वर्ष ईंटखोला में काम करती है। क्या यह सही है?
नौ साल की लड़की का ईंटखोला (ईंट भट्ठे) में काम करना सही नहीं है। बाल मजदूरी भारत में एक गंभीर समस्या है और इसे कानूनन प्रतिबंधित किया गया है। बाल मजदूरी न केवल बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि उनके शिक्षा और विकास के अवसरों को भी छीन लेती है।

# # # कानूनी परिप्रेक्ष्य

1. **बाल श्रम (प्रतिबंध और विनियमन) अधिनियम, 1986**: यह अधिनियम 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खतरनाक कार्यों में नियोजित करने पर रोक लगाता है, जिसमें ईंट भट्ठे भी शामिल हैं।

2. **संशोधित बाल श्रम (प्रतिबंध और विनियमन) अधिनियम, 2016**: इसमें 14-18 वर्ष की आयु के किशोरों के खतरनाक कार्यों में नियोजन पर प्रतिबंध लगाया गया है और 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के सभी प्रकार के श्रम पर रोक लगाई गई है।

3. **अनुच्छेद 24**: भारतीय संविधान का अनुच्छेद 24 भी 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के खतरनाक कार्यों में नियोजन पर प्रतिबंध लगाता है।

# # # नैतिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य

1. **शिक्षा का अधिकार**: बच्चों का अधिकार है कि वे शिक्षा प्राप्त करें और एक सुरक्षित और स्वस्थ बचपन का आनंद लें। बाल मजदूरी उनके इस अधिकार का हनन करती है।

2. **स्वास्थ्य और सुरक्षा**: ईंट भट्ठों में काम करना शारीरिक रूप से अत्यंत कठोर होता है और बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इसमें धूल, गर्मी और भारी वजन उठाने के कारण शारीरिक चोटों का खतरा होता है।

3. **मानसिक विकास**: इस प्रकार का काम बच्चों के मानसिक और सामाजिक विकास को बाधित करता है। उन्हें शिक्षा और खेलने-कूदने के अवसरों से वंचित किया जाता है।

# # # समाधान

1. **सरकारी नीतियाँ और योजनाएँ**: सरकार को बाल मजदूरी को रोकने के लिए कठोर कानूनों का पालन करना चाहिए और बाल श्रमिकों के पुनर्वास और शिक्षा के लिए योजनाएँ बनानी चाहिए।

2. **सामाजिक जागरूकता**: समाज में बाल मजदूरी के खिलाफ जागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि लोग समझें कि बच्चों को शिक्षा और खेल-कूद के अवसरों से वंचित करना उनके भविष्य के लिए हानिकारक है।
3. **गैर-सरकारी संगठन (NGOs)**: कई NGOs बाल मजदूरी को समाप्त करने के लिए काम कर रहे हैं। इन्हें अधिक समर्थन और सहयोग की आवश्यकता है ताकि वे बच्चों को शिक्षा और पुनर्वास के अवसर प्रदान कर सकें।

बाल मजदूरी एक गंभीर समस्या है जिसका समाधान आवश्यक है ताकि हर बच्चे को स्वस्थ और सुरक्षित बचपन मिल सके।
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भारत में वट सावित्री पूजा का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। यह पर्व मुख्यतः हिन्दू महिलाएँ अपने पति की लंबी ...
05/06/2024

भारत में वट सावित्री पूजा का महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। यह पर्व मुख्यतः हिन्दू महिलाएँ अपने पति की लंबी आयु, सुख और समृद्धि की कामना के लिए मनाती हैं। वट सावित्री पूजा ज्येष्ठ मास की अमावस्या (नए चाँद की रात) को मनाई जाती है।

**वट सावित्री पूजा का महत्व:**

1. **धार्मिक कथा**: इस पूजा का संबंध सावित्री और सत्यवान की पौराणिक कथा से है। सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण यमराज से वापस लाने के लिए कठोर तपस्या की थी। उसकी भक्ति और समर्पण से प्रसन्न होकर यमराज ने सत्यवान को पुनर्जीवित कर दिया। यह कथा पतिव्रता धर्म और स्त्री शक्ति का प्रतीक मानी जाती है।

2. **वट वृक्ष का महत्व**: वट वृक्ष (बरगद का पेड़) को अमरता और दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है। महिलाएँ इस वृक्ष की पूजा करती हैं, इसके चारों ओर धागा बांधती हैं और उसकी परिक्रमा करती हैं। वट वृक्ष की पूजा करने से परिवार की खुशहाली और समृद्धि बनी रहती है, ऐसा माना जाता है।

3. **व्रत और पूजा विधि**: महिलाएँ इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं और वट वृक्ष के नीचे सावित्री और सत्यवान की मूर्ति स्थापित कर पूजा करती हैं। वे वट वृक्ष को जल अर्पित करती हैं, फल-फूल, धूप-दीप आदि चढ़ाती हैं और पवित्र धागा (कच्चा धागा) वृक्ष के चारों ओर बांधती हैं।

4. **सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व**: इस पर्व का एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहलू भी है, जिसमें महिलाएँ समूह में एकत्रित होकर पूजा करती हैं और भक्ति व्रत कथाएँ सुनती हैं। यह पर्व महिलाओं के बीच एकता और आपसी सहयोग की भावना को बढ़ावा देता है।

वट सावित्री पूजा भारतीय समाज में पारंपरिक मूल्यों, परिवार की एकता और स्त्री की शक्ति को सम्मान देने का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।💥🚩🙏 लाइक शेयर और फालो कीजिए 🙏
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अंदाज यही है मेरा पर समय ही कम है 🙏🔥        Photo Gallery Success Pictures
05/06/2024

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चने की दाल, जिसे अंग्रेजी में "बंगाल ग्राम" या "चिकपी स्प्लिट" कहा जाता है, भारतीय रसोई में प्रमुखता से उपयोग की जाने वा...
05/06/2024

चने की दाल, जिसे अंग्रेजी में "बंगाल ग्राम" या "चिकपी स्प्लिट" कहा जाता है, भारतीय रसोई में प्रमुखता से उपयोग की जाने वाली एक लोकप्रिय दाल है। यह प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स का एक समृद्ध स्रोत है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार के लाभ प्रदान करता है। आइए विस्तार से जानते हैं कि चने की दाल खाने के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं:

# # # 1. प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत
चने की दाल में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन होता है, जो शाकाहारी लोगों के लिए मांसाहार का एक बेहतरीन विकल्प है। प्रोटीन शरीर की मांसपेशियों की मरम्मत और निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिससे शरीर की ऊर्जा और शक्ति बनी रहती है।

# # # 2. फाइबर से भरपूर
चने की दाल में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर होते हैं। यह पाचन को सुधारने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है। इसके अलावा, फाइबर के सेवन से ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है और कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है।

# # # 3. वजन घटाने में मददगार
चने की दाल का सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और वजन नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, जिससे यह वजन घटाने के लिए आदर्श आहार है।

# # # 4. ब्लड शुगर नियंत्रण में सहायक
चने की दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिसका मतलब है कि यह ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ने देती। यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद होती है, क्योंकि यह शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती है।

# # # 5. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
चने की दाल में एंटीऑक्सीडेंट्स, फोलेट और मैग्नीशियम होते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है और रक्तचाप को नियंत्रित करता है, जिससे हृदय संबंधी रोगों का खतरा कम होता है।

# # # 6. एनर्जी बूस्टर
चने की दाल में आयरन की प्रचुर मात्रा होती है, जो शरीर में हीमोग्लोबिन के निर्माण में सहायक होती है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करती है और थकान को दूर करती है। यह विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

# # # 7. हड्डियों को मजबूत बनाता है
चने की दाल में कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारियों से बचाव करते हैं।

# # # 8. इम्यून सिस्टम को बूस्ट करता है
चने की दाल में मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स, जैसे कि विटामिन सी, विटामिन बी6 और जिंक, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं, जिससे शरीर विभिन्न बीमारियों से लड़ने में सक्षम होता है।

# # # 9. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद
चने की दाल में प्रोटीन, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो त्वचा और बालों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। यह त्वचा को नमी प्रदान करता है और बालों को मजबूती और चमक देता है।

# # # 10. एंटीऑक्सीडेंट गुण
चने की दाल में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव में सहायक होता है।

# # # निष्कर्ष
चने की दाल स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी है और इसे अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए। यह न केवल पोषण से भरपूर है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में भी सहायक है। नियमित रूप से चने की दाल का सेवन करने से आप स्वस्थ और तंदरुस्त रह सकते हैं।
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Healthy Indian Kitchen@ealthy

🥺अगर आप जिंदगी में ये सात गलतियां 🤔कर रहे हो तो आज से ही छोड़ दीजिए क्या आप जानना चाहते हैं ? 1 मिनट का समय🕛 निकालकर जरू...
02/06/2024

🥺अगर आप जिंदगी में ये सात गलतियां 🤔कर रहे हो तो आज से ही छोड़ दीजिए क्या आप जानना चाहते हैं ? 1 मिनट का समय🕛 निकालकर जरूर पढ़ें ➡️👇👇
1.एक दो बार समझाने से अगर कोई नहीं समझ रहा है तो सामने वाले को समझाना.... छोड़ दीजिए।🙏

2. बच्चे बड़े होने पर खुद निर्णय लेने लगे तो समझाना.... छोड़ दीजिए।🙏

3. अपने हाथ में कुछ नहीं, जब यह अनुभव होने लगे तो भविष्य की चिंता.... छोड़ दीजिए।🙏

4. गिने-चुने लोगों से विचार मिलते हैं, जब एक दो लोगों से नहीं मिले तो आप उन्हें भी छोड़ दीजिए।🙏

5. एक उम्र के बाद अगर आपको कोई ना पूछे या आपके बारे में पीठ पीछे कोई गलत कह रहा है तो दिल पर लेना....छोड़ दीजिए।🙏

6. हर किसी का जीवन अलग कद, रंग, सब अलग है इसलिए तुलना... करना छोड़ दीजिए।🙏

7. बढ़ती उम्र में जीवन का आनंद लीजिए, रोज जमा खर्च की चिंता करना... छोड़ दीजिए।🙏

🙏आपको पोस्ट पसंद आई हो तो like जरूर कर दीजिए नहीं तो हल्के में ले कर... छोड़ दीजिए।🙏

👉मैं आशा करता हूं कि आपको यह मेरी पोस्ट पसंद आई होगी।😇❤️

💥अगर आपको यह मेरी पोस्ट पसंद आई है तो इसे like करना और मुझे follow करना ना भूलें।👌

🙏🚩विश्व माता-पिता दिवस हर साल 1 जून को मनाया जाता है। यह दिन माता-पिता के निस्वार्थ प्रेम, त्याग और समर्पण को सम्मानित क...
01/06/2024

🙏🚩विश्व माता-पिता दिवस हर साल 1 जून को मनाया जाता है। यह दिन माता-पिता के निस्वार्थ प्रेम, त्याग और समर्पण को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। उनके योगदान और देखभाल को सराहना का यह विशेष अवसर हमें उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने और उनके महत्व को पहचानने का मौका देता है।🇮🇳🔔👍💥

पसंद आए तो लाइक शेयर और फालो कीजिए 🙏🙏      विवेकानंद रॉक शिला कन्याकुमारी, तमिलनाडु में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है...
01/06/2024

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विवेकानंद रॉक शिला कन्याकुमारी, तमिलनाडु में स्थित एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह शिला बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और हिंद महासागर के संगम पर स्थित है। स्वामी विवेकानंद ने 1892 में यहां ध्यान किया था, जिसके उपलक्ष्य में 1970 में इस स्मारक का निर्माण किया गया। शिला पर एक भव्य मंदिर और विवेकानंद की एक विशाल प्रतिमा है। इसे भूमि-तट से लगभग ५०० मीटर अन्दर समुद्र में स्थित दो चट्टानों में से एक के ऊपर निर्मित किया गया है। एकनाथ रानडे ने विवेकानंद शिला पर विवेकानंद स्मारक मन्दिर बनाने में विशेष कार्य किया। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक🚩 संघ के सरकार्यवाह थे। स्थल का शांत वातावरण ध्यान और आत्मचिंतन के लिए आदर्श माना जाता है। यहां से सूर्यास्त और सूर्योदय🌞 का मनमोहक दृश्य भी देखा जा सकता है। यह स्थल भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता🔔 का प्रतीक है।

31/05/2024

जानिए रानी अहिल्याबाई होलकर

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