21/07/2025
प्रेस विज्ञप्ति
*जीवन में गुरु का महत्व एवं आत्म बोध से विश्व बोध* आज गुरु की महिमा उत्सव आयोजन अखिल भारतीय साहित्य परिषद् राजस्थान इकाई भादरा द्वारा सम्पन हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्म संघ महाविद्यालय के प्राचार्य शिक्षाविद डॉ विदिश दत्त शर्मा द्वारा की गई। कार्यक्रम का आगाज वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया । अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ विदिश दत्त शर्मा ने कहा कि जीवन में गुरु का होना बहुत जरूरी है उन्होंने कहा कि वैदिक साहित्य का हमारे जीवन में चमत्कारी प्रभाव है अपने आध्यात्मिक संत परंपरा गुरुओं द्वारा आज हमारी सनातन संस्कृति का प्रचार प्रसार विश्व में किया जा रहा हैं वर्तमान में वैदिक महाविद्यालय में गुरुकुल शिक्षा पद्धति से सुदृढ़ समाज एवं राष्ट्र निर्माण कारी शिक्षा दी जा रही है गुरु के साथ शिष्य चलेगा तो अवश्य ही वह आगे चलकर नए भारत का स्वामी विवेकानंद बनेगा अन्यथा आज गुरुओं का अनुसरण नहीं करने वाले जीवन पथ भूलकर नशे की ओर अग्रसर है जो चिंताजनक हैं। कार्यक्रम में बोलते हुए अखिल भारतीय साहित्य परिषद राजस्थान के प्रांत के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कर्ण सिंह बेनीवाल ने कहा कि गुरु का जीवन में बहुत महत्व है गुरु के बिना जीवन में अंधकार है सनातन संस्कृति की गुरु-शिष्य परम्परा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि आत्म बोध से विश्व बोध क्यों जरूरी है भारत की सनातन परम्परा कल्याण कारी परंपरा रही हैं युवाओं को विविध क्षेत्रों में गहन अध्ययन की आवश्यकता है चाहे शिक्षा हो,साहित्य हो,कृषि हो , वास्तु शास्त्र हो,राजनीति शास्त्र हो ।पहले आत्म ज्ञान मजबूत करने की आवश्यकता है तभी हम विश्व को बोध कर सकेंगे । मोबाइल ने युवा पीढ़ी को पुस्तकों से दूर किया है जिसके गहन अध्ययन संभव नहीं है । स्थानीय राजकीय महाविद्यालय में हिंदी के प्रोफेसर विद्वान डॉ पवन कुमार शर्मा ने अपने वक्तव्य में कहा कि जीवन में अज्ञान रूपी अंधकार को मिटाने का कार्य गुरु करता हैं साथ ही गुरु अपने आप को परेशानी में डालकर शिष्य के हित के लिए सदैव प्रयत्नशील रहता है सतगुरु ऐसा चाहिए जैसे लोटा डोर
कंठ फसावे आपनो लावे नीर झकोर। गुरु महिमा कार्यक्रम के अवसर पर राजस्थान भूतपूर्व सैनिक संघर्ष मंच भारत के राजस्थान प्रभारी एवं वरिष्ठ साहित्यकार,इतिहासकार परिषद के सदस्य विरेन्द्र नाहटा ने कहा कि गुरु स्वयं पीछे रहकर शिष्य को शिखर पर पहुंचाने का प्रयत्न करता है हमारी परंपराओं में ऐसे अनेक उदाहरण सामने मिलते हैं वर्तमान युग में गुरु एवं शिष्य को ज्यादा सजग रहते हुए आचरण करने की आवश्यकता है
अंत में सभी आभार व्यक्त करते हुए शंकर लाल बंसल ने बताया कि गुरु की महिमा के ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक महत्व को रेखांकित करते हुए इसे आत्मिक उन्नति का पर्व बताया। कार्यक्रम में रत्न लाल गोल्यान ने संदेश भेजकर बताया कि गुरु की महिमा बड़ी है इस पर अपने विचार व्यक्त करते हुए गुरु को जीवन का पथप्रदर्शक बताया। इस अवसर पर साहित्यकार रत्न जी,पवन जी शर्मा,वीरेंद्र जी नाहटा ,शुभंकर, संदीप, राकेश सहित अन्य महाविद्यालय साहित्य विद्यार्थियों ने भी अपने विचार साझा करते हुए गुरु को जीवन की सबसे बड़ी प्रेरणा शक्ति बताया।
कार्यक्रम अंत में सभी ने गुरुओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया और कल्याण मंत्र द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया।