
21/09/2025
जीएसटी दरों में बड़ा बदलाव: कल से 99% सामान सस्ता, दुकानदारों पर निगरानी की नजर!
नई दिल्ली, 21 सितंबर 2025 (न्यूज डेस्क): कल यानी 22 सितंबर से भारत में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) की नई व्यवस्था लागू हो जाएगी, जो आम आदमी के लिए बड़ी राहत लेकर आ रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित जीएसटी 2.0 सुधारों के तहत कर स्लैब को सरल बनाया गया है। अब मुख्य दरें 0%, 5%, 18% और 40% की होंगी, जिसमें 99% वस्तुएं अब 5% के स्लैब में आ जाएंगी। इसका मतलब है कि अनाज, दूध, पैकेज्ड फूड, दवाइयां, मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज जैसी ज्यादातर चीजें सस्ती हो जाएंगी। 12% और 28% स्लैब को खत्म कर दिया गया है, जिससे उपभोक्ताओं को 'डबल बोनांजा' मिलेगा।
क्या सस्ता होगा? एक नजर:
0% (छूट): ताजा अनाज, दूध, अंडे जैसी जरूरी चीजें टैक्स-फ्री।
5% (मेरिट रेट): चाय, खाद्य तेल, दवाइयां, घरेलू एलपीजी, पैकेज्ड फूड।
18% (स्टैंडर्ड रेट): मोबाइल, टीवी, एसी, कारें, ज्यादातर सेवाएं (जैसे सैलून, योगा क्लास अब 5% पर बिना इनपुट क्रेडिट)।
40% (लक्जरी): प्रीमियम कारें, हाई-एंड बाइक, एरेटेड ड्रिंक्स। सोना 3%, रत्न 0.25% पर।
ये बदलाव 56वीं जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर आधारित हैं, जो 3 सितंबर को हुई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "यह सुधार घरेलू उपभोक्ताओं, किसानों और छोटे व्यापारियों के लिए वरदान साबित होंगे।" सीबीआईसी ने 17 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी कर इसे 22 सितंबर से लागू करने की पुष्टि की।
दुकानदार कल से सामान कम कीमत पर देंगे?
हां, सरकार की उम्मीद यही है! जीएसटी दरों में कटौती से इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा मिलेगा, जिससे उत्पादन लागत घटेगी और खुदरा दाम कम होने चाहिए। उदाहरण के लिए, 28% स्लैब वाली इलेक्ट्रॉनिक्स (जैसे वॉशिंग मशीन) अब 18% पर आएंगी, जिससे कीमतें 5-10% तक गिर सकती हैं। लेकिन क्या दुकानदार वाकई ऐसा करेंगे? विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर ईमानदार व्यापारी तुरंत अपडेट करेंगे, खासकर बड़े चेन स्टोर्स में। हालांकि, छोटे दुकानदारों को सिस्टम अपडेट में थोड़ा वक्त लग सकता है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर दुकानदार पुरानी दरें वसूलते पाए गए, तो सख्त कार्रवाई होगी।
सामान का पैसा ज्यादा लिया गया या कम? कैसे पता चलेगा?
यह सवाल हर उपभोक्ता के मन में है! चिंता न करें, सरकारी तंत्र अलर्ट मोड पर है। यहां कुछ आसान तरीके:
बिल चेक करें: हर खरीदारी पर जीएसटी बिल लें। उसमें नई दर (जैसे 5% या 18%) और कुल टैक्स अमाउंट लिखा होना चाहिए। पुरानी दर (12% या 28%) दिखे तो शक करें।
ऑनलाइन टूल्स: जीएसटी पोर्टल (gst.gov.in) पर HSN कोड चेकर से किसी सामान की नई दर सर्च करें। क्लियरटैक्स या अन्य ऐप्स पर भी लिस्ट उपलब्ध है।
शिकायत करें: ज्यादा चार्ज लगे तो राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) या राज्य के कंज्यूमर फोरम पर तुरंत शिकायत करें। एनजीआरएस (जगो अहलिक) ऐप से भी रिपोर्ट करें। सरकार ने विशेष हेल्पलाइन लॉन्च की है, जो 22 सितंबर से 24x7 चलेगी।
तुलना करें: पुरानी कीमत से तुलना करें। अगर कोई बदलाव न दिखे, तो लोकल टैक्स ऑफिसर से संपर्क करें।
ये सुधार न केवल कीमतें घटाएंगे, बल्कि कर प्रणाली को पारदर्शी बनाएंगे। कैस्केडिंग इफेक्ट (टैक्स ऑन टैक्स) खत्म होने से अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा। उपभोक्ता रहें सतर्क, और कल से शॉपिंग का मजा लें – लेकिन बिल जरूर चेक करें!
(रिपोर्ट: न्यूज डेस्क | स्रोत: जीएसटी काउंसिल, सीबीआईसी नोटिफिकेशन)