27/11/2025
लखनऊ में 16वीं एड लीडरशिप इंटरनेशनल राउंडटेबल के समापन कार्यक्रम में सांसद चौधरी ने लिया भाग
रमेश सुथार सिरोही
लखनऊ/सिरोही 27 नवम्बर।गुरुवार को लखनऊ में 16वीं एड लीडरशिप इंटरनेशनल राउंडटेबल के समापन कार्यक्रम में जालोर सिरोही सांसद लुंबाराम चौधरी ने विशिष्ट अतिथि के रूप में भाग लिया।
CMS स्कूल के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत 26 वा इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑफ चीफ जस्टिस ऑफ द वर्ल्ड के प्रोग्राम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी, डॉ जितेंद्र सिंह जी आदी ने शिरकत की।
भारत शिक्षा को नए सिले से परिभाषित कर रहा है और यह परिवर्तन अभी, वहीं लखनऊ में हो रहा है। 16वीं एड लीडरशिप इंटरनेशनल राउंडटेबल, देश का सबसे बड़ा और प्रभावशाली शिक्षा नेतृत्व सम्मेलन, एक साहसिक विषय के साथ आरंभ हुआ है। बोन एजुकेशन विक्रम्स PATH' का सम्मेलन केवल भाषणों या औपचारिकताओं तक सीमित नहीं है, यह कार्रवाई, नवाचार और बच्चों के सोखने के नए दृष्टिकोण का मंच है। इस दृष्टि के केंद्र में है ALFA PATH मांदल, जिसे शिया सुधारक डॉ. सुनीता गांधी संस्थापक GETI (मनोबल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और DEVI SANSTHAN विनिये एजुकेशन विजन इंटरनेशनल) ने दो दशकों से अधिक अनुभव के आधार पर विकसित किया है। यह मॉडल एक गेम चेंजर शिक्षण पद्धति साबित हो रहा है। भारत की राष्ट्रीय शिथान (NEP) 2020 के ALFA PATH सार्वभौमिक बुनियाद साक्षरता और गणनाक्षमता प्राप्त करने के राष्ट्रीय मिशन को आगे बढ़ाता है।
यह रोजमर्रा की कक्षाओं को आनंदमय और सथम बनाता है, जिसमें 4Cs सहयोग, संचार, आलोचनात्मक चिंतन और(Paired Learning) के माध्यम से अनुरुध्यों द्वारा संचालित कक्षा में सीखना पारंपरिक तरीकों की तुलना में तीन तेज होता है। बच्चे आत्मविश्वास और आनंद के साथ फाना और गणित में निपुणता प्राप्त करते हैं। यह मॉडल फाले से ही 10,000 स्कूलों में सक्रिय है और 35,000 और स्कूलों के साथ समझौते किए जा चुके है। ALFA तेजी से विस्तार कर राह है और दिखता है कि शिक्षण पद्धति को पुनः अमरपरिको यहि और समानता के साथ हासिल है। इस परिवर्तन को राष्ट्रीय महत्व प्रदान करते हुए, रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह सम्मेलन को एक सशक्त वीडियो संदल दिया। उसने PATH अवेलन का समर्थन किया और भारत की शिक्षा प्रणाली में मौलिक बदलाव का आह्वान किया। उन्होंने हमें को 21वीं सदी के कौशल सहयोग, संचार, आलोचनात्मक चिंतन और कियामत से लैस करने को करत आवश्यकता पर बल दिया और ल PATH माल की सराहना की, इसे भारत के बच्चों को पलिय की चुलियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया